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पंजाब में अराजक तत्वों का दुःसाहस

पंजाब में अराजक तत्वों का दुःसाहस

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, राजनीति
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1980 के दशक में पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट का वो दौर भयानक था। पंजाब के ‘आतंकवाद’ के दौर के बारे में बस इतना ही समझ लें कि उस ‘आतंकवाद’ के सामने कश्मीर का ‘आतंकवाद’ दुधमुंहा बच्चा है।

एक प्रधानमंत्री, एक मुख्यमंत्री , एक DGP, एक एयर इंडिया ब्लास्ट समेत बहुत कुछ खोया है हमने पंजाब के ‘आतंकवाद’ में। धार्मिक स्थानों में हथियार रखकर वहाँ से ‘आतंकवाद’ फैलाना भले ही आज हम एक समुदाय विशेष के बारे में जानते हैं लेकिन इसकी शुरुआत भिंडरावाले ने ही की थी.. हरमिंदर साहब में हथियार रखकर। हरमिंदर साहब का जितना अपमान भिंडरावाले ने किया था उतना तो शायद किसी ने भी नहीं किया होगा।

खैर भिंडरावाले से त्रस्त होकर इंदिरा गांधी ने “ऑपरेशन ब्लू स्टार” चलाया और भिंडरावाले समेत लगभग सभी आतंकियों को समाप्त कर दिया। हालांकि इसकी प्रतिक्रिया में इंदिरा गांधी की जान चली गई लेकिन फिर परिणामस्वरूप पूरे देश में सिखों का कत्लेआम हुआ तथा पंजाब से आतंकवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया।

ऐसा ही कुछ तमिलनाडु के बारे में भी है कि श्रीलंका में LTTE मूवमेंट चल रहा था जिसका पूरा नाम “लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर इलम” था। चूंकि, वो तमिल लोगों का संगठन था इसीलिए तमिलनाडु के तमिल लोगों को LTTE से बहुत सहानुभूति थी। और, उसी सहानुभूति एवं कॉन्टेक्ट्स का फायदा उठा कर LTTE ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मार दिया। परिणामस्वरूप पूरे कर्नाटक और तमिलनाडु से LTTE और उनके सिम्पेथाइजर का नामोनिशान मिटा दिया गया और, एक समय में अजेय मानी जाने वाली LTTE का अस्तित्व तक मिट गया।

इसीलिए सरकार की सहृदयता को उसकी कमजोरी समझने की भूल करना बेवकूफी है, भटिंडा में जो हुआ वो बेहद निंदनीय एवं डरावना है।इन सबके बीच एक सत्य यह भी है कि पाकिस्तान तो सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकता है क्योंकि उससे तो खैर PM का कुछ नहीं बिगड़ना था लेकिन हाँ ऐसी हिमाकत के बाद पाकिस्तान का अस्तित्व जरूर मिट जाता! जो इंसान महज अपने एक पायलट को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान की कनपटी पर ब्रह्मोस सटा सकता है तो वो खुद पर हमला किये जाने पर क्या कर सकता है ये कोई भी अंदाजा लगा सकता है और हाँ किसी मिसाइल या बम बारूद से PM का बाल भी बांका नहीं होने वाला था क्योंकि उनकी गाड़ी इन सब चीजों से अभेद्य है। साथ ही उनकी सुरक्षा में लगे SPG के हाथों में जो जर्मन मेड एमएनएफ -2000 असॉल्ट राइफल हैं वो एक मिनट में 800 गोली फायर करते हैं और, वे PM के चारो तरफ होते हैं ।

मतलब कि 5000-10000 लोगों की भीड़ को निपटाने की कूबत रखती है SPG। फिर भी PM के काफिले को रोकना ही अपने आप में एक बड़ी बात है और इसका परिणाम हमें जल्द ही देखने को मिलेगा। शायद इस युद्ध को निर्णायक मोड़ देने के लिए कर्ण को फंसे रथ के उपरांत भी मारते हुए देखने को मिल सकता है तथा दुर्योधन के जंघा पर वार भी।  तभी जाकर ऐसे घटनाओं पर प्रभावी रूप से लगाम लगाया जा सकेगा।

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Tags: hindi vivekhindi vivek magazinepunjab congres pm narendra modi security lapsepunjab congress

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