पतायत साहू जी को मिला पद्मश्री पुरस्कार

लुंगी और गमछा में जिस व्यक्ति को आप देख रहे हैं उनका नाम पतायत साहू है। पतायत जी को इस बार पद्मश्री पुरस्कार मिला है। पतायत जी ओडिशा के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत जी अपने घर के पीछे 1.5 एकड़ ज़मीन में 3000 से भी ज्यादा मेडिसिनल प्लांट उगाए हैं।
यह काम वो पिछले 40 साल से कर रहे हैं। पतायत जी आर्गेनिक खेती पर जोर देते हैं। अपने प्लांट में कभी भी केमिकल फ़र्टिलाइज़र का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
पतायत जी दिन में खेती करते हैं और रात को वैद्य बन जाते हैं। लोगों से पैसे की मांग नहीं करते हैं। पतायत जी के खेत में जो 3000 प्लांट हैं उसमें से 500 तो वो भारत के अलग अलग जगह से संग्रह किये हैं। बाकी सब कालाहांडी के जंगल से संग्रह किये । उनके बगीचे में ऐसे कई सारे मेडिसिनल प्लांट हैं जो किसी और जगह नहीं मिलते हैं। पतायत जी को ढेर सारी बधाई ।
आप लोग नेशनल मीडिया में कभी भी पतायत जी के बारे में नहीं सुने होंगे न ही उनके प्लांट के बारे में। हिंदी बेल्ट के किसी राज्य में अगर इस तरह का काम कोई किया होता तो अब तक काफी सारी डाक्यूमेंट्री बन गई होती। लोग सेमिनार में बुला रहे होते… लेकिन यह लुंगी गमछा और कालाहांडी के इस व्यक्ति को नेशनल मीडिया में जगह नहीं मिलती है।”
– सुशील मोहपात्रा

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