श्रीलंका में जनता रॉक्स

श्रीलंका हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत से कहीं आगे हैं और आज भी है। श्रीलंका की जनता राष्ट्रपति भवन में मौज कर रही है। भवन के गद्दे पर कुश्ती लड़ रही है और परिसर के स्विमिंग पूल में स्नान कर रही है। कुछ दिन पहले सस्ती तेल मिल रही थी। आज समूचा राजसी ठाठ बाट दोनों बाहें फैलाकर आम जनता की नुमाइश में लगा है।

भारत की मैग्सेसे मीडिया कह रहा है भारत को श्रीलंका से सीखना चाहिए। वास्तव में जो हैप्पीनेस श्रीलंका के पास है भारत को कभी नसीब नहीं हुआ। लोकतंत्र का तो पूछिए ही मत। भारत में एक नारा लगाया गया था ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’। भारत में तो यह नारा नारा ही रह गया। लेकिन श्रीलंका में यह नारा मूर्तिमान भी हो गया। सिंहासन के चारों ओर की सड़कों से जनता की अगवानी देखकर श्रीलंका के शासक ने न केवल सिंहासन खाली कर दिया, अपितु देश छोड़कर ही कहीं चले गए।

अब राज करेगी जनता रॉक्स। भारत पिछले 8 वर्षों के शासन में जनता रॉक्स से काफी दूर हो गया। मतलब कि भारत में लोकतंत्र खोखला हो चुका है। वहीं श्रीलंका में जनता रॉक्स शक्ल ले चुका है। जनता अब राज करेगी। जनता अब बहुत खुश है। उत्साहित है। शासक के घर में भी आग लगा दिया है जनता ने। वह आग भारत क्यों नहीं पहुंच रहा, बस इसी चिंता में भारत की जीरो टीआरपी पत्रकारिता दिन प्रतिदिन दुबली होती जा रही है।

भारत की जनता निहायत ही बेवकूफ है। महंगे पेट्रोल महंगे गैस सिलेंडर महंगे करुआ तेल हंसी खुशी खरीद रही है। साथ में कह भी रही है ₹200 तक पेट्रोल खरीद सकते हैं। तनिक सोच कर देखिए जो वस्तुएं 70 80 में मिल जाना चाहिए, ₹200 मैं खरीदने के लिए कितना मेहनत करके कमाना पड़ता होगा। किसान से लेकर क्लर्क तक दिन रात मेहनत करके लोग सत्ता को बचाने में लगे हैं। News24 के संदीप चौधरी कहते हैं भारत श्रीलंका से सीखता क्यों नहीं?

वहां लोगों को काम नहीं करना पड़ता। तबसे जबसे श्रीलंका ने राष्ट्रवाद को असल में लताड़ का चीन से मित्रता बढ़ाई। जनता को सब फ्री में देना शुरू कर दिया। भोजन शिक्षा स्वास्थ्य सब कुछ मुफ्त। लोगों ने काम करना बंद कर दिया। पर्यटन से गुजारा होने लगा। उससे भी कमी रह गई तो वर्ल्ड बैंक आईएमएफ तथा तमाम दूसरे देशों से कर्जा लेकर जनता को समाजवाद की खुराक खिलाई जाने लगी। आज जब सरकार ने सरेंडर करना पड़ा तब जाकर श्रीलंका में जनता रॉक्स आई है।

विशाल झा

 

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