पनवेल के आधार स्तम्भ दि. बा. पाटील

पनवेल और नवी मुंबई की आम जनता के लिए जननेता दि.बा. पाटील ने उल्लेखनीय कार्य किया  है। यही कारण है कि  नवी मुंबई हवाई अड्डे को उनका नाम देने के लिए  रामशेठ ठाकुर के नेतृत्व में वहां की जनता ने सफल आंदोलन किया।

अपने स्वार्थ एवं राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए राजनीति करनेवाले नेता तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन जमीनी नेता और जनहित के लिए संघर्ष करनेवाले नेता बिरले ही होते हैं। ऐसे ही नवी मुंबई-पनवेल-रायगड क्षेत्र के प्रसिद्ध जननेता थे दिनकर बालू पाटील, जो दि.बा. पाटील के नाम से जाने जाते हैं। उनके दुनिया से गए वर्षों बीत गए लेकिन आज भी उन्हें कोई भुला नहीं पाया है।

दि.बा. पाटील की सामाजिक यात्रा

दि.बा. पाटील सामाजिक कार्यों के चलते ही एक के बाद एक नए-नए राजनीतिक बुलंदियों पर चढ़ते चले गए। हालांकि वे विशुद्ध रूप से सामाजिक नेता थे। वह राजनीति के लिए नहीं बने थे लेकिन जनहित से जुड़े संघर्षों ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में ला दिया। इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 1960 में जासई गांव में पहला विद्यालय शुरू किया। इसके बाद 10 विद्यालय शुरू किए। 1970 में उन्होंने पनवेल वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना की। एक ओर वे शिक्षा, स्वास्थ्य, मूलभूत सुविधा के लिए सामाजिक कार्यों में संलग्न थे, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों से जुड़े जनहित के मुद्दों के लिए संघर्षरत थे। उन्होंने जनजागरूकता के लिए ‘आगरी दर्पण’ नाम से एक मासिक पत्रिका का भी नियमित प्रकाशन शुरू किया। उन्हें शिक्षा, साहित्य और जनसम्पर्क में विशेष रूचि थी। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधश्रद्धा का भी भारी विरोध किया।

पनवेल में बनेगा दि.बा. पाटील संघर्षगाथा संग्रहालय और स्किल सेंटर

स्थानीय जनता और महाराष्ट्र के लिए दि.बा. पाटील का बड़ा योगदान है। इसलिए पनवेल में दि.बा. पाटील के नाम से संघर्षगाथा संग्रहालय बनाया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 5 करोड़ रु. का प्रावधान और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण हेतु स्किल सेंटर का निर्माण किया जाएगा।

– मंगलप्रभात लोढ़ा

राज्य मंत्री

सफल राजनीति की लम्बी यात्रा

1957 से शेतकरी कामगार पार्टी से राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की और अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपने दायित्व का सफल निर्वहन किया। 1967 से 1972 तक वे महाराष्ट्र शेतकरी सभा के अध्यक्ष रहे। पनवेल नगरपरिषद के अध्यक्ष रहे। 5 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा चुनाव जीतकर उन्होंने अपनी लोकप्रियता सिद्ध की। इस दौरान उन्होंने विधानसभा के विरोधी पक्ष नेता, प्रतोद, अंदाज समिति, लेखा समिति, उपविधान समिति, आश्वासन समिति आदि अनेक समितियों में उल्लेखनीय कार्य किया। सरकार की ओर से उन्हें उत्कृष्ट वक्ता के संसदीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

पर्यटन, कौशल विकास, रोजगार व उद्योग

दि. बा. पाटील के नाम पर होगा नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा

जैसे बालासाहेब ठाकरे के कारण मुंबई में मराठी टिके, वैसे ही नवी मुंबई के भूमिपुत्र दि.बा. पाटील के चलते जिए। दि.बा. पाटील के योगदान को कोई भी भुला नहीं पाएगा। उन्होंने किसान, मजदूर, स्थानीय जनता के हितों के लिए समय-समय पर संघर्ष किया और उनके अधिकारों की रक्षा की। जननेता दि.बा. पाटील के नाम पर नवी मुंबई हवाईअड्डे का नाम किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय लोगों ने आंदोलन भी किया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली। 

– प्रशांत ठाकुर,

विधायक, भाजपा 

भूमिपुत्रों के लिए संघर्षरत नेता

नवी मुंबई शहर के विकास के लिए बहुत ही मामूली मूल्य में किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही थी, जिसके विरोध में दि.बा. पाटील ने आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन के दौरान पुलिस से हुए संघर्ष में 5 किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी और सैकड़ों लोग गम्भीर रूप से घायल हुए। शासन-प्रशासन के बलप्रयोग के बाद भी आंदोलनकारी पीछे नहीं हटे। दि.बा. पाटील के नेतृत्व में सतत संघर्ष के बाद आंदोलन को सफलता मिली और सरकार ने सिडको क्षेत्र की जमीन का उचित मूल्य देना स्वीकार कर लिया।

…वर्ना भूमिपुत्र हो जाते नवी मुंबई से बाहर

उसी तरह जेएनपीटी के लिए भी अन्यायपूर्ण तरीके से भूमि अधिग्रहित करने का प्रयास किया जा रहा था। इसके विरुद्ध भी दि.बा. पाटील ने शंखनाद किया और उन्हें न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। जिसके कारण नवी मुम्बई में आगरी समाज की जमीन जाने के बाद भी लोग अपनी भूमि पर दिखाई दे रहे हैं। इसका श्रेय दि.बा. पाटील को ही जाता है। यदि उन्होंने इनका साथ नहीं दिया होता तो इस परियोजना से प्रभावित लोगों को कहीं दूर भेज दिया गया होता। इसलिए स्थानीय जनता आज भी दि.बा. पाटील को दिल से प्यार करती है। इसके लिए नवी मुंबई हवाईअड्डे का नाम उनके नाम पर रखने के लिए जनता ने संघर्ष भी किया। इस दौरान अनेकों आंदोलनकारियों पर मामले भी दर्ज किए गए। इस मामले में राज्य मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा है कि, आंदोलन में शामिल जिन लोगों पर मामला दर्ज हुआ है, उनके ऊपर से केस हटाने के लिए सरकार द्वारा एक समिति की स्थापना की गई है और उसमें मैं भी हूं। हमारी ओर से एफआरआई रद्द करने हेतु पूर्ण प्रयास किया जाएगा।

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