हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की घोषणा इस साल के लिए भी कर दी गई है। 2023 के लिए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 3 युगल मामलों सहित 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं। इस साल राष्ट्र और समाज सेवा को अपना सर्वोच्च नैतिक कर्तव्य मानने वाले हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष, प्रख्यात संविधानविद और राजनीतिक इतिहास विशेषज्ञ रमेश पतंगे को भी राष्ट्रपति ने उनके राष्ट्र और समाज समर्पित जीवन लक्ष्य के लिए पद्मश्री पुरस्कार की मंजूरी दी है। पद्म पुरस्कार हर साल दिए जाते हैं लेकिन इस साल रमेश पतंगे के जमीनी कार्यों का पद्म पुरस्कारों के रूप में परिणत होना समूचे विवेक समूह के लिए अत्यंत हर्षोल्लास और गर्व का विषय है।
साप्ताहिक विकेक के पूर्व संपादक रमेश पतंगे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। उन्होंने जीवन भर संघकार्य के विभिन्न दायित्यों का सक्षमता से निर्वाह किया। उनकी गणना महाराष्ट्र के प्रसिद्ध विचारकों एवं वक्ताओं में होती है। मराठी भाषा में उनकी समरसता, संघर्ष महामानवाचा, बहुस्पर्शी विवेकानंद, महामानव अब्राहम लिंकन सहित दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके सभी पुस्तकों के हिंदी अनुवाद भी हो चुके हैं। उनकी प्रख्यात पुस्तक ‘मैं, मनु और संघ’ का देश की 9 भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है और पिछले 25 वर्षों से यह पुस्तकों पाठकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। वर्तमान में वे हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष हैं।
अर्थशास्त्र में परास्नातक डिग्री धारक रमेश पतंगे की सोच रही है कि, किसी भी राष्ट्र को सशक्त और बलवान बनाने के लिए उसकी प्रजा का आपस में भाईचारे का व्यवहार करना आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक समरसता के जनांदोलन को आगे बढ़ाने में अपनी लेखनी और जमीनी कार्यों के माध्यम से जीवन भर प्रयत्न किया और उनकी यह यात्रा अनवरत जारी है। समरसता के क्षेत्र में उनके द्वारा रखी गयी ठोस नींव और निर्माण कार्य और समरसता के कार्यों के निरंतर विस्तार का असर वर्तमान समय में परिलक्षित भी हो रहा है।
पतंगे ने छोटे शिशुओं से लेकर आम वयस्क लोगों को संविधान की मूलभूत जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए संविधान की सरल टीकाएं भी लिखीं जो देशभर में काफी लोकप्रिय हुई, क्योंकि उनका मानना है कि देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र निर्माता होता है और हर राष्ट्र निर्माता को अपने राष्ट्र का इतिहास, धर्म परम्परा, समाज व्यवस्था, राजनीतिक इतिहास, लोक परम्परा, संस्कृति इत्यादि विषयों का सूक्ष्म ज्ञान होना आवश्यक होता है।
पद्म सम्मान औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं, जिनका आयोजन आमतौर पर हर साल मार्च या अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में किया जाता है। इस वर्ष 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और 7 मरणोपरांत पुरस्कार प्राप्त करने वाले भी शामिल हैं।
श्री.रमेशजी रघुनाथजी पतंगे इन को 22 मार्च 2023 को आदरणीय राष्ट्रपती श्रीमती द्रौपदीजी मूर्मू के कर कमलो द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया l
अभिनंदन पद्मश्री श्रीमान पतंगे जी का तथा समस्त हिंदुस्थान प्रकाशन संस्था का.