हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
मधुकर वि. लिमये

मधुकर वि. लिमये

by विशेष प्रतिनिधि
in नवम्बर २०१५, व्यक्तित्व
0

६०-६२ साल से असम में प्रचारक के रूप में कार्यरत हैं। जिस समय में पूर्वोत्तर में खुले आम ‘इंडियन डॉग्ज गो बॅक’ जैसे पोस्टर दीवारों लगाए जाते थे उस समय शेष भारत से वहां जाकर रहना कितना जोखिमभरा रहा होगा।

संघ के वरिष्ठ प्रचारक और विगत छ दशकों से असम में संघकार्य करनेवाले मधुकर विश्वनाथ लिमये जी असमी संस्कृति में दूध में शक्कर की तरह घुलमिल गए हैं। मराठी, हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली आदि भाषाओं पर उनका प्रभुत्व है।  लिमये जी के व्यक्तित्व के ऐसे अनेक पहलू हैं।

पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के लिए जानेवाले हुए लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढती जा रही है। पहले पर्यटक वहां नहीं जाते थे क्योंकि भारत के लोगों को यह पता ही नहीं था कि यह भारत का ही एक हिस्सा है। यहां के नागरिकों के चेहरे चीनी, नेपाली, तिब्बती लोगों से मिलते थे अत: उन लोगों को चीनी, नेपाली या तिब्बती समझा जाता था। यहां तक कि मिजोरम के मु्ख्यमंत्री लाल थानहावला से भी मुंबई में एक फाइव स्टार हॉटेल में पासपोर्ट मांगा था। पूर्वांचल की जनता भी शेष भारत से स्वयं को जुडा हुआ महसूस नहीं करती। पिछले कई दशकों से फैला आतंकवाद उसी काफल है। राष्ट्रीय एकात्मता के लिए यह प्रकार की चुनौती ही है। इस चुनौती को सन १९५० में रा.स्व.संघ ने स्वीकार किया।

संघ की योजनानुसार तब से सैंकडों  युवा प्रचारक के रूप में असम और राज्य में गए। सिर पर कफन बांद कर गए और वहीं के हो गए। वे युवा वहां अलग-अलग रूपों में कार्यरत रहे और वहां के स्थानीय निवासियों को शेष भारत से जोडने के लिए प्रयत्न करते रहे। इस श्रृंखला का महत्वपूर्ण नाम है मधुकर विश्वनाथ लिमये। ८५ साल के लिमये जी मूलत: से महाराष्ट्र के हैं। वे पिछले ६०-६२ साल से असम में प्रचारक के रूप में कार्यरत हैं। जिस समय में पूर्वांचल में खुले आम ‘इंडियन डॉग्ज गो बॅक’ जैसे पोस्टर दीवारों लगाए जाते थे उस समय शेष भारत से वहां जाकर रहना कितना जोखिमभरा रहा होगा, यह अलग से बताने की जरूरत नहीं है। ऐसी परिस्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा ६० साल वहां रहकर काम करना ही अपने आप में बहुत बडी बात है। लिमये जी वहां पर न सिर्फ टिके रहे बल्कि सम्पूर्ण पूर्वांचल में हो रहे काम को गति भी प्रदान करते रहे। आज वे शारीरिक रूप से भले ही थक गए हों परंतु आज भी उनका उत्साह वैसा ही है। वे कार्यवृद्धि की नई-नई योजनाएं बनाते रहते हैं। इतने साल असम में रहने के बावजूद लिमये जी ने विश्वप्रसिध्द काजीरंगा अभयारण्य अभी तक नहीं देखा। यह कुछ इस तरह ही है कि कोई मुंबई में रहे और चौपाटी पर न जाए। लिमये जी से जब बारे में पूछा तो वे कहते हैं, कि ‘पूर्वांचल के पर्यटन को मैंने अगले जन्म के लिए रखा है।’ यह वाक्य वे भले ही मजाक में कहते हों परंतुइसके पीछे गहरा अर्थ छुपा है। संघ के प्रचाार ने संघ काम को ही सर्वोपरि माना है। गणित विषय में मुंबई विश्वविद्यालय से एम.एस.सी. करनेवाले लिमये जी ने पूर्वांचल की अलग-अलग वनवासी भाषाओं में अमर चित्रकला प्रकाशित करने के लिए बहुत मेहनत की है। उनका मुख्य उद्देश्य यही था कि शेष भारत के साथ वनवासी फिर एक बार एकरूप हो सकें।

अब संघ के अनेक युवा पूर्वांचल में कार्य करते हैं। अलग-अलग माध्यम से वहां पर काम होते हैं। माय होम इंडिया ऐसी एक संस्था है। इस संस्था के द्वारा हर साल दिया जानेवाला ‘वन इंडिया पुरस्कार’ भी मधुकर लिमये जी को प्राप्त हुआ है।  पर्यटन की दृष्टि से सरकार के प्रयत्नों को अगर जनता का साथ मिला तो पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय एकात्मता स्थापित होने के लिए पोषक वातावरण तयार होने में मदद मिलेगी और लिमये जी जैसे कई तपस्वियों की कोशिश सार्थक होगी।

Tags: hindi vivekhindi vivek magazinepersonapersonal growthpersonal trainingpersonalize

विशेष प्रतिनिधि

Next Post
धरा का लाल भूपेन हाजरिका

धरा का लाल भूपेन हाजरिका

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0