हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
ऑपरेशन गंगा के माध्यम से हजारों भारतीय सुरक्षित

ऑपरेशन गंगा के माध्यम से हजारों भारतीय सुरक्षित

by हिंदी विवेक
in अप्रैल -२०२२, देश-विदेश, विशेष, सामाजिक
0

हम ‘ऑपरेशन गंगा’ के माध्यम से युद्ध क्षेत्र से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाल चुके हैं। यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है। जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस लाया गया है जबकि अनेक बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मुश्किलों से जूझ रहे हैं। भारत के बढ़ते प्रभाव का परिणाम है-‘ऑपरेशन गंगा’।

हम सभी जानते हैं कि ‘ऑपरेशन गंगा’ भारत सरकार द्वारा यूक्रेन पर हाल ही के रूसी आक्रमण के दौरान भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने हेतु जारी एक अभियान है। युद्ध में फंसे लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य किया। यूक्रेन में इस वर्ष के सबसे घातक, विनाशकारी व विध्वंसक युद्ध में भारत के लगभग 20000 से अधिक छात्र आकस्मिक आपदा में घिर गए।

विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि एक ओर जहां पोलैंड द्वारा आखिरी में भारतीय छात्रों को बिना वीजा के ही प्रवेश (एंट्री) की अनुमति प्रदान की गयी, तो दूसरी ओर वहां युद्ध क्षेत्र में विद्यार्थियों को विशेष रूप से हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को तरजीह देकर सुरक्षित जाने की विशेष छूट मिली। भीषण युद्ध की आपदा में घिरे अपने युवाओं की रक्षा व सुरक्षा हेतु प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं पहल करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की और भारतीयों को सुरक्षित वहां से वापसी हेतु मामला उठाया था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेनाओं को स्पष्ट रूप से निर्देश दे दिये कि तिरंगा लगे वाहन को सुरक्षित रास्ता दिया जाए इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के साथ भी वार्ता में भारतीयों की सुरक्षा के लिए सहयोग की बात की। यूक्रेन की सरकार ने भी अपने सैनिकों को साफ तौर पर निर्देश दिये कि तिरंगे झंडे वाले विद्यार्थियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जाए।

युद्धरत यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर न केवल कूट योजना निर्धारित की गई, बल्कि समरतंत्र भी उसी रूप में अपनाया गया। ‘ऑपरेशन गंगा’ की योजना केंद्रीय विदेश मंत्रालय और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा बनाई गई। इस ’ऑपरेशन गंगा’ के माध्यम से यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए एक समर्पित ट्विटर अकाउंट स्थापित किया गया। इसके साथ ही नियंत्रण केन्द्र पोलैण्ड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया के साथ सीमा पार करने वाले बिन्दुओं पर स्थापित किये गए और निकासी उड़ानें भी मुफ्त (फ्री) की गई। इस अभियान को तेजी से संचालित करने के लिए भारत सरकार के मंत्रियों को विशेष रूप से इसके लिए लगाया। केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को हंगरी में, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया में, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह को पोलैंड में तथा केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू को स्लोवाकिया में भेजा गया। 26 फरवरी 2022 को भारतीय छात्रों का पहला दल एयर इंडिया के विमान द्वारा बुखारेस्ट, रोमानिया से मुम्बई हवाई अड्डे पर पहुंचा।

प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निर्देश दिये थे कि सभी संबंधित देशों में भारतीय राजनयिकों के साथ ही उन देशों की सरकार के सम्पर्क में भी रहें और विद्यार्थियों के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराने का भरपूर प्रयास करें और एक-एक भारतीय को यूक्रेन के सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस सहित एयरलाइन्स को भी मिशन में शामिल किया गया। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना के विमानों द्वारा भी सक्रिय सहयोग दिया गया। एक ओर जहां यह कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही थी, वहीं दूसरी ओर हंगरी स्थित भारतीय दूतावास ने बुडापेस्ट में एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया। इस कन्ट्रोल रूम की कमान भारतीय विदेश सेवा के 30 युवा अधिकारियों को सौंपी गयी थी। एक छोटे से कमरे में स्थापित इस कन्ट्रोल रूम से युवा अधिकारियों के अलावा लगभग 150 से अधिक स्वयंसेवक एवं तकनीकी टीम ने रात-दिन काम किया।

‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान को सार्थक व सफल बनाने के लिए प्रमुख चार टीमों को अलग-अलग संगठित करके उन्हें काम का उत्तरदायित्व सौंपा गया। एक टीम सीमा पर अलग-अलग साधनों से पहुंचने वाले लोगों पर नजर रखती थी और उन्हें शहर भेजती थी। दूसरी टीम शहर में लोगों के ठहरने की व्यवस्था का काम कर रही थी, जिसके लिए 40 स्थानों का चयन किया गया। तीसरी टीम भारतीय लोगों के लिए समुचित भोजन व्यवस्था के कार्य का निर्वहन कर रही थी, जिसने एक दिन में लगभग एक हजार से अधिक लोगों के भोजन जैसे कठिन कार्य को संपादित किया। चौथी टीम को एयरपोर्ट पर तैनात किया गया, जो अपनी केन्द्रीय कमान को अवगत कराती थी कि यहां कितने भारतीय विमान उपलब्ध हैं और कितने लोगों को और किस समय स्वदेश के लिए रवाना किया जा सकता है। इस अभियान के केंद्रीय कमान में कोर टीम के 6 सदस्य थे। इस निकासी अभियान को 30 अधिकारियों की कोर टीम द्वारा संचालित किया गया, जिसमें भारत के पूर्व राजदूत कुमार तुहिन को भी शामिल किया गया था, जो कि ओ.एस.डी. (ऑफीसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) के रूप में तैनात थे। इसके साथ ही स्वयंसेवकों की टीम के नेतृत्व व निर्देशन हेतु 10-15 सदस्यों को लगाया गया था।

सूमी से आए छात्रों को एक मानवीय गलियारे के माध्यम से बाहर निकाला गया। छात्रों ने मानवीय गलियारे (ग्रीन कॉरिडोर) का उपयोग पोलैण्ड की सीमाओं तक पहुंचने के लिए किया जहां से वे भारत के लिए विशेष उड़ानों में सवार हुए। अनुमान लगाया जा रहा है कि सूमी की इस वापसी के साथ ही ‘ऑपरेशन गंगा’ शायद समाप्त हो गया है। इस अभियान में छात्र मुख्य रूप से कीव, मारियापोल, सुमी और खार्किव जैसे प्रमुख शहरों से लाए गए।

अभी तक 21 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन से निकल चुके हैं। इनमें से 19920 भारतीय भारत भी सकुशल पहुंच चुके हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में यूक्रेन को मानवीय मदद की छह खेप भेजी जा चुकी है और 6 मार्च को 6 टन मानवीय सहायता की एक और खेप वायुसेना के विमान से रवाना की जा चुकी है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 90 विमानों ने उड़ान भरी।

ऑपरेशन गंगा की सफलता के श्रेय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया। उन्होंने कहा कि हम ’ऑपरेशन गंगा’ के माध्यम से युद्ध क्षेत्र से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाल चुके हैं। यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है। जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस लाया गया है। जबकि अनेक बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मुश्किलों से जूझ रहे हैं। निःसन्देह बदलती विश्व व्यवस्था एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों के इस उतार-चढ़ाव के दौर में भारतीय राजनय ने बड़े ही संयम, धैर्य एवं आत्मविश्वास से काम लेकर न केवल भारतीय लोगों की सुरक्षा का एक बड़ा दायित्व निभाया, बल्कि भारत के बढ़ते प्रयासों के परिणाम सबके सामने दिखा दिये। आज अमेरिका और रूस जैसी शक्तियां भी भारत को अपने गुट में मिलाने के लिए लालायित नजर आ रही है। भारत अब संतुलन बनाकर संयम से काम ले रहा है। यह कार्य दुसाध्य अवश्य है, किन्तु असंभव नहीं।

                                                                                                               डॉ . सुरेन्द्र कुमार मिश्र 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: air indiaairlifthindi vivekindian governmentindian studentspm narendra modi

हिंदी विवेक

Next Post
विश्व का पहला सर्जिकल स्ट्राइक

विश्व का पहला सर्जिकल स्ट्राइक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0