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INS वेला सबमरीन को क्यों कहा गया साइलेंट किलर?

INS वेला सबमरीन को क्यों कहा गया साइलेंट किलर?

by हिंदी विवेक
in तकनीक, विशेष
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भारतीय नौसेना की ताकत हर दिन बढ़ती जा रही है, पहले मिसाइल डिस्ट्रॉयर विशाखापट्टनम और अब बेहतरीन पनडुब्बी INS वेला को नेवी में शामिल किया गया है। इस सप्ताह नौसेना को मिसाइल डिस्ट्रॉयर विशाखापट्टनम मिला जिससे नौसेना अब दुश्मनों के मिसाइल अटैक को रोक सकती है तो वहीं सबमरीन वेला पानी के अंदर से दुश्मनों पर कहर ढायेगी। वेला पनडुब्बी को बनाने की शुरुआत 6 मई 2019 को हुई थी इसे समुद्र के अंदर तमाम ट्रायल में पास होने के बाद नौसेना में शामिल किया गया है। एक प्रोजेक्ट के तहत भारत और फ्रांस मिलकर कुल 6 पनडुब्बी बना रहे हैं जिसमें से तीन पनडुब्बी आईएनएस कलावरी, खांडेरी व करंज पहले ही मिल चुकी है अब वेला को भी नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है।  
कलावरी क्लास सबमरीन INS वेला 221 फीट लंबी, 40 फीट ऊंची और 1565 टन वजनी है। इस सबमरीन में 11 किमी लंबी पाइप और करीब 60 किमी लंबी केबल का इस्तेमाल किया गया है। इसमें दो डीजल इंजनों का इस्तेमाल किया गया है साथ ही 360 बैटरी सेल्स भी लगाए गए हैं जिसकी वजह से यह 6500 नॉटिकल माइल्स यानी की करीब 12 हजार किमी का रास्ता आसानी से तय कर सकती है। इसे 350 मीटर की गहराई तक उतारा जा सकता है।  
इस सबमरीन में एक विशेष प्रकार की स्टील का इस्तेमाल किया गया है जो गहरे पानी में जाकर भी पूरी मजबूती से काम कर सकती है। विशेष टेक्नोलॉजी की वजह से इसे जल्दी रडार भी नहीं पकड़ पायेगा और यह आसानी से दुश्मन पर हमला कर वापस आ सकेगी। इस सबमरीन की एक खासियत यह भी है कि इसे किसी भी मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है। इसमें फ्रांस निर्मित मोटर का इस्तेमाल किया गया है जो सबमरीन के पिछले हिस्से में लगा है और मोटर की आवाज बाहर नहीं जाती है इसलिए इसे साइलेंट किलर कहा गया है। युद्ध में इसका सही इस्तेमाल हो सकेगा और दुश्मन पर आसानी से हमला भी किया जा सकेगा। 
  
सबमरीन के ऊपरी हिस्से पर 6 टॉरपीडो ट्यूब्स बनाई गयी है जिससे एक बार में 18 टॉरपीडो को फायर किया जा सकता है। इसके साथ ही एंटी मिसाइल को भी लाया जा सकता है। वेला की मदद से समुद्र में माइंस भी बिछाई जा सकती है। इसमें सेंसर और हथियार अत्याधुनिक तकनीक के साथ लैश किए गये है जिससे कठिन परिस्थितियों में इन्हें नौसेना के अन्य युद्धपोतों के द्वारा भी संचालित किया जा सकता है। 

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