भ्रष्टाचार के विरुद्ध नारा बुलंद कर दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने वाले अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारियों का सरदार कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि उनकी पार्टी के अनेक नेता और मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं या खा रहे हैं। अन्ना हजारे ने भी जनता से अपील की है कि जिनके पीछे ईडी पड़ी हो, उन्हें न चुने।
दिल्ली शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े भ्रष्टाचार मामलों के आरोपी दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल की संदिग्ध गतिविधि अब किसी से छुपी हुई नहीं है। आम आदमी पार्टी का चोला पहन कर खास लोगों के लिए काम करने वाले केजरीवाल के कारनामों का पर्दाफाश हो गया है। हालांकि उन्हें जमानत अवश्य मिल गई है, लेकिन उन्हें 2 जून को पुनः सरेंडर करना होगा। इस मामले में एक नया मोड़ भी आ गया है। ईडी ने सर्वोच्च न्यायालय में नई चार्जशीट फाइल कर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है। यह जानकारी ईडी ने केजरीवाल की ओर से दाखिल गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय को दी है।
इसके अलावा कहा जा रहा है कि चुनाव होने के बाद सीबीआई भी उन्हें अपनी हिरासत में लेने के लिए न्यायालय का रुख कर सकती है, क्योंकि सीबीआई पहले से ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत शराब घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रही है और इसी जांच के सम्बंध में केजरीवाल से बीते वर्ष 2023 में सीबीआई ने 9 घंटे पूछताछ की थी। इसी मामले में पूर्व उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया समेत अनेक हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। दूसरी ओर खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंडिंग मामले में भी केजरीवाल एनआईए की रडार पर आ चुके हैं। दिल्ली के उप राज्यपाल वी. के सक्सेना ने लिखित पत्र देकर केजरीवाल के विरुद्ध गृह मंत्रालय से एनआईए जांच की सिफारिश की है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर एक पूर्व कार्यकर्ता डॉ. मुनीश कुमार रायजादा ने न्यूयार्क के गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स में खालिस्तानी नेताओं के साथ केजरीवाल की कथित बैठक की तस्वीरें शेयर की थी। इस पर भी उप राज्यपाल ने अपनी सिफारिश में ध्यान आकर्षित कराया है।
आबकारी नीति और अनियमितता
पुरानी शराब नीति के अंतर्गत 60 प्रतिशत सरकारी और 40 प्रतिशत निजी शराब की दुकानें थी, तब एल-1 लाइसेंस फीस 25 लाख रुपए मात्र निर्धारित की गई थी, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति लेकर आई और लाइसेंस का शुल्क 5 करोड़ रुपए कर दिया गया। इसके साथ ही अन्य श्रेणी में भी लाइसेंस की फीस में अत्यधिक बढ़ोत्तरी की गई। जिसका बुरा असर छोटे शराब व्यवसायियों पर पड़ा। नई आबकारी नीति के अंतर्गत शराब की सभी 100 प्रतिशत दुकानों का निजीकरण किया गया। इसका सबसे बड़ा लाभ बड़े शराब माफियाओं को हुआ और सर्वाधिक हानि सरकार के राजस्व की हुई। आरोप लगाया जा रहा है कि आप नेताओं और अधिकारियों को शराब माफियाओं ने रिश्वत के तौर पर काली कमाई का एक बड़ा हिस्सा दिया है।
गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने लगाया था फंडिंग का आरोप
सिख फॉर जस्टिस संगठन के मुखिया गुरुपंतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि यदि हमारी सरकार बनी तो प्रो. देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के भीतर छोड़ दिया जाएगा। आज 9 साल हो चुके हैं, लेकिन इन्होंने देविंदर पाल को नहीं छोड़ा। जबकि इन्होंने खालिस्तानियों से 2014 से लेकर 2022 के दौरान कुल 16.70 मिलियन डॉलर का फंड लिया है। सनद रहे कि इसके पूर्व आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता रहे कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानी समर्थकों से मिलीभगत का आरोप लगाया था। जो कि समय के साथ सत्य प्रतीत होता जा रहा है, क्योंकि जिस तरह से आम आदमी पार्टी की सरकार के रहते हुए पंजाब में खालिस्तानी गतिविधि एवं अलगाववाद बढ़ रहा है, उससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि केजरीवाल की सरपरस्ती में उन्हें खुली छूट मिली हुई है।
आप सरकार, घोटालों की भरमार
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पिछले दिनों एक प्रेस वार्ता के दौरान यह आरोप लगाया था कि केवल अरविंद केजरीवाल पर ही नहीं, पूरी दिल्ली सरकार का घोटालों से पुराना रिश्ता है। वर्ष 2018 में केजरीवाल के रिश्तेदार सुरेंद्र बंसल की कम्पनी पीडब्ल्यूडी में फर्जी बिल घोटाले में लिप्त पाई गई थी। इसमें भी आरोप लगा कि केजरीवाल ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर 10 करोड़ रु. के फर्जी बिल पास कराया था। इसी मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन की पहली पोल वर्ष 2020 में ही खुल चुकी थी। इसी तरह वर्ष 2020-21 में दिल्ली जल बोर्ड में दो कम्पनियों ने बिल घोटाला किया था। वर्ष 2021-22 शराब कारोबारियों के साथ मिलीभगत कर मुख्य मंत्री केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया और फिर इसी मामले में वे तिहाड़ जेल की हवा खा कर भी आए। दिल्ली वाले यह मामला भूलें भी नहीं थे कि अब शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में मनमानी कंपनियों को ठेका देने का मामला सामने आ गया है। दवा, अस्पताल, शिक्षा, शराब, पानी और न जाने कितने ही क्षेत्रों में भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी सम्पूर्ण जांच की जानी चाहिए, तभी कट्टर ईमानदार मुख्य मंत्री का असली सच जनता के सामने आएगा।
आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था, लेकिन आज पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। मेरे लिए मंत्री पद पर काम करना मुश्किल हो गया है। इसलिए मैंने मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
– राज कुमार आनंद
(पूर्व मंत्री – समाज कल्याण और एससी/एसटी)
मुफ्त का लालच, सदैव हानिकारक
दिल्ली और पंजाब समेत देश की जनता को भी यह समझना होगा कि आज के समय में कुछ भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती, दूसरे तरीके से इसकी भारी कीमत वसूल की जाती है। मुफ्त की राजनीति करनेवाले नेताओं को नकारना ही होगा वर्ना शाहीनबाग, दिल्ली दंगा, तुष्टीकरण, घोटाला, भ्रष्टाचार, नशा, अपराध, जैसे अनेक दुष्परिणाम सामने आते ही रहेंगे।
तुच्छ स्वार्थ के लालच में पंजाब जैसे राज्य की सुरक्षा से खिलवाड़ करनेवाले राजनेताओं के हाथ में सत्ता देना भयंकर सिद्ध हो सकता है। यह भी सदैव स्मरण रखें कि जिस भी समाज को अलगाववाद की हवा देकर अलग किया जाता है, उसका ही सबसे पहले शिकार किया जाता है। जाति, मत, मजहब, पंथ और प्रांत के नाम पर जो लोग अलगाववाद के बीज बो रहे है, वहीं हमारे राष्ट्र एवं समाज के असली शत्रु हैं।
देश की चाबी मतदाताओं के हाथ में है, इसलिए इस चाबी को सही हाथों में देकर सही तरीके से चुना जाना चाहिए। हमेशा याद रखें, सही उम्मीदवारों को चुनें जो सही छवि वाला राजनेता हो, न कि जिसके पीछे ईडी पड़ा हो।
– अण्णा हजारे, (प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता)