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फिसली जुबान बदला परिणाम

फिसली जुबान बदला परिणाम

by रामेन्द्र सिन्हा
in जून २०२४, ट्रेंडींग, देश-विदेश, राजनीति, सामाजिक
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर जब-जब विपक्षी नेताओं ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है तब-तब उन्होंने करारी हार का सामना करना पड़ा है। दुर्भाग्य से मोदी विरोध करते-करते विपक्षी नेता राष्ट्रविरोध पर उतर आए हैं ।

इतिहास गवाह है कि चुनावों के दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष के नेताओं की जुबान जब-जब फिसली, उनके हाथ से जीत भी उतनी ही फिसल गई। खासकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा का विरोध करते-करते कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का चेहरा जब-जब राष्ट्र विरोधी दिखा है, उसे मुंह की खानी पड़ी है। सैम पित्रोदा, मणिशंकर अय्यर, लालू प्रसाद यादव, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, संजय राउत, राहुल गांधी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक की फिसली जुबान क्या रंग दिखाएगी, चार जून को साफ हो जाएगा।

‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के तत्कालीन प्रमुख सैम पित्रोदा की नस्लीय टिप्पणी पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रश्न किया कि कोई मुझे ये बताए कि क्या मेरे देश में चमड़ी के आधार पर योग्यता तय होगी। संविधान सिर पर लेकर नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, इन अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है और कहा है कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, ये सब अफ्रीका के हैं।

सैम पित्रोदा ने पिछले महीने विरासत कर का उल्लेख करते हुए उसका समर्थन किया था। पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में 55 प्रतिशत विरासत टैक्स लगता है। सरकार 55 प्रतिशत हिस्सा ले लेती है। उन्होंने कहा था कि सम्पत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। भारत में ऐसा कानून नहीं है। ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। साल 2019 में कांग्रेस की न्याय योजना के संदर्भ में सैम पित्रोदा ने देश में मध्यम वर्ग को स्वार्थी करार दिया था। 1984 के दंगों को लेकर एक प्रश्न पर पित्रोदा ने कहा था कि ‘हुआ तो हुआ’। 2019 में जब देश में आम चुनाव की तैयारी हो रही थी तो पित्रोदा ने पुलवामा आतंकवादी हमले के संदर्भ में कहा था कि ‘ऐसे हमले होते रहते हैं’। राम मंदिर पर उन्होंने बयान दिया था कि इससे महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्या दूर नहीं होगी।

इसी मई माह में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए और अपनी सैन्य शक्ति नहीं बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम पाकिस्तान को इज्जत नहीं देंगे तो वे भारत पर परमाणु हमला करने की सोच सकते हैं। इस पर प्रधान मंत्री मोदी ने कांग्रेस नेताओं को कायर बताया जो पाकिस्तान की परमाणु शक्ति से डरे हुए हैं। यही नहीं, प्रधान मंत्री ने इंडी गठबंधन में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का नाम लिए बिना उनके हालिया एक बयान की ओर इशारा करते हुए तंज किया, ‘ये कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। अरे भाई, हम पहना देंगे। उनको आटा भी चाहिए, बिजली भी नहीं है। अब हमको मालूम नहीं था कि उनके पास चूड़ियां भी नहीं हैं।’

प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, ‘कोई मुंबई हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है, कोई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा है, ये वामपंथ वाले भारत के परमाणु हथियारों को ही खत्म करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि ‘इंडी’ गठबंधन वालों ने भारत के खिलाफ ही किसी से सुपारी ले ली है।’

राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने प्रधान मंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘पीएम मोदी आजकल परिवारवाद पर हमला करते हैं। मैं पूछता हूं कि तुम बताओ कि तुम्हारी कोई संतान क्यों नहीं हुई। उनके पास परिवार ही नहीं है। वो हिंदू नहीं है। हिंदू अपनी मां के श्राद्ध में दाढ़ी-बाल बनवाता है। पीएम की माता जी का जब देहांत हुआ तो उन्होंने बाल-दाढ़ी क्यों नहीं बनवाया।’ लालू यादव के इस बयान का नरेंद्र मोदी ने करारा उत्तर दिया। जिसके बाद भाजपा ने 2019 की तर्ज पर ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ का अभियान शुरू कर दिया।

