उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव तक योगी आदित्यनाथ का नाम कहीं पर नहीं था तमाम उठा पठक के बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया जिस पर कुछ राजनीतिक पंडितों ने कहा था कि योगी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन यहां तो कुछ अलग ही नजर आ रहा है। बतौर यूपी सीएम 5 साल का कार्यकाल पूरा होते ही अब योगी की चर्चा विश्व स्तर पर होने लगी और उन्हें लोग पीएम पद का दावेदार भी मानने लगे हैं।
योगी ने अपने मात्र 5 सालों के कार्यकाल में वह कर दिखाया जो लोगों को उम्मीद नहीं थी वह राज्य से ऊपर उठ एक राष्ट्रीय नेता की पहचान बना चुके हैं। पिछले कुछ समय से हिंदुत्व की विचारधारा तेजी से बढ़ी है और यह विदेशों तक पहुंच चुकी है। नरेंद्र मोदी एक पीएम होने की वजह से जो कुछ नहीं बोल पाते हैं उस पर योगी खुलकर बात करते हैं। यह भगवाधारी इस समय बीजेपी और संघ के अनुकूल है इसलिए उसका प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। योगी की कम उम्र होने की वजह से उसमें भविष्य भी नजर आ रहा है और किसी भी चुनाव में मोदी और अमित शाह के बाद योगी की ही सभाएं सबसे अधिक होती है।
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम भी यह बताते है कि अभी भी मोदी की लहर कायम है लेकिन उत्तर प्रदेश के परिणाम योगी को मोदी के बराबर में पहुंचा रहे हैं और यह भी सुगबुगाहट सुनने को मिल रही है कि मोदी के बाद योगी को ही पीएम बनाया जाए। राजनीति में ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि 5 सालों में किसी का राजनीतिक करियर इस तरह परवान चढ़ा हो। यूपी चुनाव से पहले ऐसी एक हवा भी उड़ी थी कि योगी को सीएम पद से हटाया जा सकता है क्योंकि मोदी और शाह उन्हें पसंद नहीं कर रहे हैं लेकिन उसके बाद मोदी और योगी की वह तस्वीर खूब वायरल हुई जिसमें पीएम योगी के कंधे पर हाथ रख कर टहल रहे हैं। इस तस्वीर ने साफ कर दिया कि मोदी-योगी के बीच कोई भी अनबन नहीं है और योगी आज भी मोदी के करीबियों में से एक है।
यूपी विधानसभा चुनाव में विधायकों और प्रशासन के प्रति लोगों में गुस्सा था लेकिन मोदी और योगी की प्रतिभा ने लोगों का दिल जीता और उन्होंने असंतोष के बाद भी बीजेपी को वोट दिया क्योंकि उन्हें सिर्फ बाबा को मुख्यमंत्री बनाना था। बीजेपी की राष्ट्रवाद की बात भी लोगों को समझ आ गयी थी, जनता यह भी देख रही थी कि बाकी सभी दल बीजेपी को हराने में लगे हुए इसलिए तमाम लोगों ने शहर से जाकर उनके गांव में बीजेपी को वोट किया। इस बार उन लोगों ने भी बीजेपी को वोट किया जिनका बीजेपी या संघ से सीधा संबंध नहीं था। इस वोट की ताकत ने योगी को फिर से यूपी का मुख्यमंत्री बना दिया और आने वाले समय में यह जनता उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहती है।
योगी की एक खासियत और है कि वह किसी भी मुद्दे को घुमा कर नहीं बात करते हैं बल्कि उसका सीधा जवाब देते है। चुनाव से पहले एक इंटरव्यू में योगी से सवाल किया गया था कि राज्य के सभी विरोधी आप को हराना चाहता है खासकर मुसलमान वर्ग आप को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहता है जिस पर योगी ने सीधा जवाब दिया कि यह चुनाव 80 बनाम 20 का होने वाला है और हम 20 प्रतिशत की परवाह नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री होते हुए भी ऐसे बयान देने का दम हर किसी नेता के पास नहीं होता है। ऐसे बयानों के बाद भी योगी को अच्छी जीत हासिल हुई जो यह दर्शाती है कि योगी जो कहते हैं वह करते हैं और इसलिए ही इस बार 80 फीसदी वोटर बीजेपी की तरफ घूम गया।
यूपी में दूसरी जीत के बाद अब योगी का कद बढ़ चुका है और वह राष्ट्रीय नेता के साथ साथ बीजेपी और संघ परिवार के करीबी भी हो चुके है। मोदी ने जिस उम्मीद के साथ योगी को मुख्यमंत्री बनाया था वह पूरा होता नजर आ रहा है और योगी हिंदुत्व को लेकर आगे बढ़ने में सफल हो रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में योगी का महत्व व कद और उभरकर सामने आयेगा। अगर बीजेपी 75 वर्ष के फार्मूले को लागू करती है तो केंद्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।