स्वदेशी सोशल मीडिया- एप्प की दरकार

वर्तमान में वेबसाइटों, जीपीएस व अन्य प्लेटफार्मों के जरिए विदेशी एजेंसियां भारतीय सूचनाओं को प्राप्त कर क्लाउड में उसे संग्रहित कर लेती हैं। भारतीय संसाधनों के इस तरह के दुरुपयोग को रोकने और आत्मनिर्भर बनने के लिए देश का एक कोर कॉमन एप्लीकेशन उपलब्ध कराने की दिशा में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है।

भारत एक संवैधानिक देश है। एक करोड़ 36 लाख लोग यहां जीवन यापन करते हैं। भारत में जनसंख्या का एक बहतु बड़ा तबका प्रमुख रूप से खेती-बाड़ी और और लघु उद्योग पर निर्भर है। भारत प्राकृतिक स्रोतों, खनिज संपदाओं, जगंली जानवरों, समुद्री जनजीवन, जैविक संसाधनों, वनस्पति और पशुओं से समृद्ध है। यहां का मानवी जीवन इसी के सहारे चलता है।

भारत को सूचना क्रांंति ने वैश्विक पटल पर एक नई पहचान और उपलब्धि प्रदान की है। फलस्वरूप, संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से संभावनाओं, शक्तियों और सुविधाओं को तलाशना, उसकी पहचान करना और उपयोग में लाना अनिवार्य हो गया है। भारत में सूचना क्रांंति ने पूरी अर्थव्यवस्था के मानचित्र को ही पलट कर रख दिया है। डिजिटल इंडिया से लेकर मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को जन जन तक सुनियोजित और समन्वित तरीके से पहुंचाया जा रहा है। सूचना क्रांंति के अलग-अलग माध्यमों के द्वारा यह हो रहा है।

बीते एक साल में कोरोना महामारी के कठिन दौर में सूचना क्रांंति ने अहम भूमिका अदा की है। सूचनाओं के आदान-प्रदान और उस पर अत्यधिक निर्भर होना कोरोना काल में हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया। आज भी हम सूचनाओं पर अत्यधिक निर्भर हैं और मौजूदा समय में सूचनाएं विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। इसमें अलग-अलग इंटरफेस के द्वारा आंतरिक और बाहरी हस्तक्षेप होना अवश्यंभावी है। सूचना क्रांंति के इस युग में भारतीय समाज में बाहरी संस्थाओं का एक आधिपत्य और नियत्रंण स्थापित हो रहा है। खासकर सोशल नेट वर्किंग वेबसाइट्स पर बहुत ही हानिकारक सामग्री आ रही है। इन वेबसाइटों पर सोशल मीडिया मार्केटिंग फैल गई है। चीनी एप्लीकेशन पब्जी और टिक टॉक बदं हो चुके हैं; क्योंकि उनका अत्यधिक हस्तक्षेप युवाओं को बर्बादी की तरफ से ले जा रहा था।

आज के युवा इस प्रकार के एप्लीकेशन से भ्रमित हो जाते हैं और सही दिशानिर्देश के अभाव में गलत संगत और गलत क्रियाओं की आदत की वजह से उन्हें वह मंच नहीं मिल पाता जिसके कि वे योग्य होते हैं। इटंरनेट पर मौजूद फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम जैसी वेबसाइटों ने आज के युवाओं को बहुत व्यस्त कर रखा है। अलग-अलग एप्लीकेशंस और अलग-अलग प्लेटफार्म के जरिए यह एक तरह से बहुत बड़ा बाजार बन गया है।

किन्तु क्या ये एप्लीकेशंस और प्लेटफार्म भारत की असली तस्वीर दिखाते हैं? क्या ये भारत के ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक क्रियाकलापों की सच्ची तस्वीर पेश करते हैं? क्या ये वास्तव में इसकी सही व्याख्या करते हैं? क्या भारतीय युवाओं को हमारे मूल्यों, सिद्धांतों और क्रियाकलापों की जानकारी होती है? बिल्कुल नहीं।

आज हमारे आसपास जो भी घटनाक्रम हो रहे हैं उस पर बाहरी और वैश्विक ताकतें सूचना क्रांंति के माध्यम से पूरी नजर रखे हैं। आपके जीवन में क्या घटित हो रहा है?, आप क्या खा रहे हैं?, आप कहां जा रहे हैं? आप किससे मिल रहे हैं? आपकी ऑनलाइन  खरीद-फरोख्त क्या है? ऐसे अनेक विषयों की पूरी सूचना क्लाउड पर एकत्रित हो जाती है, और वह  इंटेलीजेंट इंटरफेस के द्वारा सभी को उपलब्ध होती है। यहां तक कि हमारे निजी ईमेल अकाउंट भी नियंत्रित किए जाते हैं।

गूगल और फेसबुक जैसी संस्थाओं, बाहरी शक्तियों या विदेशी एप्लीकेशन के जरिए हमारी एक तरह से लगातार गुप्तचरी हो रही है और हमारी सारी हलचलों पर भी नजर रखी जा रही है। उदाहरण के लिए जीपीएस। जीपीएस गूगल द्वारा संचालित होता है। इसका कोई भारतीय एप्लीकेशन मौजूद नहीं है, बशर्तें कि आप सुरक्षा से संबंधित कोई अन्य एप्लीकेशन फॉर्म में डाउनलोड न करें। हर राज्य की पुलिस ने इसे उपलब्ध कर रखा है। इस तरह की एप्लीकेशन को छोड़ दें तो आपकी हर हलचल पर यह विदेशी प्राइवेट एजेंसी आप पर नजर रख रही है। यह अपने आप में बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

