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दिसंबर से बिहारी मजदूरों के लिए लेबर लाइन

दिसंबर से बिहारी मजदूरों के लिए लेबर लाइन

by राघव झा
in उद्योग, विशेष, सामाजिक
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–   बिहार से बाहर जाकर देश-विदेश में काम करने वालों की शिकायतों का होगा निबटारा

–   मजदूर अपनी परेशानी बिहार सरकार से सीधे साझा कर पायेंगे

बिहार के मजदूर देश-विदेश में काम करने के लिए जाते हैं, जो परिवार से दूर और कई परिवार के साथ रहते हैं। लेकिन, इन मजदूरों पर जब कोई आपदा आती है उस वक्त वह अपनी परेशानी को अपने लोगों या अपनी सरकार से भी नहीं बता सकते हैं। ऐसे में कोरोना का जब कहर देशभर के लोगों को अपनी चपेट में लेने लगा, तो लोगों को कई परेशानियों से जूझना पड़ा। कई लोग घर जैसे-तैसे लौट आये, तो कई लोगों को खाने तक को कई दिन तक नहीं मिला। ऐसे में श्रम संसाधन विभाग ने बिहार लेबर लाइन को जल्द से जल्द से बनाने का निर्देश सभी आधिकारियों को दिया है, जिस पर देश-विदेश में फंसे मजदूर अपनी परेशानी बिहार सरकार से सीधे साझा कर पायेंगे और उनकी परेशानियों का निबटारा 25 घंटे में होगा।

फोन के माध्यम से कर पायेंगे शिकायत : मजदूरों के लिए श्रम संसाधन विभाग लेबर लाइन सेवा शुरू करेगा। यहां वैसे सभी मजदूरों की परेशानियों को रिकॉर्ड किया जायेगा, जो देश या देश के बाहर काम कर रहे हैं। लेबर लाइन के जरिये मजदूरों की परेशानियों को श्रम विभाग दूर करेगा। मजदूर के लिए यह सेवा 24 घंटे काम करेगी। वहीं, कोई मजदूर कभी भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मजदूरों की परेशानियों को संबोधित विभाग के माध्यम से दूर करेगा।

राजस्थान के तर्ज पर होगी लेबर लाइन की सुविधा : लेबर लाइन सुविधा श्रम संसाधन विभाग मजदूरों के लिए दिसंबर तक शुरू कर देगा। यह सुविधा बिहार में मजदूरों को राजस्थान के तर्ज पर मिलेगी। कॉल सेंटर में फोन करने के लिए पैसा नहीं देना होगा। यह नंबर पूरी तरह से टॉल फ्री होगा।

कॉल सेंटर में मोबाइल नंबर का भी होगा रजिस्ट्रेशन, तैयार होगा डेटाबेस : कॉल सेंटर में बिहार के सभी मजदूरों का निबंधन होगा। रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी मजदूरों का एक डेटाबेस भी तैयार होगा। ताकि, श्रम विभाग को भी इसकी जानकारी रहे कि बिहार से कितने लोग किस राज्य में काम कर रहे हैं। इस कॉल सेंटर में लोगों की शिकायतों का निबटारा करने के लिए अन्य विभाग के अधिकारी तैयार रहेंगे और किसी भी तरह की शिकायतों का निबटारा तुरंत किया जायेगा।

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Tags: bihar governmenthindi vivek magazinelabourlabour helplinemigrant workers

राघव झा

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