आगरा के 22 कमरों का रहस्य!

आगरा का ताजमहल एक बार फिर से चर्चा में आया है लेकिन इस बार वजह उसकी खूबसूरती नहीं बल्कि ताज महल के वह 22 कमरे हैं जहां किसी का भी जाना वर्जित है। समय के परिवर्तन ने अब इस सवाल को जन्म दिया कि आखिर ताज महल के 22 कमरों में क्या है? ताज के यह सभी कमरे इतने दिनों से बंद क्यों है? क्या सच में ताज महल कोई शिव मंदिर है जिसका राज पूरी दुनिया से छुपाया गया है।
ताजमहल को लेकर बहुत दिनों से यह दावा किया जा रहा है कि यह मकबरा नहीं बल्कि एक शिवमंदिर है जिसे मुगल काल में तोड़कर मकबरे का रूप दिया गया। ताजमहल से जुड़ी तमाम जानकारी भी आम लोगों से साझा नहीं की गयी है और उसे सरकारी जंजीरों में बंद कर रखा गया है। भारतीय और इस्लामी वास्तुकला की अनोखी शैली से बने ताजमहल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज के लिए बनवाया था। यमुना किनारे पर बसा ताजमहल अपनी खूबसूरती का के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। 
 
शाहजहां की मौत के बाद से समय समय पर यह आवाज उठने लगी कि ताजमहल हिन्दूओं की आस्था का केंद्र है और बाद में इसे शिव महल का नाम भी दिया जाने लगा। समय के साथ मामला बढ़ा और कोर्ट तक पहुंच गया। लखनऊ बेंच में ताजमहल के सभी 22 कमरों को खोलने को लेकर एक याचिका दायर की गयी है। याचिका में मांग की गयी है कि सभी 22 कमरों को खोला जाए और यह देखा जाए कि अंदर हिन्दू मूर्तियां हैं या नहीं। अगर कमरों के अंदर मूर्तियां निकलती हैं तो शिव महल की कहानी सच मानी जा सकती है। याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से यह भी दावा किया गया है कि यह 1600 वीं सदी में मानसिंह का महल था। 
 
दरअसल इतिहासकार पीएन ओक की किताब ‘ट्रू स्टोरी ऑफ ताज’ में यह दावा किया गया कि ताजमहल एक हिन्दू शासक द्वारा बनवाया गया एक मंदिर है जिसे मुगल काल में तोड़कर मकबरे का रूप दिया गया। ताजमहल के मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे दो सीढ़ियां हैं जो नीचे के कमरों की तरफ जाती हैं। करीब 45 साल पहले तक यह सीढ़ियां खुली थी जिसे बाद में लोहे की रॉड से बंद कर दिया गया।
भाजपा के अयोध्या मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह की तरफ से यह याचिका दायर की गयी है जिसमें दावा किया गया है कि ताजमहल के बंद 22 कमरों में हिन्दू देवी देवताओं से जुड़े साक्ष्य हो सकते हैं और इसलिए ही उन कमरों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। ताजमहल के उन 22 कमरों में आखिर क्या है? आखिर किसी को भी उन कमरों में जाने की इजाजत क्यों नहीं होती है। पिछली सरकारों ने आखिर किस आधार पर कमरों को बंद कर दिया और सभी के प्रवेश को वर्जित कर दिया। 

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