हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
भारत अमेरिका संबंधों को नया आयाम

भारत अमेरिका संबंधों को नया आयाम

by अवधेश कुमार
in अप्रैल २०२०, देश-विदेश
0

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से भारत अमेरिका संबंधों में कई नए आयाम जुड़े हैं जिन्हें हम आने वाले समय में सम्पूर्ण रूप से फलीभूत होते हुए देखेंगे। इससे भारत अमेरिका के बीच संबंध ठोस बहुआयामी धरातल पर खड़े हो चुके हैं।

भारत से लौट कर अमेरिका की धरती पर कदम रखते ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया कि उनकी यात्रा बेहद सफल रही। भारत एक महान देश है। उसके बाद से जब भी मौका मिलता है वे सार्वजनिक रूप से बयान देते हैं कि भारत की यात्रा को भूल नहीं सकते, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सच्चे दोस्त हैं तथा भारत भी अमेरिका का सच्चा दोस्त है। वे बार-बार भारत की दो दिवसीय यात्रा की चर्चा करते हैं। यह भारत की कूटनीतिक सफलता कही जाएगी।

वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी एवं उनके रणनीतिकारों ने ट्रंप की पहली भारत यात्रा को जैसा स्वरुप दिया वह ऐतिहासिक था। इस यात्रा के दो भाग थे। एक, अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में नमस्ते ट्रंप, उसके बाद आगरा के ताजमहल की यात्रा एवं फिर द्विपक्षीय बातचीत, समझौता एवं पत्रकार वार्ताएं। यह केवल ट्रंप की दृष्टि से ही नहीं भारत की दृष्टि से भी शत-प्रतिशत सफल यात्रा रही।

आरंभ नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम से करते हैं। निस्संदेह, 24 फरवरी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जीवन का अभूतपूर्व दिन था। इसके पूर्व किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के विदेशी दौरों में इतना बड़ा जनसमूह कभी नहीं उमड़ा और न ही एक साथ इतना रंगारंग कार्यक्रम कभी देखा-सुना गया। निश्चय ही डोनाल्ड ट्रंप इससे अभिभूत थे। जितनी बार उन्होंने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरने से लेकर मोटेरा स्टेडियम में अपना भाषण आरंभ करने, भाषण के पश्चात और वहां से प्रस्थान तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया वह इस बात का सबूत था कि कार्यक्रम उनकी अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा बेहतर और प्रभावी रहा।

ट्रंप को पता था कि ऐसा अवसर उन्हें बार-बार नहीं मिलने वाला। इसलिए वे पूरी तैयारी से आए थे। जैसा नरेंद्र मोदी की कूटनीति है वह किसी अवसर को प्रभावी और यादगार इवेंट में परिणत कर उसका अधिकतम उपयोग करते हैं। अगर पिछले वर्ष 22 सितंबर को ह्युस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा उत्साही समूह को एकत्रित कर उनके रणनीतिकारों ने अमेरिकी नेताओं और वहां की मीडिया को चौंकाया था तो अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में उन्होंने निश्चय ही डोनाल्ड ट्रंप का जन स्वागत एवं भाषण करा कर अमेरिकियों को अपनी विशिष्ट कूटनीति का आभास कराया है।

जो कुछ ट्रंप ने वहां से कहा उसमें बहुत कुछ ऐसे हैं जिनसे भारत अमेरिकी द्विपक्षीय संबंधों के साथ विश्व पटल पर दोनों की भूमिका के बारे में एक स्पष्ट आकलन किया जा सकता है। ट्रंप के भाषण से साफ था कि अमेरिका की दूरगामी नीति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। अंतरराष्ट्रीय सामरिक और आर्थिक नीति निर्धारित करते समय अमेरिका भारत का विचार अवश्य करता है। इसमें भारत की दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी, लोकतंत्र, आर्थिक, वैज्ञानिक एवं रक्षा क्षेत्र में इसकी उन्नति, स्वयं अमेरिका में 40 लाख भारतीय मूल के निवासियों की गतिविधियां तथा भारत के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका का सम्मिलित योगदान है।

