पुणे में स्थित विश्वशांति गुम्बद भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटम्बकम् की अवधारणा को आरेखित करता है। प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड द्वारा स्थापित यह गुम्बद वर्तमान अशांति एवं अराजकता के युग में परिवार एवं समाज को आत्मानुभव का अवसर प्रदान करता है।
संत शिरोमणि ज्ञानेश्वर महाराज और जगतगुरू संत तुकाराम महाराज की अमृतमय विचारधारा से निर्मित विश्वशांति गुम्बद आज विश्व का सबसे बड़ा गुम्बद कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इसे शांति का आनंद महाआश्रम, ज्ञान का महाप्रासाद और तत्त्वज्ञान का महासरोवर कहा जाता है। लोणी कालभोर में विश्वविख्यात शैक्षणिक संस्था माईर्स एमआइटी के प्रांगण में स्थित विश्वशांति गुम्बद की शानदार संरचना एकता और शांति का सार प्रस्तुत करती है।
यह अद्धभुत और दिव्य वास्तुशिल्प पुणे में मानवता का मंदिर और मानवता की प्रयोगशाला के रूप में भारतमाता को समर्पित है। भारत के 13वें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुख्य उपस्थिति में यह विश्वशांति गुम्बद भारतमाता को समर्पित करते हुए निर्माता प्रो.डॉ.विश्वनाथ दा.कराड ने कहा था कि, विश्वशांति के लिए प्रार्थना करने वाला भारत ही ऐसा प्रथम राष्ट्र है, जिसका अति प्राचीन इतिहास है।
इतने विशाल और व्यापक दृष्टिकोण से निर्मित यह विश्वशांति गुम्बद अभ्यासकों, संशोधकों और सामान्य पर्यटकों को एक दिवसीय अभ्यासपूर्ण यात्रा प्रदान करता है। यह आने वाले सभी आगंतुकों के दिलोदिमाग पर स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए मनोरम रीलों तथा फोटो शूट करने का, एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह शहर की हलचल भरी जिंदगी से राहत प्रदान करता है। यह प्रभावशाली गुम्बद विविध संस्कृतियों और मान्यताओं के बीच, सद्भाव और एकता का प्रतीक है। गुम्बद के आंतरिक भाग में आश्चर्यजनक कलाकृतियां, कुशलतापूर्वक तैयार की गई मूर्तियां और जटिल रूप से डिजाइन किए गए भित्तिचित्र हैं। ये सभी ‘शांति’ विषय पर केंद्रित हैं। गुम्बद का विशाल लेआउट, आगंतुकों को प्रदर्शनों के माध्यम से घूमने, प्रत्येक प्रदर्शन द्वारा प्रदान किए गए शांती के ज्ञान और संदेशों को अवशोषित करने की अनुमति देता है। विचारोत्तेजक उद्धरणों से लेकर शांति की वकालत करने वाले ऐतिहासिक शख्सियतों की प्रेरक कहानियों तक गुम्बद का हर कोना आकर्षित करता है। रोमांच और रचनात्मक अभिव्यक्ति चाहने वाले युवाओं के लिए वर्ल्डपीस डोम-रीलों की शूटिंग और मंत्रमुग्ध कर देने वाले क्षणों को कैद करने के लिए सही पृष्ठभूमि प्रदान करता है।
राष्ट्र का सम्मान दुनिया में बढ़ाने के लिए, समर्पित नीतियों और कुशल कार्यशैली अपनाने वाले, हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कार्य प्रणाली का सम्मान करता है यह गुम्बद! जगत मेें धार्मिक, आध्यात्मिक और पवित्र परम्परा को, फिर से जगाने वाले ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संकल्पना का विश्वभर में, प्रचार और प्रसार करता है विश्वशांति गुम्बद!
