हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
मॉरीशस में पांच दिन

मॉरीशस में पांच दिन

by वीरेन्द्र याज्ञिक
in जून -२०१३, सामाजिक
0

मॉरीशस को लघु भारत कहा जाता है, किन्तु यदि आप मॉरीशस का प्रवास करके वहां के लोगों के जीवन को निकट से देखें तो ऐसा लगेगा कि वह लघु भारत नहीं, बल्कि वह भारत की विशालता और विराट वैभव को लेकर के जी रहा है और हिन्दू सभ्यता तथा संस्कार का पोषण कर रहा है।

मॉरीशस भारत से लगभग 5000 कि. मी. दूरी पर हिन्द महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप है। चारों तरफ समुद्र से घिरा हुआ, यह द्वीप अफ्रीका का प्रवेश द्वार है। लगभग 100 कि. मी. लम्बा तथा 70 कि. मी. चौड़ा यह हरा-भरा सुरम्य प्राकृतिक भूखण्ड भारतीय रहन-सहन तथा जीवन पद्धति का जीता जागता नमूना है। मॉरीशस की कुल जनसंख्या लगभग 13 लाख है और इनमें 52% से अधिक भारतीय (हिंदू) मूल के लोग हैं। आप जब मॉरीशस के सर शिव सागर राम गुलाम हवाई अड्डे पर उतरते हैं तो एयर पोर्ट से लेकर राजधानी पोर्ट लुइस तक आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत के ही किसी शहर या कस्बे में घूम रहे हैं। मॉरीशस में रामायण सेण्टर के परिसर में निर्माणाधीन श्री राम मन्दिर के आध्यात्मिक सभागार के उद्घाटन के पावन अवसर पर दिनांक 17 अप्रैल से 21 अप्रैल 2013 तक पांच दिनों की भारत के 70 सदस्यीय सांस्कृतिक सद्भावना मण्डल की मॉरीशस यात्रा अविस्मरणीय ही नहीं, बल्कि अद्भुत रही थी। यह एक ऐसा ऐतिहासिक अवसर था, जब भारत के प्रतिनिधि मण्डल को सरकारी तथा गैर सरकारी दोनों ही स्तर पर अभूतपूर्व स्नेह और सम्मान प्राप्त हुआ।

श्री रामायण सेण्टर मॉरीशस का ऐसा सांस्कृतिक‡आध्यात्मिक और अध्ययन केन्द्र है, जहां मॉरीशस के लोग अपनी संस्कृति और संस्कार का अध्ययन करने के लिए आते हैं। गुरुजी के नाम से विख्यात मानस मर्मज्ञ श्री राजेन्द्र अरुण रामायण सेण्टर के परमाध्यक्ष हैं। आपके ही प्रयासों और पुरुषार्थ से रामायण सेण्टर की स्थापना वर्ष 2002 में मॉरीशस की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के अन्तर्गत की गयी है, जिसके द्वारा मॉरीशस में रामायण का अध्ययन, अनुशीलन तथा अनुसंधान के विभिन्न प्रकल्प तथा योजनाओं पर काम किया जा रहा है। रामायण सेण्टर कार्य की दृष्टि से दो विभाग हैं, पहला अध्ययन केन्द्र है, जिसके अन्तर्गत रामायण का अध्ययन, अनुसंधान, हिंदू संस्कृति और संस्कार का प्रचार‡प्रसार तथा भारतीय तत्व दर्शन का मॉरीशस तथा अन्य भारत‡वंशी बहुल देशों जैसे सूरीनाम, मालदीव, त्रिनिदाद आदि में अध्ययन की सुविधाएं उपलब्ध कराना, दूसरा आध्यात्मिक केन्द्र है, जिसके अन्तर्गत रामायण सेण्टर में विशाल श्रीराम मन्दिर का निर्माण तथा उसका परिचालन एवं रख-रखाव, साथ ही आध्यात्मिक केन्द्र के अन्तर्गत मॉरीशस में बोडस संस्कार को प्रचारित करना, पूजा‡पाठ की पद्धति को शुद्धता के साथ स्थापित, करना तथा अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि को सही प्रकार से कराने के लिए पंडितों, आचार्यों को प्रशिक्षित करना। इस क्रम में रामायण सेण्टर के अध्ययन केन्द्र की स्थापना वर्ष 2007 मेंहो गयी थी, जिसका उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमन्त्री माननीय श्री नवीन राम गुलाम द्वारा किया गया था। इस समय रामायण सेण्टर में रामायण के अध्ययन, गायन शैली तथा मंचन की कक्षाएं चल रही हैं, जिसमें 100 विद्यार्थी नियमित रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

