दुनिया के लिए आदर्श कनाडा पुलिसिंग व्यवस्था

मैं और पत्नी दोनों दामाद के साथ बच्चों को लेने उनके स्कूल जाते हैं। घर से स्कूल लगभग साढ़े छह किमी है। इसलिए गाड़ी से ही जाते हैं। एक दिन मैंने कहा, मैं आज पैदल जाऊँगा। और चल पड़े पैदल ही। पर्स में सौ डॉलर का एक नोट डाला और मल्टी करेंसी फोरेक्स कार्ड भी तथा एक आईडी प्रूफ़ रख लिया। परदेस में कहीं फँस भी सकते हैं, इसलिए आईडी प्रूफ़ ज़रूरी है। हालाँकि मोबाइल में अराइव कैन पड़ा हुआ है और उसमें मेरी सारी पहचान, यहाँ तक कि पासपोर्ट भी डिजिटल पड़ा हुआ है। लेकिन फिर भी एक प्रूफ़ रखना ज़रूरी होता है। अब पासपोर्ट रखना तो जोखिम भरा है, इसलिए आधार कार्ड रखा। एक थैले में पानी की बोतल, बिस्किट्स, चाकलेट रख लिए। हवा के कारण ठंड थी इसलिए जैकेट भी पहन ली। एक लोअर और राहुल बाबा वाली टी-शर्ट भी तथा रीबॉक के शू। राम का नाम ले कर घर से चला। बेसबाल ग्राउंड में जा कर गर्मी लगी क्योंकि धूप ख़ूब थी। जैकेट उतार कर थैले में डाल ली। रॉस लैंड रोड पर पहुँच कर फुटपाथ पर चलने लगा। फुटपाथ चार फ़िट का पक्का था। दोनों तरफ़ दस फ़िट तक घास। फिर एक तरफ़ सड़क व दूसरी तरफ़ घरों के बैकयार्ड।

तीन किमी तक जाने के बाद मुझे दाएँ एक पुलिस चौकी दिखी। मैंने रेड लाइट पर जा कर सड़क पार करने का सिग्नल ऑन किया। सफ़ेद होते ही लपक कर उस तरफ़ पहुँच गया। चौकी आठ-दस एकड़ के दायरे में थी। पार्किंग भी ख़ूब बड़ी थी। एक तरफ़ का दरवाज़ा पुलिसकर्मियों के लिए था और दूसरी तरफ़ पब्लिक के लिए। वहाँ खड़े एक सिपाही से मैंने पूछा, थानेदार साहब हैं? उसने मुझे देख कर कहा, कोई रिपोर्ट या कोई मदद? मैंने कहा कुछ नहीं बस थानेदार साहब से गपियाना है। उसने भीतर जाने का संकेत किया अंदर केबिन में एक गौरांग स्त्री रिशेप्सन पर बैठी थी। उसे मैंने अपना परिचय दिया और आने का मक़सद बताया। उसने दूसरी तरफ़ इशारा कर के बताया की दरोगा जी वहाँ हैं। मैं वहाँ पहुँचा और पुनः बड़ी मशक़्क़त के बात उसी तरह अंग्रेज़ी बोली। उसने बताया कि यह सिर्फ़ रिपोर्टिंग सेंटर है।

थानेदार साहब कुछ दूरी पर स्थित बड़े थाने पर बैठते हैं। मेरे आने का उद्देश्य जान कर उसने मुझे पौन किमी की दूरी पर स्थित एक विशाल बहुमंज़िला इमारत दिखाते हुए कहा कि वहाँ बड़े पुलिस अधिकारी बैठते हैं। वही बता सकते हैं। हम लोग अधिकृत नहीं हैं। मैं बाहर आया और पुनः चौकी की सीमा की सड़क उसी विधि से पार कर डरहम रीजनल सेंटर पहुँचा। वहाँ तैनात प्रहरी से मैंने थर्ड फ़्लोर पर स्थित क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी से मिलने का निवेदन किया। उसने मुझे चीफ़ ऑफ़िसर क्रिस से मिलने को कहा। पता चला, कि वे शाम को मिलेंगे। लेकिन उसने मुझे उनका नंबर दे दिया। मुझे देर हो रही थी इसलिए मैं चला गया। पर चौकी का माहौल और चीफ़ से मिलने की उसकी मनुहार बड़ी अच्छी लगी। मैंने चीफ को फ़ोन पर बताया की मुझे कनाडा पुलिस की त्वरा और नागरिकों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बहुत भा गए हैं। मैं इस विषय पर लिखूँगा। एक दिन उनसे मिलने जाना है।

