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अनेक राज्यों के भवन एकता एवं विविधता के दर्शन

अनेक राज्यों के भवन एकता एवं विविधता के दर्शन

by हिंदी विवेक
in अवांतर, ट्रेंडींग, विशेष, सामाजिक, सितम्बर २०२३
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नवी मुंबई में विभिन्न राज्यों के भवन हैं, जिससे वहां पहुंचने वालों को लघु भारत के दर्शन होते हैं। कई राज्यों के भवन वहां से आने वाले कैंसर पीड़ितों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं। जिन राज्यों के भवन नहीं हैं, उनके भवन तैयार किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

नवी मुंबई में विभिन्न राज्यों द्वारा चलाए जाने वाले गेस्ट हाउस हैं। ये राज्य के स्थानीय यात्रियों के लिए कमरे और स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजन इत्यादि उपलब्ध कराते हैं जो उस राज्य के बाहर हमेशा आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। अक्सर ये भवन उन सभी चीजों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनके लिए  वह जाने जाते हैं। नवी मुंबई का वाशी अनेक राज्यों के भवनों का घर है, जो यहां देश कि विविधता और विभिन्न संस्कृतियों को प्रदर्शित करता है और इस पूरे भूखंड को देखकर ऐसा लगता है कि सम्पूर्ण भारत यहां सिमट आया है। प्रत्येक भवनों की संरचना, सजावट और रख रखाव अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ओडिशा भवन, जिसका उद्घघाटन 2010 में वहां के मुख्यमंत्री माननीय नवीन पटनायक द्वारा हुआ था, के प्रवेश द्वार के समीप जगन्नाथ जी का मंदिर है।

यहां के एआरसी मैनेजर शंभूभूषण मिश्रा ने बताया कि यहां पर ओडिशा दिवस, पारम्परिक त्यौहार पुष्पनी और राष्ट्रीय पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। उस समय यहां के भोजनालय में पारम्परिक स्वादिष्ट पकवान बालमा, रसगुल्ला, माछा बसरा, मोंगा काकरा इत्यादि उपलब्ध होते हैं, जो ओडिशा के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। यहां 35 कमरे और एक कम्युनिटी हॉल है, जहां शादी-विवाह और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्थानीय  लोगों के लिए यहां सभी सुविधाएं उचित दामों में उपलब्ध हैं। प्रदेश से आने वाले  कैंसर मरीजों के लिए यहां  विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस प्रांगण को देखकर लगता है हम  हमारे ओडिशा  प्रदेश में हैं, जो सबका मन मोह लेता है।

ओडिशा भवन के निकट और बगल में केरल भवन है। इसका विशेष नक्काशीदार द्वार बहुत ही आकर्षक और कला का अद्भुत प्रदर्शन है। इसका उद्घघाटन 2007 में वी.एस.अच्युदानंदन और कोडियार बालकृष्णन द्वारा हुआ था। प्रवेश द्वार की बाईं ओर म्यूजियम है जिसमें केरल की हस्तकला की सामग्री जैसे कत्थककली का चेहरा, लकड़ी के हाथी, चंदन, पारम्परिक आभूषण, कीमती आर्मूला शीशा आदि प्रदर्शित हैं। ये यहां आने वालों का मन मोह लेते हैं और केरल की संस्कृति का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यहां का कीमती शीशा  विदेशों में निर्यात किया जाता है। यहां ओणम और राष्ट्रीय पर्व हर्षोल्लास से मनाए जाते हैण। यहां भोजनालय में केरल के स्वादिष्ट भोजन सद्या, सांभर, रसम, चावल और उसके जायके के लिए काफी भीड़ दिखाई देती है। इसमें 8 कमरे और एक कम्यूनिटी हॉल है। कुछ कमरे उस राज्य के उच्च अधिकारियों के लिए हैं। केरल भवन केरल राज्य की संस्कृति को दर्शाने में पूरी तरह से प्रयत्न कर रहा है। कोविड के समय इनटेंशिव केयर यूनिट था। स्थानीय लोगों के लिए पेंशन योजना और प्राकृतिक आपदा में वे विशेष सहयोग देते हैं, ऐसा वहां के मैनेजर एस.एस.दीपू ने बताया।