दरअसल गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ शब्दों का प्रयोग किया था। उस समय भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया और उत्तर देते हुए ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन चला दिया। फलस्वरूप कांग्रेस की करारी हार हुई।

बोले तो, नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्य मंत्री थे, उसी समय से कांग्रेस के निशाने पर रहे हैं। साल 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस वाले यूपीए गठबंधन की सरकार थी। इस चुनाव में 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा को 117 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को मात्र 59 सीटें। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर ने कह दिया कि नरेंद्र मोदी जब चुनाव हार जाए तो वे हमारे पास आए, हम उन्हें 24, अकबर रोड में कैंटीन का ठेका दे देंगे।’ भाजपा ने इस बयान को अपना सबसे अहम मुद्दा बना लिया था। भाजपा को पूर्ण बहुमत मिली, वहीं कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई।

2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर अय्यर की जुबान फिसल गई। तब प्रधान मंत्री मोदी ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा था कि ‘आपने हमें नीच कहा, निचली जाति का कहा, ये 18 तारीख को नतीजे ही दिखाएंगे कि गुजरात के बेटे को ऐसा कहना कितना भारी पड़ेगा।’ और कांग्रेस का सालों बाद सत्ता में वापसी का सपना टूट गया। भाजपा 99 सीट पाकर सत्ता में आ गई।

कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फतेहपुर से भाजपा सांसद और प्रत्याशी केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को घटिया, खराब और खटारा इंजन बता दिया। उन्होंने एक अन्य बयान में कहा कि देश में लोकसभा चुनाव संविधान के रक्षकों और उसके भक्षकों के बीच मुकाबला है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा के लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते, यहां तक कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी को भी छोड़ दिया।

डीएमके नेता ए. राजा और उदयनिधि स्टालिन ने तो सनातन को बीमारी बताते हुए उसे खत्म करने का संकल्प जताया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी तथा समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम ने चुनाव प्रचार के दौरान वोट जेहाद का राग अलाप दिया और एक समुदाय विशेष को मिलाकर भाजपा के विरूद्ध एक ही पार्टी को वोट करने की अपील की।

इस बीच राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उनको तो खुद प्रधान मंत्री बनना है, लेकिन वे चाहते हैं कि बाकी लोगों के बच्चे जय श्रीराम बोलते हुए भूख से मर जाएं। दूसरी ओर फारूक अब्दुल्ला की भगवान राम और प्रधान मंत्री मोदी को लेकर टिप्पणी भी विवादों के घेरे में रही। अब्दुल्ला ने कहा, क्या पीएम मोदी उनके साथ थे जब राम ने 14 साल जंगल में बिताए थे।

पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा- हमारी सरकार आई तो पीएम मोदी समेत भाजपा के कई नेता जेल में होंगे। जबकि शिवसेना नेता संजय राउत ने अपनी विवादित टिप्पणी में कहा, महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। गुजरात में मुगल बादशाह औरंगजेब का जन्म हुआ, जहां पर नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ, उसके पड़ोस वाले गांव में औरंगजेब का जन्म हुआ था। ऐसे में मोदी और औरंगजेब की सोच में समानता है। एआइआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तो प्रधान मंत्री मोदी की तुलना हिटलर से करते हुए मुसलमानों के हालात यहूदियों जैसा बताया, लेकिन तथ्य यही है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर जब-जब विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेताओं ने बयान दिया है, उसे भाजपा ने अपना हथियार बनाया है और उसका लाभ भी भाजपा को मिला है।

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Tags: #sampitroda #RahulGandhi #manishankaraiyar #laluprasadyadav #PMOindia #Narendramodi

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