भगवान राम की नगरी अयोध्या एक बार फिर से दीपोत्सव के दीयों से जगमगाने के लिए तैयार हो रही है। इस बार 23 अक्टूबर 2022 को अयोध्या की सरयू नदी पर एक अलग ही नजारा देखने को मिलेगा। दुनिया भर से लोग एक बार फिर दीपोत्सव की झलक देखने के लिए आने वाले हैं। इस दीपोत्सव के अलावा दीवाली त्योहार को चार चांद तब लग गये जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को मंजूरी मिल गयी। इसके साथ ही योगी सरकार का सत्ता में आना सोने पर सुहागा हो गया। योगी सरकार ने दिवाली के त्यौहार पर जोर दिया और इसे अद्भुत बनाया। दिवाली खुशियों का त्यौहार है लेकिन तेजी से बदलते समय ने दिवाली पर कुम्हारों को दुखी करना शुरू कर दिया था क्योंकि अब मिट्टी के दीयों को लोगों ने इस्तेमाल करना करीब करीब बंद कर दिया था और चीनी बाजार के दीयों ने दिवाली पर अपना कब्जा कर लिया था लेकिन योगी सरकार ने दिवाली से पहले दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की जो दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस कार्यक्रम पर लाखो दीये जलाए जाते हैं इस दीपोत्सव की वजह से राज्य के कुम्हारों को बड़ा काम मिला और उनकी दिवाली हैप्पी हो गयी।
दीवाली के लिए अभी करीब 2 महीने का समय है लेकिन यह समय वहां के कुम्हारों के लिए कम है इसलिए आजकल वह अपना चाक बहुत तेजी से घुमा रहे हैं क्योंकि उन्हें अयोध्या के लिए लाखों दीयों को तैयार करना है। बारिश का महीना होने की वजह से दीयों को सुखाने का भी काम बड़ा मुश्किल है। जानकारी के मुताबिक इस बार अयोध्या में दीपोत्सव पर 14.5 लाख दीये जलाए जाएंगे। दीवाली से एक दिन पहले होने वाला यह दीपोत्सव कार्यक्रम बहुत ही रोमांचक होता है और इसकी तस्वीर बहुत ही मनमोहक होती है। दीपोत्सव के दौरान सरयू नदी पर लाखो दिये जगमगाते है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस दीपोत्सव की शुरुआत की थी और पहली बार सरयू तट पर 51 हजार दिये जलाए गये थे। वर्ष 2019 में दीपोत्सव पर 4 लाख 10 हजार दिये जलाए गये। वर्ष 2020 में दीयों की संख्या 6 लाख हो गयी और वर्ष 2021 में इसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया जिसमें 9 लाख दीये राम की पैड़ी पर और 3 लाख दीये अयोध्या में अलग अलग स्थानों पर जलाए गये जिसने एक नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। अब वर्ष 2022 में 14.5 लाख दीये जलाने का संकल्प सरकार की तरफ से लिया गया है। जिसके बाद आस पास के गावों के कुम्हार अपना चाक तेजी से चला रहे है क्योंकि उन्हें कम समय में लाखों दीये तैयार करना हैं। दीपोत्सव सरकार की तरफ से चलाया गया एक ऐसा कार्यक्रम है जो एक त्योहार से साथ साथ रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है और दीये बनाने वाले हजारों घरों को रोजगार देता है।
राम मंदिर निर्माण कार्य भी बहुत तेजी से चल रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि दिसंबर 2024 तक मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। इस बार के दीपोत्सव कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए अयोध्या की प्रशासनिक व्यवस्था कड़ी रहेगी क्योंकि दीपोत्सव की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से इस बार भीड़ अधिक होने की संभावना है ऐसे में प्रशासन को भी हर स्तर की तैयारी करनी होगी।