कोरोना: तीसरी लहर की दस्तक

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच हमें डबल मास्क पहनना, टीकाकरण औऱ कोविड से जुड़ा उचित व्यवहार जारी रखना ही अभी सबसे ज़रूरी है। हमे इसे किसी भी तरह से हल्के में नहीं लेना चाहिए। फिलहाल शारीरिक दूरी और हाथ की सफाई को छोड़ना बिल्कुल नहीं है।

भारत में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर दस्तक दे रही है क्योंकि  यूरोप और एशिया के कई देशों में कोरोना के केस पिछले एक-दो हफ्तों में तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये तीसरी लहर की आहट है। कोरोना के सबसे ज्यादा नए केस ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, कोलंबिया और ब्रिटेन में एक बार फिर सामने आने लगे हैं। बढ़ते मामलों के इस ट्रेंड को देखें तो साफ है कि पिछले चार सप्ताह से दुनिया भर में कोरोना के मामले में खासा उछाल आया है। डब्लूएचओ के 5 जुलाई से 11 जुलाई के बीच के आंकड़ों को देखें तो इस दौरान दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा कोरोना के नए केस सामने आए, जो पिछले हफ्ते के मुकाबले तीन फीसदी ज्यादा है।

कोरोना वायरस हर दिन अपना रूप बदल रहा है और वैज्ञानिकों को चकमा दे रहा है। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि डेल्टा वायरस ने अपना रूप बदल लिया है। अध्ययन में कहा गया है कि रूप बदलने के बाद अब वायरस पर एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भी असरदार नहीं रह गया है। यह वायरस अपने आप को डेल्टा प्लस में म्यूटेट कर चुका है। म्यूटेट करने के कारण वायरस का यह रूप और खतरनाक हो गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के प्रमुख ट्रेडोस अधनोम ने दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने की जैसे ही घोषणा की, सबका ध्यान उन देशों की ओर जा रहा है जहां कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं। डेल्टा वैरिएंट अब दुनिया के 111 से अधिक देशों में फैल चुका है और सबसे ज्यादा नए केस ब्राजील से आ रहे हैं। जबकि भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, कोलंबिया ब्रिटेन में भी केस बढ़ने लगे हैं। बढ़ते हुए केसों के ट्रेंड को देखें तो यह साफ है कि पिछले चार सप्ताह से दुनिया भर में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं।

दुनियाभर में 21 जून को 3,59,800 नए मामले मिले थे वहीं 14 जुलाई को यह आंकड़े बढ़कर 4,17,163 हो गए। एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में जिस तरह से टीकाकरण दरों में वृद्धि हुई थी उससे नए मामलों में और मौतों में लगातार गिरावट हुई थी। लेकिन यूरोप के कई देशों और अमेरिका में तेजी से केस बढ़ रहे हैं। पूर्व में बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों में मामले तेजी से सामने आए हैं।

सीएसएसई के अनुसार, वैसे दुनिया के सबसे अधिक 33,946,217 मामलों और 608,104 मौतों की संख्या के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। संक्रमण के मामले में भारत 30,946,074 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। ग्रीस, तुर्की, सीरिया जैसे देशों में सबसे अधिक वृद्धि (25%) दर्ज की गई।  इसके बाद यूरोपीय क्षेत्र में 20% का इजाफा हुआ है।

कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट

डेल्टा वेरिएंट यानी इ।1।617।2 पहली बार भारत में पाया गया था और दूसरी लहर की तबाही का सबब बना था। तब से ये अब तक -ध.1 और -ध.2 में म्यूटेंट हो चुका है। इन्ही के उपवंश डेल्टा प्लस और डेल्टा वेरिएंट कहलाते हैं। जिन्होंने अपने अंदर अतिरिक्त म्यूटेशन विकसित कर लिया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि शुरूआत में घ417छ को ले जाने वाले डेल्टा (इ.1.617.2) के कुछ सीक्वेंस ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा (ॠखड-खऊ) पर पाए गए थे। पहले वाली सीक्वेंस की विशेषता यूरोप में डेल्टा में पाई जाने वाली विविधता को रोज़मर्रा की स्केनिंग में पता चली थी। जून के पहले हफ्ते में पब्लिक हेल्थ इंग्लैड में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि डेल्टा के 63 जीनोम घ417छ के साथ ॠखड-खऊ पर पाए गए थे। इन 63 जीनोम में एक कैनेडा, जर्मनी और रूस, भारत में छह, पोलैंड में नौ, नेपाल में दो, स्विटज़रलैंड में 4, पोर्तुगल में 12, जापान में 13 और यूएस में 14 पाया गया था।

