आतंकी हाफिज सईद को जेल की सजा काफी है?

मानवता और कानून यह कभी नहीं कहते कि आप किसी की जान ले लो, जिंदगी और मृत्यु देना सिर्फ भगवान के हाथ में है लेकिन अगर कोई किसी की मौत का जिम्मेदार होता है तो क्या सिर्फ जेल की सजा काफी है? कानून में हर अपराध के लिए सजा तय हैं। अदालत से दोषी को सजा मिलती भी है लेकिन जिसके परिवार का सदस्य ही नहीं बचा होता उसे सजा से क्या फायदा? 

खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद ने सैकड़ों लोगों की जान ली है जो सरकारी रिकॉर्ड में है जबकि सच्चाई इससे अधिक ही होगी। पाकिस्तान की एक अदालत ने हाफिज सईद को 32 साल की सजा और 3.40 लाख का जुर्माना लगाया है लेकिन क्या इस सजा से जिन लोगों ने अपने परिवार को खोया है उन्हें न्याय मिल जायेगा? मुंबई में हुए 2008 हमले का जिम्मेदार भी इसे ही माना जाता है इस हमले में 6 अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोगों की मौत हुई थी। 

26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल पर सबसे पहले आतंकियों ने हमला किया और होटल को अपने कब्जे में ले लिया उसके बाद सीएसटी स्टेशन, ओबरॉय होटल, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस और लियोपोल्ड कैफे पर गोलीबारी की थी। इस आतंकी घटना में कुल 175 लोग मारे गये थे जिसमें 9 आतंकवादी भी थे। कसाब एक मात्र आतंकी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था। भारतीय सुरक्षाबलों को 26 नवंबर से 29 नवंबर तक आतंकियों से लोहा लेना पड़ा था। इस ऑपरेशन को खत्म करने में तीन दिन का समय लगा जिसमें हमने अपने जांबाज जवानों को भी खो दिया था। मारे गये सभी आतंकी लश्कर ए तैयबा के बताए गये थे और इस हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद था। मुंबई हमले के बाद से भारत लगातार हाफिज की सजा का मांग कर रहा था जिसे अब जाकर पाकिस्तानी कोर्ट द्वारा दिया गया।

जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज इससे पहले लश्कर ए तैयबा का प्रमुख भी रह चुका है। हालांकि इसे अभी भी लश्कर का ही आदमी कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से इसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है। अमेरिका ने हाफिज पर एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित किया हुआ है। 17 जुलाई 2019 को उसे पाकिस्तानी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया जहां कोर्ट ने उसे दो अलग अलग मामलों में 11 साल की सजा का ऐलान किया जबकि 3 अन्य मामलों में 25 साल की सजा का ऐलान हुआ।

अब मुंबई हमले के मामले में 32 साल की सजा का ऐलान हुआ। कुल 68 साल की सजा काटनी होगी। ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि पाकिस्तानी कोर्ट किसी आतंकी को सजा का ऐलान करें या फिर उसे जेल हो। इससे पहले भी हाफिज को कई बार कोर्ट ने सजा सुनाई थी लेकिन वह बाहर ही रहता था लेकिन अब जिस प्रकार से पाकिस्तान के हालात बिगड़ रहे हैं उसे देखते हुए आतंकी को सजा दी गयी है। पाक पर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ा।

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