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पनवेल की सांस्कृतिक परम्पराएं

पनवेल की सांस्कृतिक परम्पराएं

by हिंदी विवेक
in पनवेल विकास विशेष अक्टूबर-२०२३, विशेष, सामाजिक
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पनवेल शहर के पर्वों-उत्सवों से उसकी सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलती है। ये त्यौहार पनवेल की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हैं। विशेष तौर पर कृषि से जुड़े किसान और कोली समुदाय अपनी अनूठी परम्पराओं को संरक्षित रखने हेतु त्यौहार मनाने पर जोर देते हैं।

महाराष्ट्र के पनवेल और उसके आसपास कृषि और कोली समुदाय अपने स्वयं के सांस्कृतिक त्यौहार और परम्पराएं मनाते हैं। यहां कुछ त्यौहार हैं जो क्षेत्र में कृषि और कोली समुदायों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

नारियली पूर्णिमा : यह कोली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह आमतौर पर श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने में पड़ता है। इस दिन, कोली समुद्र देवता वरुण को नारियल चढ़ाते हैं और सुरक्षित तरीके से ज्यादा मछली पकड़ने के मौसम के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। इसमें तटीय क्षेत्रों के पास प्रार्थनाएं, जुलूस और पारम्परिक अनुष्ठान शामिल हैं।

कोली नृत्य और संगीत: कोलियों के अपने पारम्परिक नृत्य और संगीत रूप हैं, जो उनके सांस्कृतिक समारोहों का एक अभिन्न अंग हैं। इनमें कोली नृत्य और गाने जैसे नृत्य शामिल हैं जो उनके समुद्री जीवन के तरीके को दर्शाते हैं।

गोवारी और कोली त्यौहार: कुछ कोली गोवारी जैसे त्यौहार भी मनाते हैं, जिसमें कृषि और प्रकृति से जुड़े देवताओं और आत्माओं की पूजा की जाती है। इन त्यौहारों में अक्सर अच्छी फसल के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान शामिल होते हैं।

कोली नव वर्ष: कोली नव वर्ष, जिसे वर्ष प्रतिपदा के नाम से जाना जाता है, कोली समुदाय द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह नए कृषि वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इसमें अनुष्ठान और दावतें की जाती हैं।

अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम: क्षेत्र में कृषकों एवं कोली समुदायों में मछली पकड़ने के त्यौहार और प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जहां वे आजीविका और मछली पकड़ने की परम्पराओं का जश्न मनाते हैं। ये त्यौहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम कृषि और कोली समुदायों के लिए अपनी अनूठी परम्पराओं को संरक्षित करने और अपनी विरासत से जुड़ने का एक तरीका हैं। इनमें अक्सर रंगीन उत्सव, पारम्परिक पोशाक और स्वादिष्ट पारम्परिक व्यंजन शामिल होते हैं, जिससे बाहरी लोगों को पनवेल और आसपास के क्षेत्रों में इन समुदायों की समृद्ध संस्कृति की झलक मिलती है। यहां गांव देवी के दर्शनीय मंदिर हैं। निश्चित रूप से पनवेल अपने विविध सांस्कृतिक त्यौहारों के लिए जाना जाता है। यहां सभी राज्यों की परम्पराएं और तीज त्यौहारों को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

दीवाली, होली, नवरात्रि, गोकुलाष्टमी, छठ पूजा आदि त्यौहारों में पनवेल शहर की अद्भुत छवि दिखाई पड़ती है।

ये त्यौहार पनवेल की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हैं, विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को जश्न मनाने और अपने सम्बंधों को मजबूत करने के लिए एक साथ लाते हैं तथा परम्पराओं के प्रति हमारा आदर भाव भारतीय संस्कृति का परिचायक है।

 

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पनवेल के आधार स्तम्भ दि. बा. पाटील

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