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योगी सरकार का समावेशी बजट

योगी सरकार का समावेशी बजट

by मृत्युंजय दीक्षित
in आर्थिक, ट्रेंडींग, राजनीति, सामाजिक
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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा 6.90 लाख करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया है जिसमें केंद्रीय बजट की तरह ही प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया गया है और आगामी लोकसभा व नगर निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक सरोकारों तथा शहरी क्षेत्रों व नगर निकायों के विकास पर भी बल दिया गया है।बजट में पहली बार किसी वर्ग विशेष या फिर धर्म विशेष का तुष्टिकरण भी नहीं किया गया है। वैसे भी जब से योगी सरकार बनी है तब से जितने भी बजट प्रस्तुत किए गये हैं सभी सबका साथ सबका विकास के नारे को ही ध्यान में रखकर प्रस्तुत किये गये हैं। योगी सरकार के वर्तमान बजट में जल तथा पर्यावरण संरक्षण सहित समाज के उच्च वर्ग से लेकर समाज के वंचित तबकों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यह बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर होगा।

प्रदेश सरकार अपने आर्थिक –सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सतत रूप से प्रयत्नशील है और बजट के माध्यम से दावा कर रही है कि संकल्प पत्र के 110 संकल्प पूरे कर चुकी है और शेष कार्यों में प्रगति जारी है।प्रदेश के बजट में समाज के सभी क्षेत्रों के विकास पर पर्याप्त बल दिया गया है।उद्योगों, सड़कों, सेतुओं और उपरिगामी सेतुओं के लिए खजाना खोला गया है जबकि युवाओं के लिए भी कई उपहारों की घोषणाएं की गई हैं । प्रदेश में मिर्जापुर, देवीपाटन और मुरादाबाद में तीन नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया गया है। दो नए लिंक एक्सप्रेस वे सहित प्रदेश के बजट से बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास को रफ्तार भी मिलने जा रही है।

प्रदेश के बजट में पर्यटन के लिए किसी विशेष योजना की घोषण तो नहीं की गई है लेकिन पर्यटन स्थलो के विकास के लिए 237 करोड़ का पिटारा खोलकर सरकार ने धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के विकास को और गति देने पर बल दिया है। प्रदेश में वर्ष 2022 में कुल 24.87करोड़ से अधिक पर्यटक आए थे जिनमें चार लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल थे।वर्तमान बजट में शक्तिपीठ मां शाकुम्भरी देवी मंदिर के समेकित पर्यटन विकास के लिए 50करोड़ रुपए खर्च होंगे।प्रयागराज के विकास के लिए 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे।बौद्ध परिपथ के विकास के लिए 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। बंदेलखंड के विकास के लिए 40करोड़ तथा शुक्रतीर्थ धाम के पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस बात पर भी बल दिया गया है कि जो परियोजनाएं पहले से चल रही हैं उनके लिए भी धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। नैमिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के विकास के लिए 2.50करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना का मार्ग भी इस बजट से प्रशस्त हुआ है। वर्ष 2025 में प्रयागरज कुंभ के लिए 2,500 करोड़ रुपए आवंटित कर दिये गये हैं।

गौमाता और किसान – प्रदेश में निराश्रित गोवंश एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है तथा अब वह सरकार के विरोध का माध्यम भी बन गया है अतः निराश्रित गोवंश का रख रखाव करने के लिए 750करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।शहरी क्षेत्रों में गौशालाओं के निर्माण के लिए भी 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बजट में 113.52करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।सरकार ने किसानो के विकास व उनकी आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिये 984 करोड़ प्रस्तावित किये गये हैं। कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए 750करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।प्रदेश सरकार व कृषि विश्लेषकों का अनुमान है कि अब प्रदेश के किसानों की आय विभिन्न योजनाओं के सहारे लगातार दोगुनी हो रही है।उत्तर प्रदेश किसानों को फ्री बिजली देने वाला छठा राज्य बन गया है।सिंचाई के क्षेत्र में नये राजकीय नलकूपों के लिए 502करोड़ व नलकूपों के पुननिर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

प्रदेश आज लगातार विकास के पथ पर अ्रग्रसर है क्योंकि यह दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनाल की आपूर्ति में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।कोविड वैक्सीनेशन, किसानों को डीबीटी के माध्यम से भुगतान आदि कई अन्य योजनाओं में भी उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। कुछ लोग प्रश्न कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार ने बजट में आम जनता के लिए क्या किया जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार ने सभी का ध्यान रखते हुए सामाजिक सरोकारों पर विशेष बल दिया है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह बजट ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद प्रस्तुत किया गया जिसके कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है।

उत्तर प्रदेश का बजट इंटरनेट मीडिया पर भी छाया रहा। ट्विटर पर यूजर्स ने इसे योगी का उपयोगी बजट बताते हुए सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर सराहना की। उस दिन #योगीकाबजट ट्विटर पर लगातार टाप ट्रेंड करता रहा था और एक अरब 20करोड़ से अधिक बार ये हैशटैग प्रदर्शित हुआ, जो एक र्कीर्तमान बन गया। 20 हजार से अधिक लोगों ने बजट की जमकर प्रशंसा की और इसके अलावा 35 हजार से अधिक बार हैशटैग को रीट्वीट, रिप्लाई और लाइक करते हुए यूजर्स ने योगी सरकार के बजट का समर्थन किया। यही कारण है कि आज प्रदेश का विपक्ष घबराहाट में जातिवाद पर आधारित राजनीति पर बल देने लग गया है ताकि जनमानस का ध्यान बंट जाये और उनका स्वार्थ सिद्ध हो जाए।

यद्यपि सदा की तरह विपक्ष बजट से प्रसन्न नहीं है और निराशावादी बयान जारी कर रहा है। विधानसभा सत्र में सपा मुखिया अखिलेश यादव बजट की सीधी आलोचना नहीं कर पा रहे हैं और न ही कोई कमी बता पा रहे हैं अपितु वह कह रहे हैं कि बजट में जातीय जनगणना के लिए धन का प्रावधान नहीं किया गया है।जातीय जनगणना पर समाजवादी दल केवल राजनैतिक बयानबाजी कर रहा है और प्रदेश की बहुसंख्यक हिंदू समाज को जातिगत आधार पर बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहता है।समाजवादी पार्टी के मुखिया को अच्छी तरह जानते हैं कि किसी भी प्रकार की जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है तब भी वह असंवैधानिक बयानबाजी कर रहे हैं। प्रदेश में जातिगत जनगणना की मांग एक बहुत ही सुनियोजित साजिश है वह चाहते है कि प्रदेश की जनता का ध्यान विकास और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण आदि से हट जाए और उनका स्वार्थ सिद्ध हो जाए।

जो परिवारवादी और तथाकथित बहुजनवादी दल जिनकी सरकारें केवल घोटालों के अथाह सागर में गोते खा रही थीं और जिनके समय में हर सरकारी विभाग में योजनाओं के लिए आवंटित धन की केवल उगाही और वसूली की जाती थी वही लोग बजट को लेकर निराशावादी हो सकते हैं क्योंकि उन्हें अब लूटने का अवसर नहीं मिल रहा है।

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Tags: BJPuttar pradesh budgetuttar pradesh governmentyogi adityanath

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