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एक दलीय शासन की ओर बढ़ता भारत!

(FILES) In this file photo taken on May 23, 2019, Indian Prime Minister Narendra Modi (L) and President of the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) Amit Shah gesture as they celebrate the victory in India's general elections, in New Delhi. - As the battle-hardened drill sergeant for Prime Minister Narendra Modi, Amit Shah has long been considered India's second most-powerful person and his appointment on May 31 as home minister elevates his position to leader-in-waiting. While Modi is the right-wing Bharatiya Janata Party's people person firing up rallies and mastering Twitter, the BJP president has for years made sure that Modi's orders are carried out to the letter while turning the world's biggest political party into the undisputed force across the nation of 1.3 billion people. (Photo by Money SHARMA / AFP)MONEY SHARMA/AFP/Getty Images

एक दलीय शासन की ओर बढ़ता भारत!

by हिंदी विवेक
in राजनीति, विशेष
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राजनीति के बड़े जानकारों में शुमार प्रशांत किशोर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली है और इसे कोई हटा नहीं सकता है यानी देश एक दलीय शासन की ओर बढ़ रहा है। भारत के राजनीतिक इतिहास की तरफ देखें तो पहले भी नेहरू और इंदिरा गांधी के समय एक दलीय शासन का प्रभाव देखने को मिला था हालांकि उस समय विपक्ष का अभाव था जबकि वर्तमान समय में मजबूत विपक्ष है लेकिन वह राज्य और धर्म के आधार पर बिखरा हुआ है। विपक्ष किसी भी हाल में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना चाहता है लेकिन मजबूत रणनीति के चलते उसे सफलता नहीं मिल रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति की वजह से भाजपा हर दिन मजबूत होती जा रही है। इस समय राजनीतिक चश्मे से देखा जाए तो सिर्फ एक ही पार्टी का दबदबा पूरे देश में कायम हैं। एक ही पार्टी का दबदबा अगर पूरे देश में होता है तो जाहिर है उसके नेतृत्व में गजब के लोग होंगे, जिनके फैसलों को जनता स्वीकार कर रही है और उस पार्टी को बहुमत में बनाए रखी है। हालांकि यह करिश्मा कब तक होगा यह किसी को नहीं पता, लेकिन यह कहा जा सकता है कि अगर करिश्माई नेतृत्व और जमीनी स्तर के नेता अपना काम जारी रखेंगे तो पार्टी को कोई भी जनता से दूर नहीं कर सकता। बीजेपी अपने दूसरे कार्यकाल से गुजर रही है और ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि आगामी 2024 का लोकसभा चुनाव भी बीजेपी ही जीतेगी। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की हालात बिल्कुल खराब चल रही है और अभी ऐसा कोई करिश्मा चेहरा नजर नहीं नजर आ रहा है जो कांग्रेस में जान फूंक सके। कुछ लोग बीजेपी के फैसलों से नाखुश भी होंगे लेकिन उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है इसलिए उन्हें भी बीजेपी के साथ ही जाना होगा।

भारतीय जनता पार्टी में पीएम मोदी चट्टान का रूप ले चुके है और सभी चुनाव उन्ही के नाम पर जीते भी जा रहे हैं। विपक्षी दलों के आरोपों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। आगामी गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान चुनाव को लेकर भी बीजेपी ने तैयारी शुरु कर दी है। बाकी राज्यों की तरह ही यहां भी मोदी लहर करिश्मा कर सकती है। कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियां इतनी मजबूत नहीं नजर आ रही हैं कि वह बीजेपी से लोहा ले सकें। अगर इन राज्यों के सभी छोटे दल एक साथ होकर चुनाव लड़े तो गुंजाइश हो सकती है लेकिन ऐसी स्थिति बनने की उम्मीद भी कम ही नजर आ रही है।

कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद का एक बड़ा दाग है जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेस पार्टी परिवार और उसके चाहने वालों को ही मौका देती है जबकि बीजेपी सभी वर्ग और चेहरों का स्वागत करती है इसलिए अब बीजेपी से जुड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीजेपी में शामिल सभी नेताओं और कार्यकर्ता को यह उम्मीद होती है कि अगर उसकी क्षमता है तो वह पीएम पद तक पहुंच सकता है जबकि कांग्रेस में ऐसा कुछ भी नहीं है। वहां किसी बड़े पद के लिए गांधी या नेहरू के सरनेम होना जरूरी है। परिवारवाद के चलते ही अब पार्टी में भी अंदरूनी कलह देखने को मिलने लगी है और कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई है जबकि कुछ नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी के साथ राजनीतिक करियर शुरु कर लिया। कांग्रेस बहुत तेजी से अपना अस्तित्व खो रही है और वोट प्रतिशत तेजी से नीचे गिर रहा है। बीजेपी विरोधी लोग अब क्षेत्रीय पार्टियों से जुड़ते जा रहे है।

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Tags: bharatiya janata partybjp governmenthindi vivekpolitics

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