हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, विशेष, व्यक्तित्व, शिक्षा
0

श्रीनिवास रामानुजन् का जन्म 22 दिसम्बर, 1887 को तमिलनाडु में इरोड जिले के कुम्भकोणम् नामक प्रसिद्ध तीर्थस्थान पर हुआ था। वहाँ कुम्भ की तरह हर 12 वर्ष बाद विशाल मेला लगता है। इसीलिए उस गाँव का नाम कुम्भकोणम् पड़ा। इनके जन्मदिवस पर भारत में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है।

रामानुजन् बचपन में सामान्य छात्र थे; पर कक्षा दस के बाद गणित में उन्होंने तेजी से प्रगति की। जब तक अध्यापक श्यामपट पर प्रश्न लिखते, तब तक वे उसे हल भी कर लेते थे। इसी कारण बड़ी कक्षाओं के छात्र भी उनसे सहायता लेने आते थे।

कालेज के दिनों में उन्होंने ‘प्रोफेसर जार्ज शूब्रिज’ की गणित की एक पुस्तक पढ़ी। इसके बाद वे पूर्णतः गणित को समर्पित हो गये; पर इस दीवानगी के कारण वे अन्य विषयों में अनुत्तीर्ण हो गये। उनकी छात्रवृत्ति भी बन्द हो गयी। वे प्रायः कागजों पर गणित के नये-नये सूत्र लिखते रहते थे। वे हर महीने डेढ़ दो हजार कागज खर्च कर डालते थे। उनके देहान्त के बाद इन्हीं से ‘फ्रेयड नोटबुक्स’ नामक पुस्तक का निर्माण किया गया।

कुछ समय बाद उन्हें मद्रास बन्दरगाह पर क्लर्क की नौकरी मिल गयी। वहाँ भी वे गणित के सूत्रों में ही खोये रहते थे। इसी समय केवल 17 पृष्ठों वाला उनका पहला अध्ययन प्रकाशित हुआ। यह किसी तरह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के विख्यात प्रोफेसर हार्डी के पास पहुँच गया। रामानुजन् ने उन्हें अपनी सौ प्रमेयों को लिखकर अलग से भी भेजा था। उसकी प्रतिभा देखकर प्रोफेसर हार्डी ने भारत प्रवास पर जा रहे प्रोफेसर नेविल से कहा कि वे प्रयासपूर्वक रामानुजन् को अपने साथ कैम्ब्रिज ले आयें।

कैम्ब्रिज आने पर प्रोफेसर हार्डी ने देखा कि रामानुजन् में प्रतिभा तो बहुत है; पर विधिवत शिक्षण न होने के कारण वे कई प्राथमिक बातें नहीं जानते थे। अतः उन्होंने रामानुजन् को कैम्ब्रिज में प्रवेश दिला दिया। यहीं से रामानुजन् ने बी.एस-सी उत्तीर्ण की। आगे चलकर उन्हें इसी विश्वविद्यालय से फैलोशिप मिली। यह पाने वाले वे पहले भारतीय थे। 1918 में वे र१यल सोसायटी के सदस्य बने। यह सम्मान पाने वाले वे दूसरे भारतीय थे।

इंग्लैण्ड के मौसम और खानपान के कारण रामानुजन् का स्वास्थ्य बिगड़ गया। अतः वे 1919 में भारत लौट आये। एक वर्ष बाद केवल 32 वर्ष की अल्पायु में 26 अपै्रल, 1920 को चेन्नई में उनका देहान्त हो गया। उनके देहान्त के बाद कैम्ब्रिज में उनके प्राध्यापक रहे प्रोफेसर आर्थर बेरी ने बताया, ‘‘मैं एक बार श्यामपट पर कुछ सूत्रों को हल कर रहा था। मैं बार-बार रामानुजन् को देखता था कि उसे सब समझ में आ रहा है या नहीं ? मैंने देखा कि उसका चेहरा चमक रहा है और वह बहुत उत्तेजित है। वस्तुतः वह मुझसे कुछ कहना चाहता था।  मेरे संकेत पर वह उठा और उसने श्यामपट पर उन सूत्रों के हल लिख डाले। वास्तव में वह कागज और कलम के बिना मन में ही सूत्रों को हल कर चुका था। संख्याओं के सिद्धान्त पर उसकी पकड़ कमाल की थी। इन्हें हल करने में उसे कोई बौद्धिक प्रयास नहीं करना पड़ता था।’’ अन्य प्राध्यापकों का भी ऐसा ही मत था।

1936 में हावर्ड विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए प्रोफेसर हार्डी ने रामानुजन् को एक ऐसा योद्धा बताया, जो साधनों के अभाव में भी पूरे योरोप की बौद्धिक शक्ति से लोहा लेने में सक्षम था। आज भी उनके अनेक सूत्रों को हल करने के लिए गणितज्ञ प्रयासरत हैं।

संकलन – विजय कुमार

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: erodegreatest mathematicianhindi vivekindian mathematiciankumbhakonamlegendnational mathematics dayrashtriya ganit diwasshrinivas ramanujan

हिंदी विवेक

Next Post
अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

अमेरिका में बज रहा भारत का डंका

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0