भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति आमजन को जागरूक करने हेतु, “कुटुंब प्रबोधन, लखनऊ” द्वारा एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन लखनऊ स्थित सक्सेना इंटर कॉलेज में किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वरिष्ठ संपादक आशुतोष शुक्ल ने कहा कि परिवार ही परंपराओं के सबसे बड़े संवाहक हैं।उन्होंने कहा कि पहला कुटुंब आपका देश है और दूसरा कुटुंब आपका समाज। श्री शुक्ल ने कहा कि बच्चों को मर्यादा और अनुशासन सिखाना अभिभावकों की अहम जिम्मेदारी है साथ ही महापुरुषों की प्रेरक कथाओं को तार्किक तौर पर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की भी जरूरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और अटल जी के सहयोगी वीरेश्वर द्विवेदी ने कहा कि, प्राचीन संस्कृति और भारतीय जीवन मूल्यों को, अगली पीढ़ी तक,सही तरीके से पहुंचाने में, मातृशक्ति का सबसे अहम योगदान है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर ए.पी. तिवारी ने कहा कि बच्चों को सही शिक्षा के द्वारा, परंपराओं से जोड़ते हुए, प्रगति पथ पर ले जाने में, विद्यालयों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए, छोटे-छोटे प्रयासों की अहम भूमिका होती है। यदि व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करता है तो परिणाम की व्यापकता सुनिश्चित हो जाती है।
कुटुंब प्रबोधन लखनऊ के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर देवदत्त शर्मा ने बताया कि, सामाजिक जागरूकता हेतु संगठन सतत, समाज के विविध क्षेत्रों में अपना योगदान कर रहा है।
उपाध्यक्ष धनंजय गुप्ता ने भारतीयता के प्रचार-प्रसार को राष्ट्र की अहम जरूरत बताया। संगठन से जुड़े आगामी कार्यक्रमों के विषय में उपाध्यक्ष हेमेंद्र शर्मा ने विस्तार से जानकारी दी। संचार विशेषज्ञ मीनाक्षी दीक्षित ने इस कार्यक्रम को व्यापक रूप से आमजन तक ले जाने के विविध तरीकों और परिणामों पर विस्तृत व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री संजय सिंह और धन्यवाद ज्ञापन मंत्री कमलेश कुमार पांडेय द्वारा किया गया।
अतिथियों का स्वागत, संगठन के कोषाध्यक्ष पंकज सक्सेना ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ महामाया दत्त पराशर और उनके शिष्यों ने मंगलाचरण के साथ की,वहीं समापन विद्यालय की छात्राओं द्वारा वन्देमातरम के गान के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजीव कुमार,भारती पाण्डेय, मंजुला उपाध्याय, राजकरन सिंह,प्रदीप पाण्डेय, नेहा रस्तोगी, सुनीता पांडेय,शरद मिश्र, दिलीप कुमार शर्मा, शशि दुबे,राज स्मृति,विनोद यादव, राम लखन यादव, कुलदीप पांडेय, नवीन अवस्थी, अंतिमा अवस्थी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
– शरद मिश्र