बाद में रामायण सेण्टर के आध्यात्मिक केन्द्र के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया, जिसमें एक विशाल राम मन्दिर है। इसके तल मंजिल में आध्यात्मिक सभागार की व्यवस्था, सत्संग, प्रवचन, विवाह तथा अन्य सामाजिक‡सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए की गयी है। इसी सभागार के उद्घाटन के अवसर पर पं. राजेन्द्र अरुण द्वारा भारत के लोगों को आमंत्रित किया गया था। श्री अरुण जी के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए भारत से 75 सदस्यीय प्रतिनिध मण्डल मॉरीशस गया था, जिसमें 65 लोग मुंबई से तथा 10 लोग दिल्ली से सम्मिलित हुए थे। इस प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व मुंबई के सुप्रसिद्ध समाजसेवी तथा प्रखर मनीषी श्री स्वरूपचंद गोयल ने किया था। इस सांस्कृतिक सद्भावना यात्रा का सम्पूर्ण संयोजन बोनोजा पोर्ट फोलियो लि. के प्रबन्ध निदेशक श्री एस. पी. गोयल, श्री सुरेन्द्र विकल एवं श्री सुभाष चौधरी ने किया था।

भारत से 65 लोगों के प्रतिनिधि मण्डल ने दि 17 अप्रैल को अपनी यात्रा प्रारम्भ की थी। एयर मॉरीशस का विमान अपरान्ह 11.30 बजे सर शिव सागर राम गुलाम के हवाई अड्डे पर उतरा तो वहां रामायण सेण्टर के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र अरुण अपने कार्यकर्ताओं के साथ स्वागतार्थ पहले से ही मौजूद थे। स्वागत‡परिचय के बाद प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों को बसोें में बैठाकर उनके विश्राम स्थल समुद्र तट पर स्थित, फ्लिक एन फ्लॉक में सॉफिटल इम्पीरियल रिसॉर्ट में भेज दिया गया।

सायंकाल 6.00 बजे श्री राजेन्द्र अरुण तथा उनके रामायण सेण्टर के पदाधिकारियों ने रिसॉर्ट में जाकर उनके कुशल क्षेम के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों में कुछ साहित्यिक लोग भी थे, उनमें से श्री महावीर नेवटिया, श्री बनमाली चतुर्वेदी तथा डॉ. कन्हैया लाल अग्रवाल ने अपनी कविताओं से सभी उपस्थित लोगों का मनोरंजन किया और श्रीमती श्यामारंगा तथा श्री अजय याज्ञिक ने अपने भजनों से सभी को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।

दिनांक 18 अप्रैल को भारतीय प्रतिनिधि मण्डल का समय मॉरीशस के राष्ट्रपति महामहिम श्री कैलाश प्रयाग के साथ निश्चित किया गया था। निश्चित समय पर प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्य श्री स्वरूपचंद गोयल के नेतृत्व में स्टेट हाउस पहुंचे। वहां मॉरीशस के राष्ट्रपतिजी ने प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से भेंट की और बातचीत की। प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों का परिचय और उनके श्री राम मन्दिर के निर्माण में सहयोग के बारे में श्री राजेन्द्र अरुण ने जानकारी दी। प्रतिनिधि मण्डल को सम्बोधित करते हुए महामहिम राष्ट्रपतिजी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के सांस्कृतिक और सामाजिक सम्बन्ध उतने ही पुराने और आत्मीय हैं, जितना कि मॉरीशस देश, मॉरीशस के लोग, भारत को बड़े ही सम्मान तथा सद्भावना की दृष्टि से देखते हैं और वहां की संस्कृति तथा संस्कार से सदैव प्रेरणा ग्रहण करते हैं। श्री रामायण सेण्टर के बारे में राष्ट्रपतिजी ने बताया कि यह सेण्टर मॉरीशस और भारत के बीच बना सेतु है, जो दोनों देशों को उनकी परम्परा और मनीषा से जोड़ता है। राष्ट्रपतीजी ने राम मन्दिर के निर्माण में श्री भागवत परिवार, मुंबई के माध्यम से भारत के लोगों द्वारा दिये जा रहे सहयोग के लिए प्रतिनिधि मण्डल का आभार भी व्यक्त किया। बाद में उन्होंने स्टेट हाउस के खुले प्रांगण में प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों के साथ फोटो खिचाये।

दि. 18 अप्रैल को सांयंकाल होटल में भारतीय प्रतिनिधि मंडल से भेंट करने के लिये मॉरिशस के संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री श्री चुन्नी पधारे थे। उन्होंने भारतीय प्रतिनिधि मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और मॉरिशस की संस्कृति एक है। मॉरिशस की जनता भारत के लोगों से तथा उसकी परंपरा एवं मनीषा से प्रेरणा लेती रहती है। प्रत्येक वर्ष मॉरिशस से हजारों व्यक्ति भारत के तीर्थों तथा दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने के लिये भारत आते हैं तथा वहां पर उनका जैसा स्वागत किया जाता है उसके लिये मॉरिशसवासी हमेशा आभारी होंगे। अंत में पर्यटन मंत्री ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों का व्यक्तिगत रूप से परिचय प्राप्त किया और मॉरिशस सरकार की ओर से उन्हे स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

