अवसरवादी नेताओं से देश रहें सतर्क

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इतनी छापेमारियाँ और नेताओं के मुस्कुराते हुए चेहरे मानों किसी तीर्थस्थल पर जा रहे हों। चेहरे पर कोई शिकन नहीं। फिर भी उनके चमचे बेलचे हत्थे से क्यों उखड़ रहे हैं? अब दिल्ली के शिक्षा मंत्री को ही लीजिए शिक्षालय खोले होंगे शिक्षा के लिए ! प्रचार की इतनी भूख…

ठाकरे…बस नाम ही ‘बाकी’ है

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एक समय मातोश्री में बैठे बालासाहेब ठाकरे की आवाज पूरे देश में गूंजती थी, क्योंकि उनकी बातें और विचार समाज में उत्साह का संचार करते थे। वे अपने विचारों से समझौता न करने के लिए प्रसिद्ध थे, परंतु उद्धव ने राजनीतिक लाभ के लिए पूरी विचारधारा को ताक पर रख…

राहुल और कांग्रेस अपने व्यवहार पर पुनर्विचार करें

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यह कहना मुश्किल है कि राहुल गांधी और उनके रणनीतिकारों को सूरत के सत्र न्यायालय से इस तरह का फैसला आने की उम्मीद थी या नहीं. उनके पक्ष में बड़े-बड़े वकीलों ने बहस की थी । ऐसे अधिवक्ता कम ही होंगे जो अपने मुवक्किल,साथी मित्र, नेता को बताएं कि आपको…

एक दलीय शासन की ओर बढ़ता भारत!

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(FILES) In this file photo taken on May 23, 2019, Indian Prime Minister Narendra Modi (L) and President of the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) Amit Shah gesture as they celebrate the victory in India's general elections, in New Delhi. - As the battle-hardened drill sergeant for Prime Minister Narendra Modi, Amit Shah has long been considered India's second most-powerful person and his appointment on May 31 as home minister elevates his position to leader-in-waiting. While Modi is the right-wing Bharatiya Janata Party's people person firing up rallies and mastering Twitter, the BJP president has for years made sure that Modi's orders are carried out to the letter while turning the world's biggest political party into the undisputed force across the nation of 1.3 billion people. (Photo by Money SHARMA / AFP)MONEY SHARMA/AFP/Getty Images
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राजनीति के बड़े जानकारों में शुमार प्रशांत किशोर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रहने वाली है और इसे कोई हटा नहीं सकता है यानी देश एक दलीय शासन की ओर बढ़ रहा है। भारत के राजनीतिक इतिहास की तरफ देखें…

राजद्रोह – केवल राजगद्दी का मोह

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भारतीय समाज में सास बहू के झगड़े बिल्कुल ऐसे ही रहे हैं जैसी आधुनिक राजनीति। अपना मौका मिलते ही परिभाषाएं भी बदल जाती हैं, आचरण भी बदल जाता है। यह उस धारणा के आलोक में है जिस धारणा में अंग्रेजों के शासन काल में 1870 में एक कानून बनाया गया…

राजनीतिक हथियार बनी पुलिस

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आज दोपहर में जब पंजाब पुलिस तजिंदर बग्गा को लेकर पंजाब जा रही थी, तब पूरी टीम बड़ी खुश थी। आखिर इतने बड़े अपराधी को पकड़ने के लिए इतने हफ्तों से लगे हुए थे बेचारे, SIT बनी हुई थी आज इतने आराम से सारा काम हो गया था। अब जल्दी…

मुफ्तखोरी का शिकार श्रीलंका

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श्रीलंका ने डिफ़ॉल्ट कर दिया है । स्वयं घोषणा करके श्रीलंका ने विश्व समुदाय को सूचित कर दिया है कि वह न तो कोई उधार या उसका ब्याज चुकाएगा । इस वर्ष 4 बिलियन डॉलर का भुगतान श्रीलंका को करना था और जुलाई तक एक बिलियन डॉलर का पर श्रीलंका…

समाज में एकत्व भाव का निर्माण ही है समाजिक समरसता

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सामाजिक समरसता समाज के भीतर रहने वाले तमाम जन समुदायों के बीच एकत्व निर्माण की एक आदर्श स्थिति है, जिस समरस समाज की अवधारणा को प्रभु राम ने बताया जिसमें वे कहते है“ समाज का निर्माण व्यक्ति-व्यक्ति के भीतर परस्पर “एक होने” के भाव एवं समता, बंधुत्व के विचार पर…

कांग्रेस के मटियामेट होने की जिम्मेदारी किसकी ?

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कांग्रेस पार्टी ऐसी दशा में पहुंच गई है जहां उसके घोर समर्थक भी कहते हैं कि उस पर चर्चा के अब कोई मायने नही। पांच राज्यों के चुनावों में फिर मटियामेट होने के बाद कांग्रेस के पास कहने के लिए ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी तरह की उम्मीद जग…

सफल विदेश और कूटनीति पाक-तुर्की दोनों ‘ग्रे लिस्ट’ में

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जिन देशों एवं शासन से राजनयिक संबंधों को लेकर कभी भारतीय सत्ता प्रतिष्ठान में संशय और संकोच था, मोदी सरकार के अनेक तथ्यों पर सकारात्मक पहल के कारण वह बदल चुका है। अब पारस्परिक हित और भारत का भला होना ही भारतीय मैत्री का एकमेव आधार है। भारत अब इजरायल की कीमत पर इस्लामिक मुल्कों से संबंध नहीं रखता। अब हम इजराइल से अलग और अरब देशों से अलग संबंध रखते हैं।

फिर से हाईजैक न हो जाए आज़ादी

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पटना से लौट रहा हूँ. यूँ तो मैं हमेशा अपने छोटे चाचा (छोटका बाबूजी) से डरता और छुपता आया हूँ पर इस बार पहली बार हिम्मत करके उनके साथ बैठ कर उनसे बहुत सी बातें की। मैं संघ के कार्यक्रम में आया था यह जानकर उन्होंने कहा - हमारे घर…

२१ साल ११ मुख्यमंत्री

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नारायण दत्त तिवारी के मुख्य मंत्री काल में जब तत्कालीन प्रधान मंत्री वाजपेयी नैनीताल आए तो उनसे मुख्य मंत्री ने राज्य के विकास के लिए मदद मांगी। बावजूद इसके कि राज्य सरकार कांग्रेस की थी, वाजपेयी ने बड़े हृदय का परिचय दिया और उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा और आर्थिक पैकेज प्रदान करने की घोषणा की।

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