राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत डॉ. हेडगेवार

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डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार अक्सर यह सोचा करते थे कि प्राचीन भारत में सैन्य पौरुष, ज्ञान विज्ञान, अतुलनीय समृद्धि, गौरवशाली संस्कृति इत्यादि सब कुछ होते हुए भी भारत कालांतर में परतंत्र क्यों हुआ। इस प्रशन्न का उत्तर उन्होंने तात्कालीन विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक संस्थाओं एवं स्वतंत्रता आंदोलनों में अपनी भागीदारी…

‘स्व’ की त्रयी से विश्वगुरु भारत का आह्वान

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की त्रयदिवसीय ( 12 - 15 मार्च) बैठक हरियाणा के समालखा पानीपत में सम्पन्न हुई‌।प्रतिनिधि सभा की बैठक में राष्ट्र के सर्वांगीण विकास एवं नवोत्थान के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुए। इन प्रस्तावों में राष्ट्र की समृद्धि एवं चुनौतियों व जनमानस के…

डॉक्टर हेडगेवार जी का हिंदुत्व..!

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किसी व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना है, या उस व्यक्ति ने किये हुए कार्य का यश - अपयश देखना हैं, तो उस व्यक्ति के पश्चात, उसके कार्य की स्थिती क्या है, यह देखना उचित रहता हैं. उदाहरण हैं - छत्रपती शिवाजी महाराज. मात्र पचास वर्ष का जीवन. लगभग तीस…

संघ कार्य को बल, गति एवं विस्तार देने की आवश्यकता

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भारत आज न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि राजनैतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान कायम कर रहा है। चूंकि आज विश्व के कई देश विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं एवं इन देशों को इन समस्याओं के हल हेतु कोई उपाय…

आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य : डॉ. मनमोहन वैद्य

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समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्पित कर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया। अ. भा. प्र. सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1474…

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा और राष्ट्र निर्माण..!

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा अपने आप में संघ के उद्देश्यों - भविष्य की कार्य योजनाओं, प्रस्तावों एवं पूर्व प्रस्तावों की समीक्षा करती है । राष्ट्र एवं समाज के प्रति संघ के स्वयंसेवकों के क्या दायित्व हैं ? और संघ परिवार के…

समाज के सकारात्मक परिवर्तन का शिल्पकार संघ

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भारत में पिछले 97 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के नागरिकों में देशप्रेम की भावना का संचार करने का लगातार प्रयास कर रहा है। वर्ष 1925 (27 सितम्बर) में विजयदशमी के दिन संघ के कार्य की शुरुआत ही इस कल्पना के साथ हुई थी कि देश के नागरिक स्वाभिमानी,…

याद है उन चार स्वयंसेवकों का बलिदान ?

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क्या याद है आपको, यही वे दिन थे जब हमने पूर्वोत्तर में संघ के 4 वरिष्ठ कार्यकर्ता खोए थे? याद है 6 अगस्त, 1999 की वह सुबह, जब उत्तरी त्रिपुरा के धोलाई जनपद के कंचनछेड़ा नामक स्थान से रा.स्व.संघ के 4 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का अपहरण कर लिया गया था? दो…

आरएसएस हिंदुत्व का विराट दर्शन

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हमलोगों को "हिंदू" कब से कहा जाया जाने लगा ये तो ठीक-ठीक नहीं पता पर मेरे ख्याल से ये नाम हमारे लिए सबसे उपयुक्त नाम है क्योंकि ये सर्वसमावेशी नाम है जो हमारी सामूहिक प्रकृति को सबसे ठीक से परिभाषित करती है। महाभारत के बाद से भारत कई अवैदिक मतों…

हरियाणा में होगी संघ की आखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक – अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस वर्ष 12,13 व 14 मार्च 2023 को हरियाणा के समालखा (जिला पानीपत) में होगी. बैठक में 2022-2023 के संघ कार्य की समीक्षा और आगामी वर्ष (2023-2024) की संघ कार्य योजना पर चर्चा होगी. इसके अलावा कार्यकर्ता निर्माण व प्रशिक्षण,…

पू. सरसंघचालक के वक्तव्य का संदर्भ

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संत शिरोमणि रविदास जयंती के अवसर पर पू. सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा कही बातों पर राष्ट्रविरोधी जनों ने विरोध करना शुरू कर दिया कि उन्होंने ब्राह्मणों का अपमान कर दिया, जबकि उन्होंने कहीं पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग ही नहीं किया था। कुतर्क करने वालों के लिए संघ पहले ब्राह्मणवादी…

अपनी शक्ति का आकलन अवश्य करना चाहिए

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श्री गुरुजी सदैव घोड़े और आदमी की एक कथा सुनाया करते थे।...आजकल हर देश दूसरे शक्तिशाली देशों को अपना मित्र बनाना चाहता है। उस देश को लगता है कि शक्तिशाली मित्रदेश के बल पर वह शत्रुओं से अपनी रक्षा कर पायेगा। पर कोई भी देश निस्वार्थ भाव से दूसरे की…

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