ट्रंप ने अपने भाषण में स्वीकार भी किया कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। यह जिस गति से आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, अंतरिक्ष विज्ञान एवं सूचना तकनीक के क्षेत्र में उसने जैसी छलांग लगाई है वह सब अभूतपूर्व है। ट्रंप ने कहा भी कि पिछले एक दशक में भारत ने भारी संख्या में लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाया है, गांव-गांव तक बिजली पहुंचा दी है और अब संपूर्ण जनता पर इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने के कगार पर खड़ा है। यह केवल प्रशंसा के लिए कही गई बात नहीं है, इसमें सच्चाई भी है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका न केवल भारत के लोगों से प्यार करता है बल्कि उनका सम्मान करता है। भारत केवल अपने किताबों में लिखी गई बातों के कारण नहीं बल्कि अपने व्यवहार के कारण दुनिया में सम्मान पाता है। भारत विविधतापूर्ण संस्कृति तथा विभिन्न धर्मों को समायोजित करने वाला ऐसा देश है जो दुनिया के लिए उदाहरण है। जाहिर है, भारत के लोग उनसे ये सब बातें सुनना चाहते थे। उन्होंन इस्लामिक आतंकवाद शब्द का प्रयोग उसी तरह किया जैसा उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम में किया था।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि चाहे मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का मामला हो या हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई का… अमेरिका ने भारत का पूरा साथ दिया है। पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने सीमा पार करके हवाई बमबारी की उसका भी अमेरिका ने यह कह कर समर्थन किया कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में भारत का यह अधिकार बनता है।  उन्होंने कश्मीर पर एक शब्द नहीं बोला। यह पाकिस्तान को निराश करने वाला है।

नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के पीछे भारत का मुख्य उद्देश्य उनके एवं अमेरिकी रणनीतिकारों के मनो-मस्तिष्क पर ऐसी छाप छोड़ना था जिसे वे कभी भूल ना सकें। साथ ही अमेरिका की जनता को भी यह संदेश जाए कि भारत उनका केवल औपचारिक साथी नहीं है, भारत के मन में अमेरिकी नेतृत्व और अमेरिका के प्रति व्यापक सम्मान है, अपनत्व का भाव है और राष्ट्रपति के विशिष्ट स्वागत के द्वारा इसे पूरी संवेदनशीलता से अभिव्यक्त किया गया है। वास्तव में कूटनीति में ऐसे कार्यक्रमों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। भारतीय संस्कृति की विविधता और प्राचीन कला-कौशल की विरासत की जैसी झांकियां अहमदाबाद में दिखी, ट्रंप की यात्रा के कारण उसका लाइव प्रसारण हुआ उनसे भारत राष्ट्र की छवि दुनिया में निश्चित रूप से और बेहतर हुई होगी। ऐसे अवसरों का सदुपयोग करना इस मायने में बुद्धिमतापूर्ण नीति है कि भारत प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाला एक महान राष्ट्र है। उसकी कला और संस्कृति के पीछे एक वैश्विक दृष्टिकोण है।

उनकी उपस्थिति में दिल्ली में हिंसा आरंभ हो चुकी थी। पत्रकार वार्ता में उनसे यह सवाल भी पूछा गया लेकिन उन्होंने बिना हिचक इसे भारत का आंतरिक मामला बता दिया। नागरिकता संशोधन कानून पर भी उनसे सवाल किए गए। उन्होंने उसका जवाब भी यही दिया और कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रधानमंत्री से हमारी बात हुई है। भारत में 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं जिनको पूरी धार्मिक स्वतंत्रता है। मोदी स्वयं धार्मिक व्यक्ति हैं और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है। ट्रंप ने कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी मजबूती से काम कर रहे हैं। अगर आप पीछे मुड़कर देखें तो भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए कड़ी मेहनत की है। उनके भारत आने के पूर्व जिस तरह की टिप्पणियां आ रहीं थीं उनसे यह निष्कर्ष निकाला जाने लगा था कि वे नागरिकता कानून से लेकर उसके विरोध में हो रहे धरने तथा धार्मिक स्वतंत्रता पर मोदी से खरी-खरी बात करेंगे। ऐसी अपेक्षा करने वाले भारत निंदकों को ट्रंप ने पूरा निराश किया। तभी तो डेमोक्रेट की ओर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार बर्नी सेंडर्स सहित कई सीनेटरों ने ट्रंप की आलोचना की है। आखिर वहां भी भारत सरकार विरोधी लॉबी काम कर रही है।