टीकाकरण और तीसरी लहर

अब तक भारत में 19 फीसद लोगों को एक डोज लग चुका है वहीं देश की 4 फीसद आबादी दोनों डोज ले चुकी हैं। हालांकि पिछले हफ्ते से टीकाकरण में कुछ गति पकड़ी है और औसत 30 लाख से बढ़कर 60 लाख प्रतिदिन तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविशील्ड का एक डोज डेल्टा वेरिएंट पर 70 फीसद असरदायक होता है औऱ गंभीर बीमारी, अस्पताल जाने से बचा सकता है, लेकिन डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं है। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। कोरना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने सरकार और लोगों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। यह वेरिएंट दुनिया के दूसरे देशों में कोहराम मचा रहा है। भारत में भी अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के कई मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस तेजी से फैल रहा है। देश के कई राज्यों में इससे संक्रमित लोग पाए गए हैं। मध्य प्रदेश,राजस्थान महाराष्ट्र और दिल्ली से सटे फरीदाबाद के अलावा कई राज्यों में डेल्टा प्लस के मामले सामने आ चुके हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट पिछले कोरोना वेरिएंट से 50 से 60 फीसदी तेजी से फैलने के साथ यह इतना ही प्रतिशत शक्तिशाली बताया जा रहा। डेल्टा प्लस सीधे फेफड़ों में जाकर मजबूती से चिपक जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरीके से बर्बाद कर देता है।

अब सवाल यह है कि इस वेरिएंट से किसको सबसे ज्यादा खतरा है? तो जवाब यह है कि इस वेरिएंट से छोटे बच्चे और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा है। जानकारों के मुताबिक, बच्चों को इस वेरिएंट से बचाने के लिए ज्यादा ध्यान रखना होगा, क्योंकि जो बड़े हैं उनका वैक्सीनेशन तो हो गया है, लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन अभी नहीं हुआ है। ऐसे में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी।ऐसे में जरूरत इस बात की है कि बड़े सभी कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें। तभी बच्चों को इससे बचाया जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, इस वेरिएंट के खिलाफ लड़ने में वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित होगा, क्योंकि अगर इस नए स्ट्रेन से हम संक्रमित हो भी जाते हैं तो जो वैक्सीन है वो हमें आईसीयू वार्ड में जाने से बचा सकती है। आने वाले तीन से चार महीन के बाद तीसरी लहर सक्रिय हो सकती है। ऐसे में अभी से सभी को सावधान रहेने की जरूरत है, ताकि कोरना का डेल्टा प्लस वेरिएंट हमें अपना शिकार न बना सके।

भारत में कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल  ने कहा है कि जिस अप्रत्याशित तरीके से कोरोना वायरस का व्यवहार बदलता है, उसमें कोविड महामारी की किसी लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि ‘अनुशासन और महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम’ देश को किसी भी तरह के बड़े संकट से दूर रखने में मददगार हो सकते हैं। वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर चिंता के बीच पॉल ने कहा कि अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं है, जिससे यह स्थापित हो कि यह एक से दूसरे में तेजी से फैलने वाला है या फिर कोविड के टीके का असर कम करता है। पॉल नीति आयोग के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आकार की महामारी की नई लहर कई बातों पर निर्भर करती है। वर्तमान महामारी के मामले में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के समुचित व्यवहार, परीक्षण और संक्रमण की रोकथाम के लिए रणनीति के मामले में व्यापक अनुशासन और टीकाकरण की दर पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ’इसके अलावा, वायरस का अप्रत्याशित व्यवहार महामारी की गतिशीलता को भी बदल सकता है। ऐसे परिदृश्य में, उनका जटिल कारक संक्रमण के फैलने और उसके प्रकोप को निर्धारित करेगा।’

डेल्टा प्लस के खिलाफ प्रतिरोधक है वैक्सीन

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप डेल्टा प्लस का पता 11 जून को चला और इसे ‘चिंताजनक’ श्रेणी में रखा गया है। कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस के विरुद्ध कोवैक्सीन और कोविशील्ड की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पॉल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक आकलन के अनुसार दोनों टीके डेल्टा प्लस समेत कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं।

अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रूरत 

कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच हमें डबल मास्क पहनना, टीकाकरण औऱ कोविड से जुड़ा उचित व्यवहार जारी रखना ही अभी सबसे ज़रूरी है। हमे इसे किसी भी तरह से हल्के में नहीं लेना चाहिए। फिलहाल शारीरिक दूरी और हाथ की सफाई को छोड़ना बिल्कुल नहीं है। इसके अलावा वैज्ञानिक और डॉक्टर नए वेरिएंट के लक्षणों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। बस फिलहाल हम यही कर सकते हैं कि पहले से चली आ रही सावधानी को जारी रखें और आने वाले वक्त के लिए तैयार रहें।

 

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