देश कोरोना के दो झटकों को झेल चुका है और तीसरे झटके के लिए तैयार भी है लेकिन यह कब तक आने वाला है यह किसी को भी नहीं पता है। अलग अलग इसके ज्ञाता इसको लेकर एक सहमति नहीं बना पा रहे है और अलग अलग समय बता रहें है। कुछ राज्यों को लेकर यह दावा भी किया गया है कि वहां पर तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि कहीं पर भी नहीं हुई है।
तीसरी लहर को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि इसमें बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है क्योंकि ज्यादातर लोग वैक्सीन ले चुके है और इससे उनके सुरक्षित होने की उम्मीद अधिक हो चुकी है। हालांकि डॉक्टरों की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि बच्चों को भी इस बार बचाने की पूरी तैयारी है लेकिन पिछले दो बार के तजुर्बे को देखते हुए लोगों के मन में यह डर बन चुका है कि अगर तीसरी लहर आती है तो फिर से हजारो लोगों की जान को खतरा पैदा हो जायेगा।
देश के कुछ डॉक्टरों का मानना है कि अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर हो सकती है हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि यह दूसरी लहर के अनुपात में कम होगी और प्रतिदिन करीब 1 लाख लोगों के संक्रमित होने की उम्मीद जताई जा रही है जबकि दूसरी लहर के दौरान हर दिन 4 लाख तक केस आ रहे थे। इससे पहले जब तीसरी लहर को लेकर आंकड़े दिये गये थे तो यह दावा किया गया था कि हर 2 लाख तक केस आ सकते है।
कुछ वैज्ञानिकों की तरफ से यह आशंका व्यक्त की गयी है कि तीसरी लहर के दौरान नये वेरिएंट के आने की भी उम्मीद है लेकिन यह अभी तक निश्चित नहीं हुआ है। हालांकि यह भी कहा गया है कि अगर तीसरी लहर के दौरान नया वेरिएंट नहीं आता है तो स्थिति सामान्य होगी। पहली और दूसरी बार में सरकार और लोग तैयार नहीं थे लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी इसलिए तीसरी लहर के लिए सरकार और आम जनता सभी तैयार हैं ताकि कोरोना को मात दिया जाए।
कोरोना की तीसरी लहर से लोगों के मन में एक डर पैदा हो चुका है क्योंकि दो लहरों की वजह से लोगों ने अपना बहुत कुछ गंवा दिया है इसलिए अब कोई और कुछ नुकसान नहीं करना चाहता है। देश की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, बेरोजगारी भी बढ़ी है और लोग बुरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो चुके हैं। ऐसे में सभी की यह प्रार्थना है कि तीसरी लहर का प्रकोप ना हो।