सबसे निराशा तो पाकिस्तान को हुई होगी जो नजर लगाए हुए था कि जम्मू कश्मीर पर ट्रंप कुछ बोल दें। जैसा विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया ट्रंप-मोदी वार्ता के दौरान जम्मू कश्मीर को लेकर चर्चा इस क्षेत्र के सकारात्मक घटनाक्रमों पर केंद्रित रही। ट्रम्प ने अपनी पत्रकार वार्ता में स्पष्ट किया कि मैंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता को लेकर कुछ नहीं कहा। कश्मीर निश्चित ही भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा मसला है। वे इस पर लंबे समय से काम कर रहे हैं। ट्रंप ने सीमा पार आतंकवाद पर भारत की भावना को समझने की बात की। आतंकवाद पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे भारत के साथ हैं।  जैसा कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया वार्ता के दौरान मूलतः पांच मुद्दों सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और दोनों देशों की जनता के स्तर पर संपर्क पर बातचीत हुई। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य और खास कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपर्क का विषय भी सामने आया और पाकिस्तान की भी चर्चा हुई। भारत-अमेरिका ने नारकोटिक्स पर कार्य समूह बनाने का फैसला किया। सूचना तकनीक के क्षेत्र में भारतीय पेशेवरों के योगदान को रेखांकित करते हुए एच1बी वीजा का मुद्दा उठाया गया। इस वार्ता में ऊर्जा द्विपक्षीय सहयोग के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक के रूप में सामने आया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने रक्षा क्षेत्र में खरीद, प्रौद्योगिकी, संयुक्त गठजोड़ में भारत को उच्च स्थान देने का आश्वासन दिया है।

इस तरह देखें तो भारत की दृष्टि से ऐसा कोई मुद्दा नहीं था जो बातचीत में सामने नहीं आया। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्रकार वार्ता में कहा भी कि हम दोनों देश कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सहमत हैं। यह एक-दूसरे के ही नहीं, बल्कि दुनिया के हित में है। रक्षा, तकनीक, ग्लोबल कनेक्टिविटी, ट्रेड और पीपुल टू पीपुल टाईअप पर दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई। आज होमलैंड में हुए समझौते से इसे बल मिलेगा। हमने आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को और बढ़ाने का भी फैसला किया है। हमने ड्रग्स और नार्कोटिक्स रोकने के लिए भी बात की है। तेल और गैस के लिए भारत के लिए अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। फ्यूल हो या न्यूक्लियर एनर्जी, हमें नई ऊर्जा मिल रही है। भारत-अमेरिका के बीच हुए 6 समझौतों में भारत-अमेरिका के बीच नाभिकीय रिएक्टर से जुड़ा समझौता भी अहम है। इसके तहत अमेरिका भारत को 6 रिएक्टरों की आपूर्ति करेगा। साझा बयान में अमेरिका की ओर से स्पष्ट कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वह भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करेगा। न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में भी भारत के बिना देरी प्रवेश के लिए अमेरिका सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साझा बयान में यह कहना काफी महत्वपूर्ण है कि मैंने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह फैसला किया है कि इस साझेदारी को समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील किया जाएगा। इस तरह भारत अमेरिका की रणनीति साझेदारी अब वैश्विक स्तर पर रणनीतिक साझेदारी में परिणत हो गई। यह इस यात्रा की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।  वस्तुतः अमेरिका के साथ व्यापार में भारत को 25 अरब से ज्यादा डॉलर का लाभ है।

