एकात्म मानववाद: तंत्र में मानवीय मंत्र स्थापना का सिद्धांत

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भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके अंश के रूप में यहां के निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में मानने के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ स्थापन यदि किसी राजनैतिक भाव या सिद्धांत में हो पाया है,

केवल राजभाषा नहीं काजभाषा बने

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देश की स्वतंत्रता के बाद हिंदी को राजभाषा का तो दर्जा दे दिया गया परन्तु राजभाषा के नाते उसे जो गौरव सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं दिया गया। भाषा राष्ट्र की पहचान और सम्मान होती है। यदि उसे हमारे ही देशवासी उचित सम्मान नहीं देंगे तो भला दुनिया में कौन देगा? बावजूद इसके आज दुनियाभर में हिंदी का डंका बज रहा है और वह दुनिया में अंग्रेजी को पछाड़कर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है।

प्राकृतिक आपदा में ‘समस्त महाजन’ के राहत कार्य

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समस्त महाजन पिछले दो दशक से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। जैसे- जीव दया, पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, मानव सेवा, गौ संरक्षण, ऑर्गेनिक खेती, संसाधन विकास, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं बचाव कार्य आज में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संस्था के योगदान को देखते हुए उसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा भी जा चुका है।

ऐतिहासिक रहा टोक्यो ओलंपिक

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नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू और पीवी सिंधु। ये ऐसे कई नाम हैं, जो टोक्यो की धरती पर चमके। ये वे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की झोली में 7 मेडल डाले। इसके साथ भारत ने ओलंपिक इतिहास में टोक्यो में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया। जो उपलब्धियां हासिल हुई हैं, वे इसकी पुष्टि करती हैं कि भारत के खिलाड़ी अब सिर्फ भागीदारी के लिए नहीं बल्कि जीतने की भावना के साथ खेलते हैं और यही भावना बदलते हुए भारत की नई तस्वीर है।

कुशल प्रबंधन की मिसाल बना मध्य प्रदेश

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता और जन प्रतिनिधियों के बीच सामंजस्य और समन्वय का ऐसा तालमेल स्थापित किया कि प्रदेश के हर व्यक्ति के सहयोग और सुरक्षा के लिए जनभागीदारी का मॉडल बनाया, जिसमें उन्होंने दलगत राजनीतिक प्रतिद्वंदता से ऊपर उठकर समाज कल्याण हेतु समाज प्रमुखों, राजनीतिक दलों और धर्म गुरुओं सहित समाजिक संस्थाओं को एक मंच पर लाकर खड़ा किया और संकट के समय प्रदेश की जनता की सुरक्षा को प्रमुख धर्म बताया।

चिकित्सा क्षेत्र में हो उत्कृष्टता के प्रयास

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हमें यह विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि हम महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली जैसे कुछ राज्यों में कोरोना के द्वितीय चरण में एक टीम के रूप में कहां विफल हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोविड रोगियों और मौतों में वृद्धि हुई। ऐसे कई उदाहरण थे जहां इंजेक्शन, दवाओं, ऑक्सीजन की आवश्यकता और बिस्तर के अति आवश्यकता के कारण लोगों का शोषण किया गया। बहुत से लोगों ने अपनी छोटी सी जमा पूंजी भी खो दी है। दूसरे चरण में जो भी गलतियां हुई हैं, उससे तीसरे चरण में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए हमें सबक सीखने की जरूरत है।

कोरोना की तीसरी लहर से पाई जा सकती है निजात

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अस्पतालों में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी साफ देखी जा रही थी फिर भी प्रशासन इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। तीसरी लहर के आने की संभावना जताई जा रही है मगर इसके बावजूद डीएम के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। बार-बार आदेश देने के बावजूद ऑक्सीजन प्लांट नहीं बैठाया जा रहा है। इसपर पहल करते हुए समय से पहले ही व्यवस्था करने की जरूरत है, तभी कोरोना महामारी की तीसरी लहर से निजात पाई जा सकती है।

उत्तराखंड पर मिला-जुला परिणाम

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विश्व महामारी की चपेट में आते ही विश्व के ज्यादात्तर सम्भ्रान्त देशों ने कोविड-19 अर्थात कोरोना महामारी की जो दहशत देखी है, वह भले ही दूसरी लहर के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद थोड़ी आरामदायक लगे लेकिन तीसरी लहर की सुगबुगाहट फिर देश के आंगन में सुनाई देने लगी है।

दान नहीं, बल्कि ‘दान का भाव’ है महत्वपूर्ण

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दान तभी सार्थक है, जब वह नि:स्वार्थ भाव से किया जाये। अगर दान देते समय दानदाता के मन में उसके बदले कुछ पाने की लालसा है, भले ही वह पुण्य की लालसा ही क्यूं न हो, तो वह दान नहीं व्यापार है। अगर वह अपनी इच्छा के विरूद्ध केवल लोकोपचार की वजह से दिया जाये,

राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा एवं शिक्षकों का योगदान

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कानपुर की एक सभा में भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक चित्र ध्यानाकर्षण का केंद्रबिंदु बना, जिसमें वे मंच से उतरने के पश्चात सभागार में बैठे अपने शिक्षकों के चरणस्पर्श कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। यही भारत की संस्कृति और संस्कार हैं।

हिमाचल में सौ फीसदी वैक्सीनेशन

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प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अपनी सारी आबादी को कोविड वैक्सीनेशन के अंतर्गत कवर करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए अगस्त माह के अंत तक हिमाचल प्रदेश में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने की योजना बनाई है। राज्य में 29 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है, जबकि नवंबर 2021 तक सभी लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा।

कर्नाटक में कोरोना से बचाव के उपाय तेज

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कोरोना संक्रमित रोगियों को समय से समुचित उपचार मुहैया कराने के लिए सभी जिला एवं तालुका अस्पतालों में उच्च प्रवाह ऑक्सीजन सुविधा मुहैया कराई गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की सरकार के प्रयास का ही असर रहा है कि यह राज्य देश के अन्य राज्यों के बीच आदर्श राज्य बनने में सफल रहा है। वास्तव में सरकार ने मेडिकल से जुड़े चिकित्सकों, विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर उसकी बताई गई सलाह को अक्षरशः लागू करना शुरू किया, जिससे सरकार को पहली लहर की महामारी में जनधन की हानि को कम करने में सफलता हासिल हुई।

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