गर्मियों में भी रहे कूल
इसी माह से गर्मी के तेवर बढ़ने शुरू हो जाएंगे, अतः हमें अपने पहनावे और खानपान के प्रति अधिक सतर्क होना पड़ेगा ताकि हम गर्मी की परेशानियों व बीमारियों से बच सकें।
इसी माह से गर्मी के तेवर बढ़ने शुरू हो जाएंगे, अतः हमें अपने पहनावे और खानपान के प्रति अधिक सतर्क होना पड़ेगा ताकि हम गर्मी की परेशानियों व बीमारियों से बच सकें।
“बियानी जी की आंखों से गंगा -जमुना बह रही थीं। वे बोले, भगवान अच्छे कर्मों का फल कैसे, कहां देंगे, यह तो हमें पता नहीं चलता। बेटा, कालचक्र में क्या कुछ निहित है कोई नहीं जानता...”
लॉलीपॉप मानवाधिकारों का एकाधिकार हो चली है, लालीपॉप की मिठास को विषाक्त रसायन में बदल देने वाला अधिकार। जी हां रसायन, केमिकल। ये केमिकल ऐसा रिएक्शन हैं कि देश द्रोहियों के शवों पर मानवता के लहू में उबाल आ जाता है और शहीदों के लहू में न जाने कौन सा वायरस है कि सारे परजीवियों, सहजीवियों, बुद्धिजीवियों की जुबाने क्वारनटाईन पर चली जाती हैं।
हम अपने बच्चों को जीवन में केवल दो महत्वपूर्ण चीजें ही दे सकते हैं- मजबूत जड़ (संस्कार) और शक्तिशाली पंख (आत्मविश्वास)। उसके बाद वे जहां चाहें, वहां उड़ सकते हैं और स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।
पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार वृद्धि और उससे बढ़ती महंगाई की मार से लोग परेशान दिखाई देते हैं। यदि राज्य सरकारें जनहित को देखते हुए केंद्र की ही तर्ज पर वैट की दर कुछ घटा दें तो राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 15 रुपये तक कम हो जाएंगी, जो बहुत बड़ी राहत होगी; क्योंकि जनता 75 से 80 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल को अब सामान्य मानने लगी है।
वर्तमान में वेबसाइटों, जीपीएस व अन्य प्लेटफार्मों के जरिए विदेशी एजेंसियां भारतीय सूचनाओं को प्राप्त कर क्लाउड में उसे संग्रहित कर लेती हैं। भारतीय संसाधनों के इस तरह के दुरुपयोग को रोकने और आत्मनिर्भर बनने के लिए देश का एक कोर कॉमन एप्लीकेशन उपलब्ध कराने की दिशा में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के भाजपा के निर्णय से जहां पार्टी और प्रदेश की जनता खुश है वहीं विपक्ष को कुछ कहते नहीं बन पा रहा है। उसके हौसले एकदम पस्त हो गए हैं।
टुकड़े-टुकड़े गैंग का एक हिस्सा नारीवादी संगठन हैं, जो महिला मुक्ति के नाम पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और समाज को तोड़ने के षड्यंत्र में लगी हुई हैं। महिलाओं और युवाओं को इनके नापाक मंसूबों से सतर्क होना चाहिए। सरकार को भी उनके खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए।
बीओटी में बनने वाली सड़कों की लागत सड़क बनाने वाली कम्पनियों द्वारा एक दीर्ध अवधि तक टोल वसूली कर निकाली जाती है। कम्पनियां कम टोल कलेक्शन बताकर इस अवधि को अक्सर बढ़वा लेती रही है। इसे उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का केंद्र माना जाता रहा है। अब मोदी सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटली पारदर्शिता के साथ जोड़ने का बुनियादी काम करके दो मोर्चों पर काम किया है।
भारत में फिलहाल कोवैक्सीन व कोविशील्ड नामक दो वैक्सीनों से टीकाकरण का अभियान विशाल पैमाने पर चल रहा है। कोवैक्सीन देश में निर्मित पूर्णतः स्वदेशी वैक्सीन है, जबकि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड के फार्मूले पर भारत में निर्मित वैक्सीन है। दोनों वैक्सीनों की प्रभावकारिता लगभग 81% है और वे सुरक्षित मानी गई हैं। भारत एक तरह से वैक्सीन उत्पादन का केंद्र बन चुका है।
ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर अब एक दिशानिर्देश जारी कर दिया है लेकिन इस दिशानिर्देश में न तो सजा का प्रावधान है और न ही किसी प्रकार के दंड का। सर्वोच्च अदालत ने इस पर कड़ी टिप्पणी की है, इसलिए सरकार की ओर से अब पुनर्विचार किया जा रहा है।
मेडिकल डायरेक्टर डॉ. वैभव देवगिरकर के संग अधिकतर ऐसे कर्मचारी थे जो घड़ी की ओर देखते ही नहीं थे ताकि आपदा की यह घड़ी टल जाये। अपने निर्धारित कार्य को करते हुए भी स्टाफ को जो भी कार्य दिया गया या कहा गया उन्होंने उसे पुरे मनोयोग से पूरा किया।