प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अपनी सारी आबादी को कोविड वैक्सीनेशन के अंतर्गत कवर करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अगस्त माह के अंत तक हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने की योजना बनाई है। राज्य में 29 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है, जबकि नवंबर 2021 तक सभी लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा।
संभावित तीसरी लहर की अटकलों के बीच हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। एक माह पहले प्रदेश में कोरोना के करीब एक हजार के करीब एक्टिव मामले रह गए थे। वहीं, कोरोना कर्फ्यू की पाबंदियों में ढील के बाद अब ये मामले करीब 20 अगस्त तक 2700 के पास पहुंच गए हैं। इस बीच चिंता का सबसे बड़ा विषय यह है कि दूसरी लहर के बाद अब कोरोना संक्रमण ने बड़ी संख्या में बच्चों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से जारी आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है कि राज्य में 20 अगस्त तक 433 एक्टिव मरीज ऐसे हैं, जो 18 साल से कम आयु वर्ग के हैं। इनमें से 10 बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। ये बच्चे अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त हैं। संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर यह विषय सरकार की चिंता को बढ़ाने वाला है।
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने का कारण
जुलाई माह में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रण में कर लिया गया था। मार्च में दूसरी लहर के आगमन के साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू के तहत कई तरह की सख्त पाबंदियां लगाना शुरू कर दिया था। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में ये पाबंदियां काफी कारगर साबित हुईं। इसका सुखद परिणाम था कि प्रदेश में जुलाई माह में एक समय कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले एक हजार से भी कम रह गए थे। दूसरी लहर के काबू में आने के बाद सरकार ने पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी। इसका कुछ प्रदेशवासियों और बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने अनुचित लाभ उठाकर लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। सामाजिक दूरी और फेस कवर जैसे जरूरी नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई गईं। इसी का नतीजा हुआ कि अब एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है। वहीं, पर्यटकों की बेरोकटोक आवाजाही ने भी हालात और बिगड़ने का कार्य किया है। इसी बीच दो जुलाई से दसवीं से बारहवीं तक की स्कूली कक्षाएं शुरू कर दी गई, जिस कारण कई स्कूलों में बच्चे संक्रमित हुए हैं।
उपचुनावों के आयोजन से और बिगड़ सकते हैं हालात
हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं। इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार के साथ पत्राचार शुरू करते हुए चुनावी कवायद शुरू भी कर दी है। चुनावों के आयोजन के लिए प्रदेश सरकार भी तैयार है। इन चुनावों के आयोजन के दौरान जनसभाओं में भीड़ इकट्ठा होने से संक्रमण के प्रसार में तेजी हो सकती है। ध्यान रहे कि इसी वर्ष की मार्च माह तक पंचायतों और शहरी निकायों के चुनावों का आयोजन किया गया था। उसके तुरंत बाद कोरोना के मामलों में बेहद बढ़ोतरी हुई। चुनावों के समापन के साथ ही प्रदेश में दूसरी लहर का प्रकोप चरम पर पहुंच गया था। ऐसे में आगामी उपचुनावों में कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सरकार ने समय रहते उठाए सही कदम
कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार लगातार नजदीक से हालात पर नजर बनाकर रखे हुए है। कैबिनेट बैठकों में सरकार ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगातार सख्त कदम उठाए हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के संक्रमित होने के बाद प्रदेश सरकार ने 22 अगस्त तक के लिए स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है। वहीं, दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों को अब अपने साथ कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। इन बंदिशों के चलते हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या कम हो गई है। अगस्त माह के तीसरे वीकेंड पर प्रदेश के मुख्य पर्यटन स्थलों शिमला, धर्मशाला, डलहौजी, मनाली और कसौली के होटलों में सैलानियों की ऑक्यूपेंसी घटकर 30 फीसदी तक पहुंच गई है। कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट दिखाने पर ही अब प्रदेश की सीमाओं के भीतर बाहरी राज्यों के लोगों को एंट्री मिल रही है। इस फैसले के लागू होने से पिछले वीकेंड पर होटलों में ऑक्यूपेंसी 100 फीसदी तक थी। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि इन बंदिशों से आने वाले समय में कोरोना के मामलों में कमी लाने में मदद मिलेगी।
वैक्सीनेशन पर सरकार का जोर
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार की ओर से जारी कोविड दिशानिर्देशों के सख्ती से पालन के साथ-साथ वैक्सीनेशन अहम भूमिका निभा सकता है। ऐसे में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अपनी सारी आबादी को कोविड वैक्सीनेशन के अंतर्गत कवर करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अगस्त माह के अंत तक हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने की योजना बनाई है। राज्य में 29 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है, जबकि नवंबर 2021 तक सभी लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा।
आगे की राह
कोरोना महामारी की तीसरी संभावित लहर की आहट के साथ ही प्रदेश की जयराम सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अगर निकट भविष्य में उपचुनाव होते हैं, तो उस दौरान सभी राजनीतिक दलों को व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर जिम्मेदारी का परिचय देते हुए जनसभाओं और डोर-टू-डोर प्रचार अभियान न करने का फैसला लेना चाहिए। जनता को भी कोविड से बचाव के लिए सामाजिक दूरी और फेस कवर जैसे आवश्यक नियमों का ईमानदारी के साथ पालन करना चाहिए।