संघर्ष से सफ़लता के सात साल

जो काम पिछले 70 वर्षों में भी नहीं हुए थे। अब लगभग 7 वर्षों में ही मोदी सरकार ने कर दिखाए हैं। महामारी से उत्पन्न विभीषिका को दूरदर्शिता और कुशलता से नियंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नई शक्ति और नई ऊर्जा के साथ विश्व में श्रेष्ठ स्थान पर स्थापित होने के लिए उत्सुक, तत्पर और तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 साल के कार्यकाल में अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति द्वारा मजबूत ़फैसलों से समाज और राजनीति की दशा और दिशा ही बदल दी। आज देश के गौरव और सम्मान के आगे पूरा विश्व नतमस्तक है। ज्ञातव्य है कि मोदी सरकार वर्ष 2014 में ‘अच्छे दिन’ के साथ और 2020 में ‘आत्मनिर्भर भारत’के वायदे के साथ सत्तासीन हुई। समाज एवं राष्ट्रहित में मोदी सरकार ने कई प्रभावकारी योजनाएं प्रारंभ की थीं।

‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ द्वारा देश की करोड़ों लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया। आज 40 करोड़ से भी अधिक लोगों के पास अपना बैंक खाता है। बैंक में धन जमा कर लोग लाभ पा रहे हैं और यह पैसा देश के विकास में सहयोग दे रहा है।

‘धुआं रहित भोजन’ पकाने में मदद का संकल्प लेकर ‘उज्ज्वला योजना’ प्रारंभ हुई। इसके तहत ग़रीबों को मुफ्त गैस सिलेंडर मिलने लगा। आज 10 करोड़ महिलाएं इससे लाभान्वित हुई हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री की अपील पर करोड़ों समृद्ध लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी।
जन-जन को सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम प्रीमियम राशि पर गरीबों हेतु जीवन बीमा उपलब्ध कराया। इनमें प्रमुख है-’प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना’और ‘अटल पेंशन योजना’। इसके द्वारा एक निम्न मध्यमवर्गीय एवं निम्नवर्गीय परिवार में बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर परिवार को 2 लाख से 5 लाख तक की राशि मिलती है। जिससे परिवार का आर्थिक सहारा मजबूत होता है।

स्वरोज़गार और आत्मनिर्भर होने का संकल्प पूरा करने हेतु मोदी सरकार ने युवाओं को अपना रोज़गार शुरू करने के लिए ‘मुद्रा योजना’ प्रारंभ की थी। पिछले 7 सालों से अब तक कुल 29 करोड़ लोगों को मुद्रा योजना के तहत शिशु लोन में 50 हज़ार, किशोर लोन के तहत 5 लाख और तरुण लोन के तहत 10 लाख का लोन दिया गया।

मोदी सरकार हर परिवार को पक्की छत और अपना घर देने के लिए कृतसंकल्पित है। ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पक्के मकान हेतु सरकारी मदद की जा रही है। इस योजना के द्वारा अब तक 2 करोड़ लोगों को पक्की छत मिल चुकी है।
देश का अन्नदाता किसान आज़ादी के बाद भी वर्षों से शोषित और पीड़ित रहा है। किसानों को आर्थिक मदद देने हेतु ‘किसान सम्मान निधि’ योजना प्रारंभ की गई। इसके अंतर्गत किसानों के खाते में 6000 दिए जा रहे हैं। जिससे उन्हें कृषि कार्य में सुविधा हो रही है। इसके अलावा किसानों को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून बनाए। जिससे खेत की फसल का सीधा लाभ उसके उत्पादक किसान को ही मिलेगा, न कि बिचौलियों को। इसी तरह ‘फसल बीमा योजना’ बनाई गई। जिससे किसानों को फसलों की बुवाई से कटाई तक की बीमा सुरक्षा मिल रही है।

महिलाओं की सुरक्षा के अंतर्गत मुस्लिम महिलाओं को भय मुक्त जीवन हेतु ‘तीन तलाक कानून’ बना। जिससे इन महिलाओं को अपने शौहर द्वारा छोड़े जाने और सुरक्षित भविष्य के प्रति अनिश्चित डर-भय समाप्त हो गया।

आज़ादी के सात दशक बाद भी जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का ही दर्जा प्राप्त था। वहां मोदी सरकार ने धारा 370 प्रभावी ढंग से समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बांट दिया। अब वास्तव में जम्मू कश्मीर भारत का अंग बना है। यहां अब अल्पसंख्यकों को आरक्षण लाभ मिलेगा। धारा 370 की समाप्ति से यहां अलग झंडा और अलग संविधान समाप्त हो गया। यही है ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’।

‘नागरिकता संशोधन कानून’ द्वारा पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। जिससे अब उन्हें शरणार्थी नहीं कहा जाएगा।

बेहतर रक्षात्मक कूटनीति द्वारा भारत पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने में सफ़ल रहा। आज पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने भारत से बचाव के लिए भीख़ मांग रहा है।

मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि ‘राम मंदिर’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला रही। 5 अगस्त,2020 को हिंदू समाज के गौरव भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की पहली ईंट रखी गई। ज्ञातव्य है कि, इस मंदिर निर्माण का खर्च केंद्र सरकार पर नहीं है। बल्कि, इसके लिए देश भर से 25 सौ करोड़ रुपए का चंदा मिला। जो मंदिर निर्माण की लागत से 1000 करोड़ ज्यादा ही है।

गत वर्ष और इस वर्ष भी पूरा विश्व कोरोना महामारी से त्रस्त रहा। इससे अपार आर्थिक क्षति हुई। साथ ही जनहानि भी हुई। लेकिन, कोविड-19 में लॉकडाउन और टीकाकरण के व्यापक अभियान द्वारा 136 करोड़ की आबादी में मात्र 1% से भी कम मृत्यु का आंकड़ा रहा। लॉकडाउन के दौरान हुई गरीबों को आर्थिक क्षति से जूझने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ चलाई। इसके तहत अगले 6 माह तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज मिलेगा। इसके साथ ही देश में प्रत्येक व्यक्ति को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इस भीषण महामारी में माता-पिता की मृत्यु पश्चात् अनाथ हो गए बच्चों को मोदी सरकार मुफ्त शिक्षा, ईलाज, बीमा सुरक्षा और आर्थिक सहायता देगी। ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’स्कीम के तहत यह मदद दी जाएगी। इसके लिए ‘पीएम केयर्स फंड’से खर्च किया जाएगा।

वास्तव में जो काम पिछले 70 वर्षों में भी नहीं हुए थे। अब लगभग 7 वर्षों में ही मोदी सरकार ने कर दिखाए हैं। महामारी से उत्पन्न विभीषिका को दूरदर्शिता और कुशलता से नियंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नई शक्ति और नई ऊर्जा के साथ विश्व में श्रेष्ठ स्थान पर स्थापित होने के लिए उत्सुक, तत्पर और तैयार है।

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