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पाकिस्तान की भारत और हिंदुओं से नफरत की फितरत

India-Pakistan relations. Conflict between India and Pakistan over Kashmir

पाकिस्तान की भारत और हिंदुओं से नफरत की फितरत

by हिंदी विवेक
in देश-विदेश, विशेष, सामाजिक
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पाकिस्तान आज दाने दाने को मोहताज है। परन्तु भारत और हिंदुओं से नफरत चरम पर है।

ज्ञानवापी में पुरातात्विक सामग्री मिलने को भारत मे नहीं पाकिस्तान भी नकारा जा रहा है। पाकिस्तान मे भी औरंगजेब को हीरो मानते हैं क्योंकि उसने मन्दिर तोड़े और काफिरों का कत्ल किया। जब भारत मे दूरदर्शन पर रामायण दिखाया गया तो रोहींग्या और आतंकवादियों के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट मे इसका विरोध किया था । पाकिस्तान मे भी दूरदर्शन पर रामायण दिखाने का विरोध हुआ। पाकिस्तान में इसके विपरीत एक नाटक आर्तुगाल गाजी दिखाया गया था जिसका नायक एक तुर्की है। इस नाटक में नायक को ईसाइयों कत्लेआम करते दिखाया गया है।

आज भी पाकिस्तान का इतिहास मुहम्मद बिन कासिम से शुरू होता है। उनकी नजर में इस्लाम के पैगंबर के बच्चों को शरण देने वाला दाहिर जालिम है और महमूद गजनवी कौम का हीरो तथा अल्लाह का नेक बंदा। कत्लेआम करने वाला तैमूर और अहमदशाह अब्दाली उनके हीरो हैं। लाहौर के शासक महाराजा रणजीत सिंह का नाम उनके इतिहास मे नहीं है। आजादी की लड़ाई केवल जिन्नाह ने लड़ी। सम्राट अशोक और चन्द्रगुप्त मौर्य उनके इतिहास मे नहीं हैं। 1948 मे भारत से 55 करोड़ रुपए लिए और तत्काल बाद काबाइलियों के साथ पाकिस्तानी सेना ने भारत पर आक्रमण किया। क्रिकेटर शाहिद अफ्रीदी को अब भी गर्व है कि उसका दादा 1948 मे भारत को लूटने वालों मे शामिल था।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मोहम्मद अली जिन्नाह की तस्वीर को रखने की इतनी जिद्द क्यों? क्योंकि उसने भारत के 2 टुकड़े करवाए, डारयेक्ट एक्शन डे और बँटवारे के दौरान लाखों हिंदूओ के कत्लेआम का जिम्मेदार था। पाकिस्तान के आदर्श हैं इकबाल वही इकबाल जिसने भारत की जमीन को नापाक कहा था। इकबाल का शेर है-

“करदे फकत इशारा अगर शाहे खुरासान

सजदा न करूं हिंद की नापाक जमीन पर”

क्या आपको पता है कि पाकिस्तान का पहला राष्ट्रगीत (कौमी तराना) एक हिन्दू जगन्नाथ आजाद ने लिखा था । 18 महीने बाद इसराष्ट्रगीत (कौमी तराना) को हटा दिया गया क्योंकि यह एक हिन्दू ने लिखा था। बाद मे जोगेन्द्र मण्डल की तरह जगन्नाथ आजाद को भी भारत आना पड़ा।

सेक्युलर फिल्म इंडस्ट्री की हालत भी इससे अलग नहीं है।

हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में पचास के शुरुआती दशक के सुप्रसिद्ध बाल कलाकार रतन कुमार, जिनका असली नाम सैयद नज़ीर अली रिज़वी था. जिन्होंने उस दौर में दो बीघा जमीन (१९५३) बूट पॉलिश (१९५४) और जागृति (१९५४) में बतौर बाल कलाकार यादगार भूमिकाएँ निभाई थी, जिसने उन्हें खूब नाम और शोहरत दी.

वहीं जागृति फिल्म का, कवि पंडित प्रदीप द्वारा लिखा गया अमर गीत “आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ झाँकी हिंदुस्तान की, इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की” कौन भूल सकता है, तब से लेकर आज तक की पीढ़ियाँ इसे गाती हैं, सराहती हैं.

१९५६ में रतन कुमार उर्फ़ सैयद नज़ीर अली रिज़वी भारत से पाकिस्तान चले जाते हैं. वहाँ वे रतन कुमार नाम को ही नहीं भारत के नाम और पहचान को भी दफ़न कर देते हैं,

पाकिस्तान में उनके अन्दर का मुसलमान न केवल जाग जाता है, बल्कि उन पर हावी हो जाता है, जो बच्चा दो साल पहले ‘जागृति’ फिल्म में भारत की मिट्टी को तिलक कर रहा था, वन्देमातरम के नारे लगा रहा था, वह पाकिस्तान पहुँचते ही १९५७ में ‘बेदरी’ नाम से ‘जागृति’ फिल्म का रीमेक बनाता है, और इसमें वो गाता है “आओ बच्चों सैर कराएँ तुमको पाकिस्तान की, इसकी खातिर हमने दी कुर्बानी लाखों जान की….पाकिस्तान जिंदाबाद-पाकिस्तान जिंदाबाद”