शनिवार, दि 19 अप्रैल को रामायण सेण्टर के परिसर में निर्माणाधीन श्री राम मन्दिर के आध्यात्मिक सभागार का उद्घाटन मॉरीशस के राष्ट्रपति के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। उस दिन राम नवमी का विशेष पर्व था। खचाखच भरे हाल में जब राष्ट्रपतिजी ने प्रवेश किया, तब सभी ने तुमुल हर्ष ध्वनि से उनका स्वागत किया। श्री अजय याज्ञिक एव श्रीमती श्यामारंगा के युगल स्वरों में मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। भारतीय प्रतिनिधि मण्डल की ओर से राष्ट्रपतिजी का सम्मान श्री वीरेन्द्र तथा श्री अजय याज्ञिक ने किया बाद में राष्ट्रपतिजी ने प्रतिनिधि मण्डल के नेता श्री स्वरूपचंदजी गोयल का सम्मान किया। भारतीय प्रतिनिधि मण्डल की ओर से बोलते हुए श्री वीरेन्द्र याज्ञिक ने मॉरीशस की जनता को बधाई दी और कहा कि मॉरीशस ने जिस आत्मीय भाव से हिंदू संस्कृति और जीवन मूल्यों को संजो कर के रखा है, वह हम सब के लिए न केवल गौरव का विषय है बल्कि अनुकरणीय भी है। भारत के सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए श्री याज्ञिक ने कहा कि श्री राम मन्दिर के लिए मॉरीशस की संसद द्वारा पारित अधिनियम वास्तव में मॉरीशस सरकार और वहां की जनता का श्री राम के प्रति अगाध श्रद्धा और अप्रतिम विश्वास का परिचायक है। हर्ष ध्वनि के बीच श्री राम मन्दिर के निर्माण में सभी प्रकार का सहयोग देने का संकल्प श्री याज्ञिक ने व्यक्त किया। बाद मेें दोपहर में ठीक 12 बजे श्री राम जन्मोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ। श्री अजय याज्ञिक ने श्री राम चरित मानस श्री राम जन्म प्रसंग का समधुर गायन किया और बधाई गीत के समय तो जैसे पूरा सभागार नाच रहा था, ऐसा दृश्य उपस्थित हो गया। बाद में सभी लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और एक दूसरे को बधाई देते हुए अपने‡अपने घरों को पधारे।

दिनांक 21 अप्रैल को ही रामायण सेंटर में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का विदाई समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें भारतीय उच्चायुक्त के सर्वोच्च पदाधिकारी अरूण विशेष रूप से उपस्थित थे। साथ ही मॉरिशस के अनेक गणमान्य लोग तथा रामायण सेंटर के सभी पदाधिकारी उक्त समारोह की शोभा बढा रहे थे। विदाई के अवसर पर रामायण सेंटर के परमाध्यक्ष राजेन्द्र अरूण ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल के नेता स्वरूपचंद गोयल का विशेष सम्मान किया और कहा कि रामायण सेंटर की स्थापना में भारत के लोगों का अप्ाूर्व योगदान है। भारतीय मूल की श्रीमती गणेशी का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि श्रीमती गणेशी ने राममंदिर के सभागार के निर्माण मे जो अंशदान दिया है उसके लिये वे हमेशा गणेशी परिवार के प्रति कृतज्ञ रहेंगे साथ ही भारतीय प्रतिनिधि मंडल के द्वारा दिये जा रहे सहयोग के लिये भी वे हमेशा उनके ॠणि रहेंगे। अंत में उन्होनें भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों को अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिन्ह देकर भावभीनी विदाई दी। इस अवसर पर भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने श्रीराम मंदिर के निर्माण में अपने सभी प्रकार के सहयोग के लिये मॉरिशसवासियों को आश्वस्त किया।

मॉरीशस में श्री राम जन्म पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मानाया जाता है। मॉरीशस के सभी मन्दिरों को बड़े ही मनोयोग से सजाया जाता है और दिन के ठीक 12 बजे श्री राम जन्मोत्सव के कार्यक्रम किये जाते हैं। श्री राम मॉरीशस को हिंदू जनता के केवल आराध्य ही नहीं बल्कि प्रेरणा पुरुष भी है। राम चरित मानस मॉरीशस का राष्ट्रीय ग्रन्थ है और मॉरीशस के प्रत्येक हिंदू घर में इसका नित्य पाठ और पारायण होता है। मॉरीशस के प्रत्येक हिंदू घर के सामने भगवान श्री हनुमान का छोटा मन्दिर, तुलसी का बिरवा और मन्दिर में भगवा तथा सफेद पताकाएं वहां अनायास ही हिंदू संस्कृति को जीवंत कर देती हैं। ऐसे मॉरीशस देश को और वहां की हिंदू चेतना को शत शत नमन

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: 5 days tripforeign countryhindi vivekhindi vivek magazinemauritiustravelogue

वीरेन्द्र याज्ञिक

Next Post
स्त्रियों के प्रति स्वामी विवेकानंद की भूमिका

संन्यासी का संचार शास्त्र

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0