
विपक्षी दलों ने मानसून का पूरा सत्र चलने नहीं दिया जिससे यह सत्र निर्धारित समय से पहले ही खत्म करना पड़ा। मानसूत्र के अंतिम दिन विपक्षी दलों ने जमकर जंतर मंतर पर हंगामा किया और अब उन सांसदों पर कार्रवाई ना हो इसलिए मार्शलों के नाम पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। गुरुवार को सदन के पास विरोध प्रदर्शन किया गया और सरकार पर मार्शल लॉ लागू करने का आरोप भी लगाया गया। राज्यसभा में जब इंश्योरेंस बिल पास किया जा रहा था तभी यह हंगमाम हुआ था।
सरकार की तरफ से पीयूष गोयल ने कहा कि सांसदों की धक्कामुक्की के चलते कुछ महिला मार्शल को चोट लगी थी इसके साथ ही उनके साथ बदसलूकी भी की गयी। मार्शलों के नाम पर विपक्ष बचने की कोशिश कर रहा है जिससे उन पर कार्रवाई ना हो। इससे पहले राज्यसभा में बेंच पर चढ़ने और रुल बुक फेंकनी की घटना हुई थी। आप सांसद संजय सिंह ने जमीन पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।

संसद के दोनों सदन की एक गरिमा है। यह राजनीति के मंदिर माने गये थे जहां से देश और जनता के लिए फैसले होते है और शदियों तक यह फैसला चलता है। ऐसे लोकतंत्र के मंदिर में इस तरह का व्यवहार दुखदायी और निंदनीय है इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई होनी जरुरी है।