हमारी किसानी से जुड़े, हमारे मूल्यों से जुड़े, हमारे ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े, भारतीय शासन और धर्म-कर्म, विद्या-अर्जन, लोक कल्याण और भौगोलिक परिस्थितियों के अलावा विपणन विकास हेतु जितने भी क्रियाकलाप हैं और उससे जुड़े जितने भी अभिलेख हैं, जो कहीं भी, किसी भी वक्त उपलब्ध होने चाहिए। उसे एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर एप्लीकेशन के द्वारा जोड़ने की आवश्यकता है। भारत सरकार की मदद से आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म, शेयर मार्केट, खेल जगत, ई-कॉमर्स वेबसाइट अलग-अलग प्रारूपों में, अलग-अलग माध्यमों के द्वारा हमें दिखाई पड़ती है। भारत सरकार द्वारा क्रमिक विकास को गति देने के लिए जीविका के क्षेत्रों में नवोन्मेष करने की जरूरत है।

विदेशी और बाहरी गतिविधियों के द्वारा न सिर्फ हमारे डाटा पर नजर रखी जाती है बल्कि हमारे उत्तम विचार और आविष्कार के अलग-अलग प्रारूप होते हैं उनकी भी नकल की जाती है। उन्हीं प्रारूपों को विभिन्न उत्पादों, स्वरूपों, विचारों, प्रक्रियाओं और प्रणाली द्वारा क्रय-विक्रय किया जाता है। जितना उल्लंघन, नकल, चोरी और जोड़तोड़ कर बाहरी देश और एजेंसियां सूचना क्रांति के द्वारा हमारे देश के मौजूदा संसाधनों का कर रहे हैं, वह रोका भी जा सकता है और नियमित भी हो सकता है। जरूरत है तो बस सही दिशानिर्देश, सही जानकारी हर युवा के पास पहुंचे। भारत सरकार को बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए, ताकि सूचना क्रांति के माध्यम से क्रमागत उन्नति हासिल हो सके।

एप्लीकेशन बेस्ट इनोवेशन का दृढ़संकल्प और स्थायी भारतीय समाज में स्थिति और परिवर्तन की एक नई विचारधारा को जन्म देगा और ना सिर्फ वर्तमान इससे जुड़ेगा बल्कि आने वाला भारत का भविष्य भी इससे परिपूर्ण होगा और सामाजिक कल्याण की गतिविधियां जिसमें ना सिर्फ पठन-पाठन बल्कि नौकरी की उपलब्धता, रोजमर्रा के कार्य, क्रयविक्रय और सच कहें तो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष से जुड़ीं जितनी  भी जितनी भी गतिविधियां उपलब्ध हो सकती हैं वह सूचना क्रांंति के इस नवोन्मेष के द्वारा हासिल कर पाएंगे।

कुछ मौजूदा एप्लीकेशन, जो कि भारत सरकार द्वारा आम जनता को उपलब्ध है, यहां प्रस्तुत हैं-NAVIC – Navigation with Indian Constellation, WEATHER & RADAR INFORMATION, IRCTC APPLICATION, NTES APPLICATION, AgriApp, Iffco Kisan App, UNACADEMY, BYJU’S, PRACTO, BHIM, PAYTM, ZEE5 Entertainment, NCS PORTAL, UP COP, RTI APPLICATION aur AAROGYA SETU –

– जिन्हें एकत्रित कर समावेशित करने की जरूरत है, जिससे कि हर भारतीय आसानी से उन सुविधाओं का लाभ उठा सकें। गरीब, कमजोर, पिछड़ा, लाचार और नौकरी विहीन युवा इन सुविधाओं का व्यापक लाभ उठा सकता है।

बस इस कोशिश की जरूरत है कि भारत सरकार की डिजिटल इंडिया की अवधारणा को मूर्त रूप देते हुए इन सारी जानकारियों को एक कोर एप्लीकेशन के द्वारा मुहैया कराया जाए। सूचनाओं की एक और क्रांति की अत्यंत आवश्यकता है। इसके अभाव में युवा वर्ग यहां वहां अलग-अलग गतिविधियों में लिप्त हो जाता है और भटक जाता है। हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है। जरूरत है बस उन्हें व्यवस्थित और उपलब्ध सही दिशा में जरूरतमंद युवाओं को देने की है।

समय की मांग है कि सारी जानकारियों, सूचनाओं का समावेश एक निश्चित प्लेटफार्म पर होना चाहिए, जो कि सूचना क्रांंति के माध्यम से, एप्लीकेशन इनोवेशन के जरिए हर उस व्यक्ति तक पहुंच सकता है जिन्हें इसकी जरूरत है जैसे हमारा युवा वर्ग, कामकाजी महिलाएं, पुरुष, बच्चे, बूढ़े, गृहणियां जो कि गृह कार्य के अलावा और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं। अपने रोजमर्रा के जीवन को सुगम बनाने के लिए हर तरीके की जानकारी उपलब्ध होना आवश्यक है। भारत सरकार अथक प्रयासों और अलग-अलग क्रियाकलापों के जरिए जनता को एक संभावित, मर्यादित और नवजीवन देने की कोशिश में प्रयासरत है।

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