विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका

देश की आधी जनसंख्या कही जानेवाली महिलाएं यदि घरेलु कार्यों के साथ ही उद्योग, व्यवसाय, स्वयं रोजगार आदि क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने लगे तो विकसित भारत का सपना जल्द साकार हो जाएगा। आवश्यकता बस इतनी है कि उनके शक्ति सामर्थ्य और क्षमता के अनुरुप अवसर, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाए।

विद्ययाऽमृतमश्नाति विद्यया विन्दतेऽमृतम।

विद्यया सर्वं प्राप्नोति तदधीति विद्यास्तदा विद्यस्तथा विद्येत्॥

अर्थात्, ज्ञान (विद्या) अमरत्व प्रदान करता है। इसलिए स्त्री शिक्षा का समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। एक शिक्षित महिला न केवल अपने परिवार को बल्कि पूरे समाज को सशक्त बना सकती है। हिंदू धर्म में नारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और बहुआयामी है। वह पत्नी, मां, पुत्री, बहन, शासिका, योद्धा, विदुषी और आध्यात्मिक गुरु के रूप में विविध भूमिकाएं निभाती है। वे परिवार की देखभाल करती हैं, बच्चों का पालन-पोषण करती हैं और संस्कृति को अगली पीढ़ी तक पहुंचाती हैं। हालांकि, समय के साथ महिलाओं की भूमिका बदल रही है। वे अब शिक्षा, व्यवसाय और राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं समाज के लिए शिक्षा और संस्कृति के प्रति जागरुकता का संवर्धन करती हैं तथा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित महिला समाज में अपनी स्थिति को समझती है और अपने कर्तव्य व अधिकारों का पालन करती है। इसके अलावा, महिलाओं की  शिक्षा स्तर के बढ़ने से राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है। शिक्षा के माध्यम से महिलाएं अपनी सोच को बदल रही हैं, और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। वे अब न केवल अपने परिवारों को आर्थिक रुप से सशक्त बना रही हैं, बल्कि समाज में भी अपनी पहचान बना रही हैं।

भारत में महिलाओं का औद्योगिक क्षेत्र में योगदान भी तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें अब सिर्फ घरेलू कामों तक ही सीमित नहीं रखा जा रहा है बल्कि वे नए क्षेत्रों में भी अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार भी विविध योजनाओं और नीतियों के माध्यम से महिलाओं के उद्योग व स्वरोजगार को प्रोत्साहित कर रही है। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि समाज में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो रही हैं। महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से वे राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

महिलाओं की राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी  बढ़ती जा रही है। महिलाएं न केवल वोट के अधिकार का उपयोग कर रही हैं बल्कि वे स्वयं भी राजनीतिक निर्णयों में सम्मिलित हो रही हैं। राजनीति के गलियारों से होते हुए वे उच्च पदों पर आसीन हो रही हैं। महिलाओं की स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय भागीदारी भी राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है। समाज में नारी की स्थिति में सुधार, उनके शैक्षिक और आर्थिक स्वतंत्रता में वृद्धि और उनके समाज में सक्रिय होने की भावना के साथ, उनका भविष्य और भी उज्जवल है। अब महिलाएं उस समय की ओर बढ़ रही हैं, जब उन्हें समाज में सम्मान मिल रहा है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का अधिकार व अवसर मिल रहा है। भारतीय समाज में महिलाओं का यह नया युग, विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

देश की महिला विकास के साथ ही समृद्धि, समानता और न्याय की दिशा में हमें अग्रसर करती हैं। महिलाओं को समाज में सम्मान, स्वतंत्रता और सामानता के साथ अधिक शक्ति देना हमारे राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए आवश्यक है। इसी आवश्यकता को समझकर मोदी सरकार ने सामाजिक और आर्थिक विकास को समर्थन करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं में से कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं हैं जो महिलाओं के उत्थान और समृद्धि को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही हैं। महिला उत्थान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। महिलाओं को उनकी उत्पादक क्षमता को बढ़ाने के लिए विविध योजनाओं का लाभ मिलता है। यह योजना महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए विविध कौशलों का प्रशिक्षण प्रदान करती है। स्किल इंडिया योजना भारतीय महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करती है ताकि वे स्वयं को समृद्ध कर सकें और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें। स्वच्छ भारत मिशन महिलाओं को स्वच्छता के महत्व को समझाने और समुदाय में स्वच्छता की उत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से महिलाओं को समाज में सम्मान और स्थान मिलता है, जो उनके उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ये योजनाएं महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और उन्हें समाज में उनकी सही जगह दिलाने में मदद कर रही हैं। स्वतंत्रता के बाद भारतीय महिलाओं ने रूढ़ियों को तोड़कर राजनीति, सामाजिक कार्य, कानून प्रवर्तन, बैंकिंग और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसे विविध क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है। दृढ़ संकल्प और समर्पण ने देश को प्रगति और विकास की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समान शिक्षा, उचित अवसर और सुरक्षित वातावरण में भारत की नारी अपनी प्रतिभा का परचम लहराएगी और निश्चित रुप से विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अपना सक्रिय योगदान देंगी।

                                                                                                                                                                                                  शाम्भवी थिटे 

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