सदन की एक मर्यादा होती है जो अब शायद पूरी तरह से टूट चुकी है हालांकि यह किसने तोड़ी इस पर अभी सरकार और विपक्ष के बीच जंग जारी है। दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है कि लोकतंत्र की हत्या हुई है और सदन की गरिमा को ठेंस पहुंची है। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर सदन में सांसदों के साथ मार्शलों ने बदसलूकी की जबकि सरकार की तरफ से जारी सीसीटीवी वीडियो में विपक्ष घिरता नजर आ रहा है। विपक्षी नेता महिला मार्शल के साथ गलत व्यवहार करते नजर आ रहे है। महिला सांसदों ने तो महिला मार्शल के कालर तक पकड़ लिए है। विपक्षी दलों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है जबकि सरकार की तरफ से सीसीटीवी का सबूत भी पेश किया गया है।
The CCTV footage of Rajya Sabha shows how opposition MPs seen pulling and manhandling Marshals #MonsoonSession pic.twitter.com/yf1omjKIvW
— 🦏 Payal M/પાયલ મેહતા/ पायल मेहता/ পাযেল মেহতা (@payalmehta100) August 12, 2021
विपक्षी दलों ने मानसून का पूरा सत्र चलने नहीं दिया जिससे यह सत्र निर्धारित समय से पहले ही खत्म करना पड़ा। मानसूत्र के अंतिम दिन विपक्षी दलों ने जमकर जंतर मंतर पर हंगामा किया और अब उन सांसदों पर कार्रवाई ना हो इसलिए मार्शलों के नाम पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। गुरुवार को सदन के पास विरोध प्रदर्शन किया गया और सरकार पर मार्शल लॉ लागू करने का आरोप भी लगाया गया। राज्यसभा में जब इंश्योरेंस बिल पास किया जा रहा था तभी यह हंगमाम हुआ था।
सरकार की तरफ से पीयूष गोयल ने कहा कि सांसदों की धक्कामुक्की के चलते कुछ महिला मार्शल को चोट लगी थी इसके साथ ही उनके साथ बदसलूकी भी की गयी। मार्शलों के नाम पर विपक्ष बचने की कोशिश कर रहा है जिससे उन पर कार्रवाई ना हो। इससे पहले राज्यसभा में बेंच पर चढ़ने और रुल बुक फेंकनी की घटना हुई थी। आप सांसद संजय सिंह ने जमीन पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।

संसद के दोनों सदन की एक गरिमा है। यह राजनीति के मंदिर माने गये थे जहां से देश और जनता के लिए फैसले होते है और शदियों तक यह फैसला चलता है। ऐसे लोकतंत्र के मंदिर में इस तरह का व्यवहार दुखदायी और निंदनीय है इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई होनी जरुरी है।