जो सैयद नजीर, दो साल पहले छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप की जय कर रहा था, वह पाकिस्तान पहुंचते ही गाता है “यह है देखो सिंध यहाँ जालिम दाहिर का टोला था, यहीं मोहम्मद बिन कासिम अल्लाह हो अकबर बोला था”

Middle East Media Research ( MEMRI ) की रिपोर्ट जो 2013 में आई थी वो भी कहती है कि पाकिस्तानी स्कूल बुक्स में लिखा गया है कि जिहाद के नाम पर हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों का कत्ल भी मंजूर है.

https://www.memri.org/…/textbooks-pakistani-government…

https://www.opindia.com/…/bbc-urdu-documentary-reveals…/

US government commission की इस स्टडी में पहली से दसवीं तक के बच्चों की 100 किताबों का निरीक्षण किया गया था. 37 पब्लिक स्कूलों के 277 स्टूडेंट्स, टीचर्स के इंटरव्यू हुए. साथ ही साथ 19 मदरसों में 226 स्टूडेंट्स और टीचर्स से भी बात की गई.

रिपोर्ट में सामने आया कि सभी अल्पसंख्यक खास तौर पर हिंदुओं को पाकिस्तान में बहुत गलत तरह से दिखाया जा रहा है. ईसाई समुदाय के लोगों के लिए भी गलत बातें लिखी हैं, लेकिन हिंदुओं को दुश्मन के तौर पर दिखाया गया है.

कक्षा चौथी की एक बुक में लिखा था, ‘एंटी-इस्लामिक ताकतें हमेशा दुनिया से इस्लाम का राज खत्म करने की कोशिश करती हैं. इससे इस्लाम की मौजूदगी पर ही खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तान और इस्लाम का बचाव बहुत जरूरी है.’

https://www.dawn.com/news/672000…

पाकिस्तान मे क्या पढ़ाया जाता है? (इंटरनेट से अलग अलग स्रोत से प्राप्त जानकारी )

शत्रुओं की सेना पाकिस्तान में लड़ रही थी। पूर्वी पाकिस्तान के हिंदू तत्व बिल्कुल नहीं चाहते थे कि पाकिस्तान की दोनों शाखाओं (पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान) के मध्य कोई उपयुक्त समझौता हो…… हिंदू केवल धूर्त और चालबाज ही नहीं बल्कि नीच हत्यारे भी हैं – विभाजन के बाद की हत्याओं के जिम्मेदार हिंदू और सिख ही थे।..’(अल्लामा इकबाल ओपन यूनिवर्सिटी में बीए की पाठ्य-पुस्तक ‘ मुताला-ए-पाकिस्तान’)

.’हिंदू शुरू से ही इस्लाम के दुश्मन रहे हैं। ( उर्दू, पांचवी कक्षा के लिए, पंजाब पाठ्य-पुस्तक, लाहौर, मई 2002, पृष्ठ 108-)

हिंदू प्राचीन सिंधु घाटी के लोगों के साथ बहुत बुरा बर्ताव करते थे। उन्होंने जबरदस्ती उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया था। वे उनके घरों में आग लगाकर उन्हें जिंदा जला देते थे। जो हिंदुओं के इन अत्याचारों से बचे उन्हें गुलाम बना लिया गया। प्राचीन उपमहाद्वीप के लोगों को पराजित करके हिंदू आपस में ही लड़ने लगे।( सामाजिक अध्ययन, पंजाब पाठ्य-पुस्तक परिषद, लाहौर 1987, पृष्ठ 1-2)

कांग्रेस में हिंदुओं की पहुंच बहुत ऊंची थी और उन्होंने अंग्रेजों के साथ अच्छे संबंध स्थापित किए। इस दल ( कांग्रेस) ने हिंदुओं के हितों की रक्षा के लिए ही संघर्ष किया। धीरे-धीरे यह एक विशुद्ध हिंदू संगठन बन गई। कांग्रेस के ज्यादातर सदस्य उपमहाद्वीप में मुसलमानों की उपस्थिति तक बर्दाश्त नहीं कर पाते थे। वह मांग करने लगे कि मुसलमान या तो हिंदू धर्म को स्वीकार कर लें या फिर देश छोड़कर चले जाएं। कांग्रेस अंग्रेज़ सरकार के इतने करीब थी कि वह सरकार को मुसलमानों के हित का कोई भी काम नहीं करने देती थी। बंगाल-विभाजन इसका एक उदाहरण माना जा सकता है। ( सामाजिक अध्ययन, छठी कक्षा के लिए, पंजाब पाठ्य-पुस्तक परिषद, लाहौर, मार्च 2002, पृष्ठ 143)

सूची बहुत लंबी है परन्तु संक्षेप में नमूने के लिए कुछ उदाहरण लिखे है।

(पोस्ट का कुछ अंश স্বামী আরভিনদ जी की वाल से)

बेदारी फिल्म का मूल गाना इस लिंक से है। अब नए गाने में बंगाल हटा दिया है।

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Tags: anti india narrativebharathindi vivekhindu hatepakistan

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