नवी मुंबई में संघयात्रा

करीब 100 वर्ष पहले तुर्भे गांव के एक मंदिर में रहने वाली एक साध्वी माता रामतनु ने भविष्यवाणी की थी कि यह भूमि समृद्ध एवं वैभवशाली होगी। आज उनकी की गई भविष्यवाणी अक्षरश: सही सिद्ध हो रही है।

आज से 60-65 वर्ष पहले नवी मुंबई के गांव के नामों से सारा देश अपरिचित था। यहां ठाणे के रास्ते से ही आ-जा सकते थे। अब यह नगर पूरे विश्व में नवी मुंबई के नाम से परिचित है।

धीरे-धीरे यहां देश के चारों ओर से लोग आकर बसने लगे, जिसमें अनेक स्वयंसेवक भी हैं। । प्रारम्भ में यह क्षेत्र संघ दृष्टि से ठाणे जिला का ही एक हिस्सा था। ठाणे नगर से ही यहां कार्यकर्ता आया जाया करते थे। 1984 में यहां संघ शिक्षा वर्ग लगा था जिस में पू. सरसंघचालक मा. प्रो. राजेंद्र सिंह जी का प्रवास हुआ था। 2004 में नवी मुंबई संघ दृष्टि से एक नवीन जिला बना। दूसरे स्थानों से आए स्वयंसेवक भी स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्यरत हैं और समाज एवं राष्ट्रहित से जुड़े विकास के अनेक प्रकल्प चलाने लगे। शिक्षा विकास की नींव है इसलिए सेवा बस्ती में आज अनेक अभ्यासिकाएं प्रारम्भ की गई हैं।

छत्रपति शिक्षण मंडल (कल्याण) सानपाडा में कई वर्षों से स्वामी विवेकानंद विद्यालय संचालित कर रहा है। जहां करीब 300 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। नागरिक सहायता समिति शिक्षा के अलावा अनेक दूसरे प्रकल्प भी चलाती रही है। भारत विकास परिषद के माध्यम से अनेक कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किए जाते हैं।

सागर सीमा सुरक्षा के माध्यम से संघ कोली समाज को देश की सुरक्षा की दृष्टि से जाग्रत करता है। अप्पा जोशी प्रतिष्ठान एवं मराठी परिषद के माध्यम से पर्यावरण और मराठी साहित्य के बारे में समाज में जागृति लाने का प्रयास चल रहा है। भारतीय विचार साधना एवं संघ साहित्य के प्रसार और प्रचार के लिए स्वयंसेवक कार्यरत हैं। कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक सहायता के लिए 2 पतपेढ़ियां भी चलाई जा रही हैं- पुण्यश्लोक अहिल्या पतपेढ़ी एवं अक्षय पतपेढ़ी। संघ प्रेरणा से कई कोऑपरेटिव बैंक भी नवी मुंबई के विकास में कार्यरत हैं। टीजेएसबी बैंक एक मल्टी स्टेट बैंक बन गया है।

नववर्ष स्वागत यात्रा धीरे-धीरे एक स्थाई उत्सव के रूप में लोकप्रिय होता जा रहा है। कोरोना काल में नवी मुंबई में स्वयंसेवकों ने उल्लेखनीय एवं सराहनीय कार्य किया है। सामाजिक विषयों पर नई मुंबई में स्वयंसेवक अग्रणी रहते हैं।

इन सब उपक्रमों के अतिरिक्त संघ अपने प्रमुख कार्यों में पूरी तरह से लगा हुआ है, वह है स्वयंसेवकों (व्यक्ति का) निर्माण। पूरे नवी मुंबई में संघ की अपनी रचना है। जिला, नगर, बस्ती आदि। आज नवी मुंबई की शाखाओं में संघ के अखिल भारतीय रूप के दर्शन होते हैं।

                                                                                                                                                                          डॉ. नरेन्द्र कुमार उपाध्याय 

 

Leave a Reply