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महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं

महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं

by डॉ. प्रेरणा चतुर्वेदी
in ट्रेंडींग, महिला, महिला विशेषांक मार्च २०२४, विशेष, सामाजिक
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महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने हेतु वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जिसमें लखपति दीदी योजना, ड्रोन योजना, सहायता का सीधा हस्तांतरण, मुद्रा लोन योजना, उज्जवला गैस योजना आदि शामिल है। इन योजनाओं के अंतर्गत महिलाओं की दशा और दिशा दोनों में बदलाव आ रहा है।  

नारी की महान शक्ति स्रोत को पहचान कर ही देश के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे सदा नमन किया है। नरेंद्र मोदी ने भारतीय स्त्री को आर्थिक, शैक्षिक तथा भावनात्मक रूप से स्थिर और उन्नत बनाने के लिए सदैव ही प्रयास किए हैं।

वर्तमान सरकार द्वारा राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विधायिका में 33% सीट आरक्षित करना और अनुच्छेद 370 की समाप्ति क्रमशः महिलाओं की समान भागीदारी को बढ़ावा देने और संपूर्ण राष्ट्र को एकजुट करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार परिवार की आय पर चाहे वह महिलाओं की अपनी कमाई हो या किसी योजना के अंतर्गत, उसे प्राप्त धन हो। यदि महिला का अधिक नियंत्रण हो, तो इस तरह बच्चों को ही अधिक लाभ होगा और देश का विकास होगा। ब्राजील ,चीन, भारत ,दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन के अनुभवों से स्पष्ट है कि जिन परिवारों की आय पर महिलाओं का नियंत्रण होता है, वह भोजन और शिक्षा पर अधिक खर्च करती हैं। जिससे परिवार और बच्चे लाभान्वित होते हैं।

डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ऑफ ट्रांसफर स्कीम अर्थात ‘सहायता का सीधा हस्तांतरण’ योजना महिला सशक्तिकरण का एक साधन बन सकती है। इस योजना के तहत लाभ की राशि सीधे महिलाओं के खाते में जमा की जाती है। जिससे महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

इस वर्ष  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतिम बजट में ‘लखपति दीदी स्कीम’ का लक्ष्य 3 करोड़ किया गया है। इसमें सरकार द्वारा महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया गया है।

जिसके द्वारा महिलाएं प्रतिवर्ष 1 लाख या इससे अधिक धनराशि अर्जित कर सकती हैं।

‘ड्रोन योजना’ कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को 15 दिन की ट्रेनिंग देकर सरकार स्वयं सहायता समूह को ड्रोन उपलब्ध कराएगी। जिसका उपयोग कृषि में उर्वरकों के छिड़काव के लिए किया जाएगा। इस योजना में चयनित महिला ड्रोन पायलट को 15 हजार प्रति माह मिलेंगे।

इस योजना के द्वारा न केवल कृषि के तौर तरीके आधुनिक होंगे बल्कि पैदावार भी बढ़ेगी। इस योजना में सरकार ने 1261 करोड़ रुपए खर्च करके 15 हजार स्वयं सहायता समूह को ड्रोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।

इसके साथ ही मोदी सरकार ने अनुसंधान एवं नवाचार में एक लाख करोड़ का निवेश किया है जो भारत को तेजी से विकास की नई बुलंदियों पर स्थापित करने में सहायता कर रहा है। ज्ञातव्य  है कि शिक्षा के क्षेत्र में 43% बालिकाएं विज्ञान, तकनीकी, गणित, इंजीनियरिंग में शिक्षित हो रही हैं, जिसका सीधा लाभ देश की शिक्षा और आर्थिक व्यवस्था की मजबूती को मिलेगा।

‘मुद्रा ऋण योजना’ में  70 फीसदी ऋण महिलाओं को दिया गया है। मुद्रा योजना ने महिलाओं को सशक्त करने का कार्य किया है। इसके तहत बैंक, छइऋउ, माइक्रोफाइनेंस द्वारा 10 लाख रुपए तक दिए जाते हैं। इसके अंतर्गत शिशु ऋण 50 हजार, किशोर ऋण पर 50 हजार से 5 लाख, तरुण ऋण में 5 लाख से 10 लाख रुपए महिलाओं को रोजगार करने के लिए दिया जा रहा है।

वर्ष 2023 तक नरेंद्र मोदी की सरकार ने 10 सालों में 30 करोड़ से अधिक ऋण दिया है।

महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने वाली ‘उज्ज्वला गैस योजना’ बहुचर्चित रही। इस योजना से महिलाओं को ना केवल धुएं और घुटन से भरी जिंदगी से मुक्ति मिली है, बल्कि उनकी जिंदगी में भी सुख के अवसर आए हैं।

ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा ‘सोलर चरखा योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना  के तहत लगभग 5 करोड महिलाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा महिलाओं को आधुनिक चरखा चलाने का प्रशिक्षण देकर तथा उन्हें लोन उपलब्ध करा कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे महिलाएं अपने घर पर ही काम करके 200 प्रतिदिन कमा सकती हैं। इस योजना से महिलाओं के ना केवल जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि देश को भी आर्थिक मजबूती मिलेगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 7 मार्च सन 2016 को महिला उद्यमियों की जरूरतों को देखते हुए एक अद्वितीय और प्रत्यक्ष विपणन बिक्री मंच प्रदान करने हेतु ‘महिला ई हाट’ का प्रारंभ हुआ। इसमें महिला उद्यमी ग्राहकों को सीधे अपने उत्पाद बेचकर लाभ कमा रही हैं।

कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास योजना के तहत दूसरे शहरों में रहकर शिक्षा प्राप्त करने वाली एवं कार्य करने वाली महिलाओं को सुरक्षित एवं किफायती छात्रावास उपलब्ध कराए जाते हैं। पिछले वर्ष तक एक करोड़ से अधिक महिलाएं इस योजना ‘वर्किंग वुमन हास्टल’ के तहत लाभान्वित हुई हैं।

‘प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना’ के अंतर्गत नामांकित लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 17,66,423 हो गई है। यहां नामांकन हेतु प्रतिदिन 50 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं। इसमें मातृत्व लाभ की शर्तों के मुताबिक गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कुल 6 हजार रु.प्राप्त होते हैं। इसमें पहले 1200 करोड़ का बजट था। इसे वर्तमान समय में बढ़ाकर 2500 करोड़ का कर दिया गया है।

नारी गरिमा, नारी सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है

– नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री

मैं देश का पहला प्रधान मंत्री हूं जिसने शौचालय जैसे विषय को लाल किले से उठाया। मैं पहला प्रधान मंत्री हूं जिसने महिलाओं के खिलाफ अपशब्दों पर लाल किले से नाराजगी व्यक्त की थी। नारी गरिमा, नारी सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है। मुझे गर्व है पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने महिलाओं का जीवन आसान बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। हमने उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ गैस कनेक्शन दिए हैं। हमने 3 करोड़ से ज् यादा महिलाओं के नाम घर पंजीकृत करवा कर उनको घर की मालकिन बनवाया है। हमने 10 करोड़ परिवार की बहनों को नल से जल दिया है। हमने 12 करोड़ महिलाओं को शौचालय दिया है। हमने एक रूपए में सुविधा सैनेटरी पैेड की योजना शुरू की। हमने 25 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के बैंक खाते खोले। हमने 30 करोड़ से अधिक मुद्रा लोन महिला लाभार्थियों को दिए। पहले कारखानों में या दूसरी जगहों पर महिलाओं को रात के समय काम करने के लिए अनेक अड़चनें थीं, हमने श्रम कानूनों में सुधार कर के उनको भी दूर किया है। हमने पैरामिलिट्री फोर्सेस में महिलाओं की भर्ती दुगुने से अधिक की। हमने सेनाओं में अग्रणी मोर्चे पर महिलाओं की तैनाती को सुनिश्चित किया। हमने सैनिक स्कूलों और मिलिट्री एकेडमी के दरवाजे बेटियों के लिए खोल दिए। इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ भारत की नारी शक्ति  पूरे देश को प्रेरणा दे रही थी। आनेवाले समय में हमारी माताओं-बहनों और बेटियों के लिए अवसर ही अवसर आने वाले है। मिशन शक्ति से देश में नारी शक्ति की सुरक्षा और सशक्तिकरण का सम्पूर्ण इकोसिस्टम बनेगा। 15 हजार महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को कर्ज मिलेंगे। ड्रोन दीदी खेती में वैज्ञानिकता और आधुनिकता लाएगी। अब देश में 3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनाई जाएंगी। पीएम विश्वकर्मा योजना से परम्परागत कला और शिल्प से जुड़ी बहनें सशक्त होंगी। नई नेशनल एजुकेशन पालिसी से बेटियों को शिक्षा और स्किल के मामले में सबसे अधिक फायदा होगा।

वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा और भेदभाव से मुक्ति हेतु सराहनीय प्रयास किए गए हैं।

महिलाओं के सशक्तिकरण एवं सुरक्षा मिशन के बजट में 1,330 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

महिलाओं के साथ उत्पीड़न वाली घटना जैसे बलात्कार के मामले में फांसी के अलावा जेल की सजा बढ़ाकर 20 साल तक कर दिया गया है। बलात्कार के सभी मामलों में 2 माह के भीतर जांच पूरी कराने के लिए कानून में प्रावधान किए गए हैं। जिससे पीड़िता को जल्दी न्याय और अपराधियों को सजा मिल सके।

मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक कानून का विरोध किया गया। किन्तु निश्चय ही तीन तलाक कानून बन जाने से मुस्लिम महिलाओं का जीवन ना केवल सुरक्षित हुआ है बल्कि वे सामाजिक-आर्थिक रूप से सुरक्षित और आत्म निर्भर महसूस कर रही हैं।

केंद्र सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में 26 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह पिछले साल की तुलना में 2.52 फीसदी अधिक है। बजट बढ़ने से कुपोषण और महिला एवं बच्चों के संरक्षण को लेकर चल रही योजनाओं को बल मिलेगा।

महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1,156 करोड़ का बजट बढ़ा कर 1,330 करोड़ करने का प्रस्ताव दिया गया है।

मानव तस्करी से छुड़ाई गई महिलाओं के पुनर्वास के लिए चल रही योजना का बजट 20 करोड़ से बढ़ाकर 30 करोड़ करने और बेसहारा विधवाओं के संरक्षण का बजट 8 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ करने का प्रस्ताव किया गया है।

कामकाजी महिलाओं को दिए जाने वाला ‘मातृत्व अवकाश’ बढ़ाकर 26 सप्ताह किए जाने का प्रावधान है। जिससे नवजात शिशु को मां के संरक्षण का पूरा लाभ मिल सके तथा महिलाएं आर्थिक चिंता से मुक्त होकर बच्चे का पालन-पोषण कर सकें।

इस बार के केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने 2024- 25 के बजट में महिलाओं के विकास एवं कल्याण पर खर्च को पिछले साल के मुकाबले 38.7% बढ़ा दिया है। फलत: कुल केंद्रीय बजट में लैंगिक बजट का हिस्सा 5% से बढ़कर 6.5% हो गया है।

इस तरह प्रधान मंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने नीति निर्माण में व्यापक रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया है। जिसके कारण शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, राजनीतिक प्रतिनिधित्व में लैंगिक समानता को तेजी से स्वीकार किया जा रहा है। प्रधान मंत्री के ‘न्यू इंडिया विजन’ में नारी सशक्तिकरण की उपस्थिति को महसूस किया जा सकता है।

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