56 मुगलिम देशों में से सिर्फ हिंदुस्तान में वक्फ बोर्ड बना!
सेक्युलर भारत में कोई मैदान सिर्फ मुसलमान का कैसे?
मंदिर में नमाज हो सकती है, ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव नहीं?
वक्फ बोर्ड की 1.20 लाख करोड़ की संपत्ति
बेंगलूर का ईदगाह मैदान – गणेश चतुर्थी मामला बहुत अच्छा उदाहरण है मुस्लिम मानसिकता और उनके फर्जी भाईचारे के नारे का।
ईदगाह के मैदान पर कर्नाटक सरकार ने हिंदुओ को गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए व्यवस्था की इजाजत दी, परंतु मंदिर मे नमाज पढने, शरण लेने, पानी पीने और हिंदु धर्मस्थलो मे अपना मजहबी कार्य-क्रम आयोजित कर भाई चारे की कसम खाने वाले उदार सहिष्णु शांतिप्रिय मुस्लिम भाई लोगो को यह रास नही आ रहा।
वक्फ बोर्ड के सहारे हाईकोर्ट मे गणेशोत्सव रुकवाने को याचिका दायर किए।
जब हाइकोर्ट से मन मुताबिक आर्डर नही मिला तो सुप्रीम कोर्ट आ गये।सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाथ खडे कर दिए तो मामला सीजेआई के पास पहुंचा है।
भाईचारे की कसम खाने वाले लोग खाली मैदान पर हिंदुओ को गणेशोत्सव नही करने देना चाहते। उनकी सबसे बडी संस्था इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गयी है।
तो कहाँ गया भाई चारा ? कहां गयी उदारता ?
बस उन्हे खुद के लिए उदारता भाई चारावाद चाहिए। जब जब हिंदुओ के प्रति कोई उदारता या भाईचारे पन को दिखाने का इनको कोई अवसर आता है तो यह लोग कभी खुले दिल से सामने नही आते।बल्कि हर मुमकिन कोशिश करते है कि हिंदुओ को रोका जाये
Thoda sharm karlo be
Kbk hate failayega be