इधर भारत में भी तबलीगी जमात पर बैन लगाने की मांग तेजी से जोर पकड़ती जा रही है। विश्व हिन्दू परिषद ने बाकी देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह संगठन देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है इसलिए इस पर तुरंत से रोक लगानी चाहिए। विहिप की तरफ से तबलीगी जमात को आतंक की फैक्ट्री बताया गया और कहा गया कि यह लोग पूरे विश्व के लिए खतरा हैं। तबलीगी के कार्यालय और बैंक खातों की जांच की जानी चाहिए और इस संगठन पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। तमाम आतंकी संगठनों की तरफ से उन्हें फंडिंग होती है और इसके बल पर यह लोग आम आदमी के दिमाग में देश विरोधी बातों को जगह देने में कामयाब होते है।
वर्ष 1926 में निजामुद्दीन से शुरु हुए तबलीगी जमात ने हरियाणा के मेवात में कन्वर्जन का बड़े स्तर पर काम किया और उसमें सफल भी रहे इसके बाद से इनका काम तेजी से बढ़ा और आज 200 से अधिक देशों में यह लोग काम कर रहे हैं। तबलीगी जमात के लोग सुन्नी धर्म का प्रचार करने का काम करते हैं लेकिन धर्म प्रचार की आड़ में यह लोग आतंकी संगठनों की सहायता करते हैं। इस बात का प्रमाण तब मिला जब देश के अलग अलग भागों से आतंकियों को गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में वह तबलीगी जमात से प्रेरित नजर आए। शायद देश के ज्यादातर लोगों को यह बात पता है कि निजामुद्दीन मुख्यालय से प्रशिक्षण लेकर लाखो तबलीगी पूरे विश्व में मदरसों और मस्जिदों के द्वारा आतंक का बीज बो रहे हैं। दुनिया में अधिकतर आतंकी संगठन को शुरु करने वाले तबलीगी लोग ही है।
विश्व हिन्दू परिषद सहित तमाम संगठनों की यह मांग है कि तबलीगी जमात और उनकी इमारतों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और यह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर केस चलाया जाए। मोदी सरकार के कड़े फैसलों की वजह से देश में आतंकी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है लेकिन तमाम आतंकी संगठन देश को दहलाने का बार बार प्रयास कर रहे हैं ऐसे में तबलीगी जमात का खुले में घूमना देश के लिए खतरा साबित हो सकता है।
इन लोगों पर बैन लगाना जरुरी है