देश की एकता और अखंडता को एक बार फिर खतरा पैदा हो रहा है क्योंकि पंजाब में मौजूद केजरीवाल की सरकार खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों के प्रति नरम रुख अपना रही है बल्कि उनका तुष्टीकरण भी कर रही है ।
20 नवंबर 2022 को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय संस्करण पर इस शीर्षक के साथ एक खबर प्रकाशित हुई थी… “खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर कार्रवाई ना होने से उठ रहे हैं सवाल” । अमृतपाल को लेकर खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह को दी थी जो पंजाब के पुलिस विभाग से शेयर भी की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी भगवंत मान ने अमृतपाल और उसके साथी खालिस्तानी तत्वों के सामने सरेंडर कर रखा है
अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत ने अमृतपाल पर सोशल मीडिया पोस्ट लिखने वाले एक शक्स को किडनैप करके पीटा था । इस पर पुलिस ने लवप्रीत समेत 30 को आरोपी बनाया था लेकिन 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के जगनाला थाने में हजारों की संख्या में अमृतपाल समर्थक इकट्ठा हुए और इन सबने मिलकर बैरिकेड्स तोड़ दिए भारी उपद्रव किया और 6 पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया ।
वहीं उपद्रव को ट्रेलर बताकर अमृतपाल ने धमकी दी कि सिर्फ 24 घंटे के अंदर पुलिस लवप्रीत को बरी कर दे नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा आखिरकार भगवंत मान की सरकार ने सरेंडर कर दिया और फौरन लवप्रीत को बरी कर दिया गया । ये सबूत है कि वो केजरीवाल जो दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं उनके खुद के पूर्ण राज्य पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या बनी हुई है ?
हम इतिहास से सबक नहीं लेते । केजरीवाल वही गलती कर रहे हैं जो इससे पहले इंदिरा गांधी ने की थी । 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम देने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बराड़ ने जनवरी 2023 में ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भिंडारवाले को पंजाब के अंदर इंदिरा गांधी ने ही बढ़ाया और पाला पोसा था ठीक वैसे ही अब केजरीवाल भी अमृतपाल को पाल पोस रहे हैं कि उनको खालिस्तान पर वोट मिले ।
देश के अंदर और बाहर दोनों जगह खालिस्तान एलिमेंट एक्टिव हैं… मेलबर्न में एक हफ्ते में दो मंदिरों पर खालिस्तानियों ने उपद्रव मचाया । ऐसे उपद्रव कनाडा में भी हुए । खालिस्तान पर जनमत संग्रह करने को लेकर कई देशों में मुहिम चलाई जाती है । और इनमें भी केजरीवाल समर्थकों के शामिल होने के आरोप लगे हैं ।
हालांकी सच ये है कि पंजाब के अंदर आम आदमी को छोड़कर कोई भी पार्टी और ना ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ही अमृतपाल का समर्थन करती है लेकिन इसके बावजूद भगवंत मान अमृतपाल पर कार्रवाई नहीं कर रहा है ।
इतना ही नहीं…पंजाब में हिंदू नेता सुधीर सुरी की हत्या भी खालिस्तान समस्या का ही विस्तार है । खालिस्तानी हिंदू नेताओं का मर्डर करके हिंदुओं और सिखों के बीच दरार डालना चाहते हैं । कई खारिस्तानी गुर्गे कनाडा और पाकिस्तान से हिंदू नेताओं की सुपारी लेकर घूम रहे हैं ।
अभी दिल्ली में खालिस्तानी आतंकी जगजीत सिंह और हरकतउल अंसार के नौशाद ने मिलकर राजकुमार नामक एक शख्स की गर्दन काट कर विडियो शूट करके विदेश भेजा था ताकी ये साबित कर सकें कि वो हत्याएं कर सकते हैं इसके लिए उन्हें पैसा भी मिला । खालिस्तानी और आतंकियों के द्वारा मिल कर की गई वारदात का ये शायद पह
खालिस्तान के खिलाफ जागो… जितनी जल्दी हो सके ।
गुरु तेगबहादुर और गुरु गोविंद सिंह की जय
हम भारत को अखंड रखेंगे