पर्यावरण मित्र- रोहा इंडस्ट्रियल असोसिएशन

रोहा की घाटाव औद्योगिक बसाहत की ओर अनेक भूमिकाओं से देखा जाता है। स. गो. वैद्य ने रोहा के विकास का स्वप्न देखा और उसे रोहा के सुपुत्र केन्द्रीय अर्थमंत्री डॉ. चिंतामन राव देशमुख के माध्यम से साकार किया। रासायनिक उद्योग में अग्रसर उद्योजकों ने रोहा की काया पलट दी है। एक ओर उन्होंने रासायनिक उद्योगों के द्वारा आर्थिक सक्षमता को बढ़ाया साथ ही इनके कारण होनेवाले विनाश को भी नियंत्रित किया। आज रोहा से करीब 400 करोड़ रुपयों का राजस्व सरकार को दिया जाता है और लगभग 2000 करोड रुपयों की विदेशी मुद्रा आती है।

जैसे-जैसे मनुष्य ने प्रगति की, उसकी प्रकृती से निकटता कम होती होती गयी। इसके कारण पर्यावरण असंतुल के विभिन्न प्रश्न निर्माण हुए। इस अंक के माध्यम से रोहा इंडस्ट्रियल असोसिएशन के कार्यवाह पी. पी. बार्द्रेशकर, सहकार्यवाह ललित गुजर और जनसंपर्क संचालक भालचंद्र सप्रे की प्रत्यक्ष भेंट हुई। वार्तालाप के दौरान रोहा औद्योगिक वसाहत में पर्यावरण संवर्धन की आवश्यकता के विषय में उन्होंने कहा कि ‘रोहा इंडस्ट्रियल असोसिएशन की स्थापना हुए 35 वर्ष हो चुके हैं। जहां रसायन होंगे, वहां प्रदूषण होगा ही। इस सत्य को कोई झुठला नहीं सकता। दो रसायनों को एकत्र करके जब कोई केमिकल उत्पादक बनाया जाता है तो कुछ रसायनों के प्रोडक्ट बनते हैं। कुछ अपने गुणधर्मों के अनुसार हवा में 35 जाते हैं, कुछ तरल हो जाते और पानी में बह जाते हैं और कुछ का घन कचरा बन जाता है। कारखानों को लगाने और शुरु करने के पूर्व ही मालिक इस बात का वचन देते हैं। कि वे हवा, पानी प्रदूषित करने वाली इन सभी समस्याओं के निबटान की समुचित व्यवस्था करेंगे, उसके बाद ही उन्हे औद्योगिक कारखाने 25 रु करने की इजाजत मिलती है। क्या इस वचन पर और पर्यावरण संबंधित कानूनों पर अमल किया जा रहा है? इस प्रश्न पर नजर रखने, उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण कानून के अंतर्गत अपने उद्योगों को चलाने के लिये रोहा इंडस्ट्रियल असोसिएशन द्वारा संचालित सी.ई.टी.पी. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सहायक के रुप में कार्य कर रही है।
सी.ई.टी.पी. शुरु होने के पूर्व रोहा में बहुत प्रदूषण था। उसका असर समाज पर भी पड़ रहा था। जब सी.ई.टी.पी. की योजना रोहा में चलाई गई तब कई उद्योगकर्मियों से चर्चा की गई और सभाएं बुलाई गई। प्रत्येक उद्योग की क्षमता के अनुसार सी.ई.टी.पी. का प्रारुप तैयार किया गया। प्रदूषण कानून की जानकारी सभी को दी। पहले जनजागृति और उसके बाद प्रत्यक्ष कार्य करने की नीति से रोहा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के माध्यम से सी.ई.टी.पी. नामक परियोजना रोहा औद्योगिक परिक्षेत्र में शुरु हुई। 1994 से 2005 तक यह सीईटीपी पायलट टेस्ट प्रोजेक्ट के रूप में कार्यरत था। यह प्रत्यक्षत: 2005 से रजिस्टर्स होकर सेवा दे रहा है।