जी-20 इंटरफेथ फोरम 2023 का आयोजन एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, विश्वशांति सेंटर (आळंदी ), माइर्स एमआईटी, विश्वशांति डोम के द्वारा किया गया। जी-20 इंटरफेथ फोरम 2023 के उद्धघाटन पर्व में शिक्षक दिवस के पवित्र अवसर पर, ब्रिघम यंग विश्वविद्यालय, यूटा विश्वविद्यालय और वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय, साल्ट लेक सिटी, यूएसए की ओर से विश्वशांति गुम्बद के परिसर में प्रो डॉ विश्वनाथ दा. कराड की कांस्य प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया।
इस अवसर पर जैन धर्म की ओर से आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि “शिक्षा और अध्यात्म को अपनाकर विश्वशांति के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सार्वभौमिकतावादी डॉ. विश्वनाथ कराड एक अद्वितीय व्यक्ति हैं।” जैन धर्म की ओर से डॉ. लोकेश मुनि ने यह घोषणा की कि विश्वनाथ कराड को अहिंसा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एमआईटी वर्ल्डपीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विश्वनाथ कराड थे। एमआईटी डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल कराड, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी अध्यक्ष और कुलपति डॉ. मंगेश कराड भी कुलगुरु-उपकुलगुरु के साथ उपस्थित थे। डब्ल्यू कोल डरहम ने कहा कि, एमआईटी परिसर में तीन दिवसीय सम्मेलन समृद्ध रहा। मेरे सम्मान में दी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा मुझे विश्वशांति के इस संदेश को दुनिया भर में फैलाने के लिए प्रेरित करती है। एमआईटी ने जो किया है उससे हम अभिभूत हैं। बिशप फेलिक्स मचाडो ने कहा कि, विश्वशांति गुम्बद शांति का प्रतीक है। जीवनभर विश्वशांति की आराधना करने वाले प्रो. डॉ विश्वनाथ कराड वास्तव में विश्वशांति के दूत हैं। विश्वशांति के लिए अंतरधर्मीय सद्भाव-संचार आवश्यक है, और एमआईटी द्वारा की गई पहल इन प्रयासों को मजबूत करेगी।
प्रो. डॉ. विश्वनाथ कराड ने ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल को अगले वर्ष ब्राजील में आयोजित होने वाले 2024 जी-20 इंटरफेथ फोरम के लिए ध्वज और ऊर्जा की मशाल सौंपी।
इसी प्रकार चिंतनशील तपस्वी के रूप में विश्वशांति गुम्बद का अलौकिक माहौल और इसके दृश्य आकर्षक तत्वों के साथ मिलकर, सम्मोहक सामग्री तैयार करने के लिए प्रचुर अवसर प्रदान करते हैैं। विश्वशांति गुम्बद यह सुनिश्चित करता है कि हर फ्रेम एक उत्कृष्ट कृति बन जाए, जिससे आपके दर्शक प्रेरित और आश्चर्यचकित हो जाएं।
वर्ल्डपीस डोम सिर्फ युवाओं के लिए नहीं है। यह एकजुटता चाहने वाले परिवारों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। शांत वातावरण और आकर्षक प्रदर्शन माता-पिता और बच्चों को एक साथ जुड़ने और सीखने के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाता है। जैसे ही आप गुम्बद पर नेविगेट करते हैं, आपको इंटरैक्टिव डिस्प्ले और गतिविधियां मिलती हैं, जो जिज्ञासा जगाती हैं, और शांति, करुणा और एकता को बढ़ावा देती हैं। गुम्बद की समावेशी प्रकृति सभी उम्र के आगंतुकों का स्वागत करती है। यह सुनिश्चित करती है कि हर कोई सहानुभूति की एक नई भावना और दुनिया की सांस्कृतिक विविधता की गहरी समझ के साथ कदम बढ़ाये। विश्वशांति गुम्बद सभी के लिए शांति सुलभ बनाने में विश्वास रखता है। प्रौढ़ों के लिए मात्र 100 रु. और बच्चों के लिए 50 रु. की किफायती टिकट के साथ परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करता है।
अद्भुत और महाकाय गुम्बद का निर्माण करना कोई सहज कार्य नहीं है। अवश्य इसके निर्माण में महान त्याग और योगदान का मिश्रण समाया है।
अर्चना आंबेकर