एमएमआरडीए की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई जानकारी में यह बात सामने आई है कि दुनिया में मशहूर मुंबई यूनिवर्सिटी के मास्टर प्लान तैयार करने में देरी हो रही है। एमएमआरडीए की देरी से काम अधर में लटका हुआ है। दिल्ली कंसल्टेंट इस मास्टर प्लान पर 40 महीने से काम कर रहा है और उसे एमएमआरडीए ने अब तक 5 लाख रुपए दिए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए से मुंबई यूनिवर्सिटी के मास्टर प्लान की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए के जन सूचना अधिकारी अंकित दास ने अनिल गलगली को बताया कि उक्त मास्टर प्लान तैयार करने के काम की प्रक्रिया प्रगति पथ पर है। उक्त मास्टर प्लान तैयार करने के लिए नियुक्त कंसल्टेंट द्वारा प्रस्तुत बिल के अनुसार रू 4,96,000 का भुगतान किया गया है।
एमएमआरडीए ने मुंबई यूनिवर्सिटी का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए 28 अगस्त 2019 को मैसर्स डीडीएफ कंसल्टेंट्स, दिल्ली को नियुक्त किया है और कुल 1.12 करोड़ रुपये की लागत है। पिछले 40 माह से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
मुंबई यूनिवर्सिटी के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की है एवं एमएमआरडीए उस पर काम कर रही है लेकिन अफसोस है कि एमएमआरडीए दुर्भाग्य से आगे काम बढाने से चूक गई है। अनिल गलगली ने कहा कि अभी भी एमएमआरडीए निश्चित नहीं है कि मास्टर प्लान कब पूरा होगा। अनिल गलगली ने कंसल्टेंट के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।