अब मैं यहाँ पर पुलिस के ढाँचे के बारे में बता दूँ। यहाँ तीन तरह की पुलिस है। पहली तो होती है क्षेत्रीय पुलिस। फिर उस प्रदेश की पुलिस और तीसरी फ़ेडरल पुलिस। पहली पुलिस मेयर के अधीन होती है। दूसरी राज्य सरकार के अधीन और तीसरी केंद्र की फ़ेडरल सरकार की। तीनों के अधिकार अलग-अलग हैं और वेतन भी। क्षेत्रीय अपराध (हालाँकि वे नहीं के बराबर हैं) कोई घटना-दुर्घटना या क्षेत्रीय नागरिकों को किसी तरह की इमरजेंसी हो तो क्षेत्रीय पुलिस आएगी। प्रांतीय पुलिस अधिकतर हाई-वे पर रहती है और यही सब देखती है। फ़ेडरल पुलिस विदेशी नागरिकों के मामले और वित्तीय घोटालों व अंतर-राज्यीय विवादों को। इसे रॉयल कनाडा माउंटेड पुलिस (RCMP) बोलते हैं। फ़ेडरल पुलिस के विशेष प्रशिक्षित पुलिसकर्मी संसद की सुरक्षा करते हैं। प्रांतीय पुलिस के अधिकारी उस प्रांत की विधानभवन की। विधानभवन को भी यहाँ संसद ही कहते हैं। इसके सदस्य एमपीपी कहलाते हैं। अर्थात् मेम्बर ऑफ़ प्रॉविंसियल पार्लियामेंट। जबकि केंद्रीय संसद के सदस्यों को भारत की तरह ही एमपी बोला जाता है।

स्थानीय पुलिस का वेतन स्थानीय निकाय से आता है। हर स्थानीय निकाय में एक मेयर। कई नगरपालिकाएँ मिल कर रीजनल म्यूनिस्पैलिटी बनाती हैं। जैसे डरहम, पील, टोरंटो, नियाग्रा आदि। मेयर को उस स्थानीय निकाय के संपूर्ण अधिकार होते हैं। नौकरशाही यहाँ नहीं है। नगर पालिका के सदस्य और मेयर सर्वोच्च है। भारत की तरह कोई कलेक्टर या कमिश्नर नहीं। पुलिस के प्रमुख को Chief of Police, फिर Deputy Chief of Police, स्टाफ़ Superintendent और फिर Superintendent, Staff Inspector व Inspector तत्पश्चात Staff Sergeant and Detective Sergeant और Sergeant and Detective. अंत में Constable, कांस्टेबल के भी चार ग्रेड हैं। पुलिस फ़ौरन पहुँचती है और हर क्षेत्र के नेबरहुड एरिया से मिल कर काम करती है।

कनाडा के हर राज्य की पुलिस के अधिकार भिन्न-भिन्न हैं। पुलिस नियमित भी है और संविदा पर भी। कुछ तो अंशकालिक हैं। लेकिन काम में कोई कोताही नहीं और कोई रिश्वतखोरी नहीं। अगर पुलिस का एक सिपाही आपको गाड़ी रोकने को कहे तो आप चाहे मेयर हों या प्रांत के प्रीमियर (मुख्यमंत्री) या प्रधानमंत्री आपको रुकना पड़ेगा और जो फ़ाइन करे भरना पड़ेगा। एक फ़ोर्थ ग्रेड सिपाही भी अपने क्षेत्र के चीफ़ पुलिस अफ़सर की गाड़ी रोक कर चेक कर सकता है और नियम के उल्लंघन करने पर जुर्माना भी। यदि पुलिस की, फ़ायर ब्रिगेड की अथवा एम्बुलेंस साइरन बजाती आ रही है तो फ़ौरन अपनी गाड़ी किनारे कर रोक लो। आप ओवर स्पीडिंग कर रहे हैं तो भी जुर्माना और निर्धारित गति से कम पर चल रहे हैं तो भी। रंगभेद सबसे बड़ा जुर्म है और अगर आपने अपने साथ हुए बर्ताव की शिकायत की तो सही पाई गई तो भेदभाव करने वाले का घर, दूकान बिक जाएगा। व्हाइट, ब्लैक, ब्राउन कोई भी किसी के साथ रंग, लिंग या काम के आधार पर हीनता या उच्चता का प्रदर्शन नहीं कर सकता। इसके लिए पुलिस की मदद लें। घर पर कोई बीमार है तो उसको फ़ौरन अस्पताल पहुँचाने के लिए पुलिस बुलाएँ। यहाँ कोई इंडिया की तरह IAS या IPS, IRS की धौंस दे तो जेल। सारे अफ़सर और नेता आपके सेवक हैं। लेकिन उनके भी मानवाधिकारों का उल्लंघन आप नहीं कर सकते।

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