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विवेक पर्यावरण समिति का वृक्षारोपण में योगदान

विवेक पर्यावरण समिति का वृक्षारोपण में योगदान

by हिंदी विवेक
in पर्यावरण, फरवरी 2020 - पर्यावरण समस्या एवं आन्दोलन विशेषांक
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मैंएक पर्यावरण प्रेमी हूं और वृक्षारोपण करना मेरी शौक है। जहां मैं रहता हूं कुछ समय पूर्व वह गांव हुआ करता था। जब मैंने वृक्ष लगायए तब वह गांव था लेकिन आज वह शहर में तब्दील हो गया है। इस विकास के चक्र में मेरे द्वारा लगाए गए अधिकतर वृक्ष काट दिए गए। गांव से शहर बनने का खामियाजा वृक्षों को भुगतना पड़ा। इससे पर्यावरण को क्षति पहुंची।

कभी किसी को बिल्डिंग बनाना है, कभी किसी को गार्डन बनाना है तो कभी किसी को मैदान बनाना है। कभी न कभी किसी न किसी कारण से वृक्षों की कटाई की जाती रही है। फिर मेरे मन में यह विचार आया कि क्यों न वन विभाग की जमीन पर वृक्षारोपण किया जाए। जिससे वृक्षों की कटाई भी नहीं होगी और उसका आसानी से संरक्षण भी किया जा सकेगा। लेकिन वहां भी कई प्रकार के अनुमतियां लेने के लिए जूझना पड़ता है। बावजूद इसके ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करना बेहद जरूरी है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने इस बात का ध्यान रख कर अपना कर्तव्य निभाया भी है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से हरित क्रांति योजना अंतर्गत 4 वर्षों में 50 करोड़ वृक्षारोपण करने की योजना बनाई। 1 जुलाई 2016 को सर्वप्रथम इसकी शुरुआत करते हुए एक ही दिन में 2 करोड़ वृक्षारोपण करने का विश्व रिकोर्ड बनाया। इस योजना अंतर्गत वन विभाग की जमीनों पर आसानी से वृक्षारोपण किया जा सकता है। इससे हमें एक उम्मीद की किरण दिखाई दी और हमने अपना प्रस्ताव पेश किया।

विरार पूर्व भालिवली गांव में विवेक रूरल डेवलेपमेंट सेंटर के अंतर्गत ‘विवेक पर्यावरण समिति’ की मैंने स्थापना की। और वन विभाग से मिली अनुमति के तहत वर्ष 2016 में 1000 वृक्षारोपण किए। उनमें से 500 वृक्ष लगाने की मंजूरी मुझे वन विभाग से मिली थी। इसके अलावा विवेक राष्ट्र सेवा समिति के स्कूल में जो वनवासी बच्चे पढ़ते हैं, उन बच्चों के घरों के आसपास ये वृक्ष लगाए गए और उन बच्चों को वृक्षों के संवर्धन की जिम्मेदारी सौंपी गई।

वन विभाग की जमीन पर लगाए गए 500 वृक्ष 3 साल बाद लगभग 3000 वृक्षों के रूप में विस्तृत हो चुके हैं। हमने केवल वृक्ष लगाकर छोड़ नहीं दिया बल्कि 3 साल तक उसका संवर्धन भी किया। इसकी जिम्मेदारी स्वयं समिति ने उठाई। उन वृक्षों की सही तरीके से देखभाल करने हेतु कुछ निवृत्त वन अधिकारियों एवं विवेक राष्ट्र सेवा समिति के अनुभवी विशेषज्ञ लोगों का भी हमें सहयोग मिला। इसके अलावा वृक्षारोपण के कार्य को गति देने के लिए जनजागृति भी की गई। हमने लोगो के सामने एक वृक्ष को दत्तक लेने की योजना पेश की और उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। हम दत्तक लेने वाले व्यक्ति के नाम से वृक्ष लगाते है और समय – समय पर उसके विकास के बारे में जानकारी भी देते हैं।

 

 

Tags: biodivercityecofriendlyforestgogreenhindi vivekhindi vivek magazinehomesaveearthtraveltravelblogtravelblogger

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