प्रदूषण नियमों का पालन करने के लिइ 250 सीओडी सरकार का पैरामीटर है। इस नियम का पालन करके ही कारखानदार अपना उद्योग चला रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा स्थानीय कारखानों के बीच समन्वय और नियंत्रण करने की हमारी भूमिका रही है, इस कारण पिछले कुछ वर्षों में रोहा का प्रदूषण काफी हद तक कम करने में हम सफल रहे हैं। इस सीईटीपी प्लॉट के माध्यम से भारी पैमाने पर घनकचरा निर्माण होता है। हम लोग मुंबई वेस्ट मैनेटमेंट के सदस्य हैं। यहां का घनकचरा तलोजा घनकचरा प्रक्रिया केंद्र में भेजकर उसका उचित निस्तारण किया जाता है। सीईटीपी से प्रक्रिया किया गया पानी कूपनलिका में न छोड़कर दूर की खाडी में छोड़ा जाता है। कोकण के अन्य औद्योगिक वसाहत में प्रवेश करते वक्त ही रसायनिक तत्त्वो की उग्र गंध रोहा औद्योगिक वसाहत में नही आती। रोहा औद्योगिक वसाहत को रासायनिक गैसो की गंध से युक्त करने का ?? रोहा औद्योगिक वसाहत के सामंजस्य बनाने वाले उद्योगों को दिया जा रहा है। वे आगे कहते हैं कि प्रदूषित जल, प्रदूषित हवा और प्रदूषित घन कचरे का निस्तारण करने का उचित व्यवस्थापन हम लोग रोहा में कर सकते हैं। हमसभी रोहा की प्रदूषण से जुड़ी समस्याएं संगठित होकर हल करने का प्रयत्न किया है। प्रदूषण से जुड़ी सभी समस्याएं तो हल होना संभव नहीं हुँ, पर प्रदूषण विषयक समझ उद्योगों तथा समाज में लाकर सुखद भविष्य की ओर बढ़ने के लिए उठाया गया यह पहला कदम काफी कारगर साबित हुआ है।

रोहा औद्योगिक एसोसिएशन की स्थापना के समय श्री ??? पारीख, सुदर्शन के मिकल के डॉ. राठी, एक्सल इंडस्ट्रीज के अश्वीन भाई श्राफ, धरमशी मोटार जी केमिकल के, श्री वेंकट रामन, कुलरकेम के श्री टिल्लू, रोहा कॉर्पोरेट के श्री बुधवानी आगे आए। अत्यंत कठिन परिश्रम करके यहाँ उद्योग उन्होने स्थापित किया है। वर्तमान में डी.पी.पी. वाहशकर कार्यवाह हैं। चेमलैन के तौर पर श्री किशोर राठी कार्यरत हैं इनके साथ बुधवानी समेत कुछ अन्य लोग भी है।

पर्यावरण नियंत्रण के लिए स्थापित की गई रोहा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन रोहा के विकास के लिए महत्त्व पूर्ण योगदान दे रही हैं। बेरोजगारोें का उद्योग मेला आयोजित करके उसके माध्यम से कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के अलावा स्वास्थ्य और सुरक्षा (हेल्थ हेड सेफ्टी) इस विषय पर विशेष प्रशिक्षण समारोह आयोजित किया जाता है। इस प्रशिक्षण समारोह में सुरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ एकांकी भी प्रस्तुत की जाती है। स्वास्थ्य शिबिरों का आयोजन भी संस्था की ओर से किया जाता है। हर साल वृक्षारोपण कार्यक्रम भी होता है। जिसके तहत 25000 इस लगाने का लक्ष्य रखा गया है। संस्था की ओर से रोहा इंडस्ट्रीयल रिक्रियेएशन म्लवकी स्थापना की गई है। इस क्लब के माध्यम से कामगारों, अधिकारियों तथा ठेकेदारों के लिए खेलों की विविध स्पर्धाएं अनेक विषयों पर सेमिनार का आयोजन भी किया जाता है, ऐसे आयोजन के लिए यहां एक नाट्यगृह का निर्माण किया गया है।

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