वाशी में उत्तराखंड का अनुभव देने वाला यह भवन उत्तराखंड  भवन है। इसका उद्घघाटन जनवरी 2020 में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रम सिंह रावत द्वारा हुआ। यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग है, जिसके माध्यम से चारों धाम की यात्रा किफायती दामों पर उपलब्ध कराई जाती है।यहां 40कमरे हैं। गवर्नर और सी. एम. के लिए 4 कमरा आरक्षित रहता है। यहां हदी नववर्ष पर फूलदेही मनाते हैं और अन्य सभी राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। यहां त्यौहारों में पारम्परिक व्यंजन  पहाड़ी थाली, धपड़ी, झुंगरे की खीर, फाणा, पहाड़ी रायता इत्यादि उपलब्ध होते हैं। उत्तराखंड के अंचल की शांत शीतलता यहां अनुभव की जा सकती है।

आर्किटेक्चर देखकर समझ आ जाता है कि यह मध्यप्रदेश का भवन है। इसका उद्धघाटन 8अगस्त2019 को कमलनाथ द्वारा हुआ। दीवारों पर उकेरी आकृतियां बहुत ही आकर्षक हैं। हॉल में  गौतम बुद्ध की प्रतिमा बहुत सुकून देती है। भवन की विशालता में मध्य भारत के हृदय का स्पंदन थोड़ा मध्यम है। जबकि भविष्य की अनेक सम्भावनाएं हैं। इसमें तीन सितारा होटल की तरह सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। पर्यटन विभाग भी है। भविष्य में पारम्परिक व्यंजनों के लिए रेस्टोरेंट शुभारम्भ की योजना भी है।

नवी मुंबई ने गुलाबी शहर को अपने भूखंड में कितनी खूबसूरती से बसा लिया। इसका जीता-जागता सबूत राजस्थानी भवन है। राजस्थानी भवन रजवाड़ों के आलीशान भवन की तरह है। एम्फी थियेटर की जालीदार बनावट बहुत ही आकर्षक है। 56कमरे और उनकी बनावट राजसी वैभव को दर्शाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। इसका निर्माण 15 सितम्बर 2013 को अशोक गहलोत और  पृथ्वीराज चौहान द्वारा हुआ। अरूणाचल भवन की इमारत में पहुंचने पर बताया गया कि वहां सभी कैंसर मरीजों को सुविधाएं करानें में व्यस्त हैं इसलिए जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी। उत्तरप्रदेश भवन  का उद्घघाटन 21मई 2013 को अखिलेश यादव और माता प्रसाद पाण्डेय द्वारा हुआ। इस भवन में यू.पी. के उच्च अधिकारियों और एम.एल.ए. के रहने की व्यवस्था उपलब्ध है।

राजमार्ग से ठीक पहले वाशी की मुख्य सड़क पर, असम भवन उन कुछ भवनों में से एक है जो इलाज के लिए मुंबई आने वाले कैंसर रोगियों को आवास प्रदान करता है। यह साल भर होने वाली किताबों की बिक्री और प्रदर्शनी के लिए भी जाना जाता है। लेकिन अगर आप कुछ प्रामाणिक असमिया व्यंजनों के लिए तरस रहे हैं, तो इस भवन के अंदर रेस्तरां भोगदोई में जाएं। वे विभिन्न प्रकार की असमिया थालियां पेश करते हैं जिनमें इलिश फिश फ्राई थाली, चिकन करी थाली, विशेष शाकाहारी थाली और बहुत कुछ शामिल हैं। मेघालय भवन के बारे में सुना है। बंगाल भवन बनाने के लिए भी बात चल रही है। कर्नाटक भवन में अभी नवीनीकरण का कार्य चल रहा है। भविष्य में अनेक योजनाओं की सम्भावना है।

इस प्रकार देखा जाए तो सभी राज्यों  के भवन अपनी संस्कृति को दर्शाने में सफल रहे हैं और विविधता में एकता ही है भारत की विशेषता। इस वाक्य को सार्थक करता है नवी मुंबई। भविष्य में अनेक सम्भावनाएं और उज्जवल भविष्य की कामना करता हुआ एक लघु भारत और भाईचारा का संदेश देते हुए भूमि का यह खंड, एकता में विविधता के दर्शन।

                   रजनी साहू ‘सुधा ‘

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