भारत अमेरिका के संबंध अब इतने आगे निकल गए हैं कि इसमें पीछे लौटने का कोई विकल्प नहीं है। हमारे बीच 2 प्लस 2 यानी विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्री स्तर की वार्ता होती है। अमेरिकी संसद भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार घोषित कर चुका है। हमें एसटीए 1 का दर्जा दिया है जिसका मतलब है कि तकनीक हस्तांतरण के मामले भारत के साथ लगभग नाटो सदस्यों के समान व्यवहार होगा। अमेरिका के साथ हमने तीन बुनियादी समझौते किए हैं तथा चौथे बीईएसए पर बातचीत जारी है। अमेरिका के उच्च तकनीकी उपकरणों तथा संवेदनशील तकनीकों तक भारत की पहुंच सुनिश्चित हो रही है जो हमारे मेक इन इंडिया के लिए महवत्वपूर्ण है। डीटीटीई यानी डिफेंस टेक्लनोलोजी एंड ट्रेड एग्रीमेंट हुआ। हालांकि रक्षा उत्पादन में सहयोग उतना आगे नहीं बढ़ पाया है, लेकिन अब स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स निर्धारित हो चुका है जिससे अब प्रक्रियात्मक रूप से समझौते को अमल में लाया जा सकता है।

हम अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा युद्धाभ्यास करते हैं। मसलन, मालाबार, व्रज, प्रहार, रेड फ्लैग, कोप इंडिया, रिम्पेक आदि। भारतीय नौसेना एवं अमेरिकी नेवल फोर्सेज के साथ सहयोग आरंभ हो चुका है। इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एनेक्स पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। इसके बाद मेक इन इंडिया के तहत भारत की निजी कंपनियों तथा अमेरिकी रक्षा निर्माता कंपनियों के बीच सहयोग से भारत में उत्पादन आरंभ हो सकता है। अमेरिका ने एशिया पेसिफिक एरिया याने एशिया प्रशांत क्षेत्र को इंडो पेसिफिक एरिया यानी हिन्द प्रशांत क्षेत्र नाम दिया। हिन्द्र प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका ने मैरिटाइम सुरक्षा के लिए मजबूत गठजोड़ की है। पैसिफिक कमांड का नाम बदल कर इंडो पेसिफिक कमांड रख लिया है। यहां त्रिपक्षीय सहयोग के सिद्धांत के तहत जापान के साथ सहयोग शुरु हो चुका है। इस तरह भारत अमेरिका के साथ संबंध ठोस बहुआयामी धरातल पर खड़े हो चुके हैं।

ट्रंप ने भारत को कितना महत्व दिया इसका पता इसी से चलता है कि वे अपनी पत्नी के अलावा अपनी बेटी और दामाद के साथ यहां आए जो उनके सलाहकार हैं। ऐसी यात्रा उन्होंने इसके पहले कहीं की नहीं की। दूसरे, वे सीधे भारत आए और यहीं से अमेरिका लौट गए। यह भी महत्वपूर्ण है। नमस्ते कार्यक्रम द्वारा नरेन्द्र मोदी ने भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन कराते हुए अहमदाबाद हवाई अड्डे से जो रोड शो कराया तथा मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों के बीच उनका भाषण हुआ उसका मनोवैज्ञानिक असर व्यापक है। वैसे ही स्वागत आगरा यात्रा के दौरान भी हुआ। इस तरह की कूटनीति का प्रयोग पहले ज्यादा नहीं हुआ है। ऐसे कार्यक्रम का असर तो होगा ही। इस तरह ट्रंप की यात्रा से भारत अमेरिका संबंधों में कई नए आयाम जुड़े हैं जिनको हम आने वाले समय में सम्पूर्ण रूप से फलीभूत होते हुए देखेंगे। लंबे समय तक इस कार्यक्रम की अनुगूंज भारत अमेरिकी संबंधों में दिखाई देती रहेगी। वैसे भी अगर व्यापारिक मामलों को छोड़ दें तो सामरिक, रक्षा व अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में भारत-अमेरिका के बीच किसी अवसर पर मतभेद नहीं है।

 

Tags: abroadeducationabroadlifeaustraliaeuropehindi vivekhindi vivek magazineindiainternationalmbbsmiddle eaststudyabroadusa

अवधेश कुमार

Next Post
युगांतरकारी केंद्रबिंदु बाबासाहेब – जोगेंद्रनाथ मंडल

युगांतरकारी केंद्रबिंदु बाबासाहेब - जोगेंद्रनाथ मंडल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0