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भारतीय राष्ट्रीयता का आधार हिंदुत्व

by हिंदी विवेक
in अगस्त २०२४, विशेष, विषय, सामाजिक
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हिंदुत्व कोई जीवाश्म नहीं है और न ही कोई मृत प्रायः जीव है। वह आज भी एक विशाल हृदय वाला महासागर है, जो सभी धर्मों का समन्वित स्वरूप है। उसके पास उपनिषद और गीता के श्रेष्ठ तत्व ज्ञान है। हिंदुत्व तो आत्मस्वत सर्वभूतेषु अर्थात विषमता मुक्त व्यवहार करते हुए सबको अपने समान अनुभव करने वाली जीवन शैली है। जो हिंदू है वह ‘सर्वे भवंतु सुखिन:’ सबके सुख की बात करता है। हिंदू जो सदैव – संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते॥

महर्षि अरविंद का कथन है कि हिंदू धर्म ही वास्तव में सनातन धर्म है, क्योंकि वह सार्वभौमिक धर्म है। जिसमें समस्त अन्यान्य मत, पंथ, धर्मों का समन्वय है। ऐसे चिर पुरातन व करोड़ों लोगों की आस्था और विश्वास की जीवन परम्परा को भारतीय संसद में अपमानित किया गया। ऐसे जनप्रतिनिधि जो भारतीय जनमानस के चरित्रों का चीरहरण करते हुए यह भाषण दे रहे हैं कि जो हिंदू है वह हिंसक है, हिंदू नफरत फैलाता है, हिंदू असत्य बोलता है, यह शुद्ध रूप से हमारे पूर्वजों, मनीषियों और महापुरुषों को केवल अपमानित करने का ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा को कलंकित करने का पुरजोर प्रयास किया गया है।

कांग्रेस पार्टी में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए हिंदू धर्म की असत्य व्याख्या कर दी और हिंदू को हिंसक और नफरत फैलाने वाला कहकर उनके चरित्र की भी धज्जियां उड़ा दी। क्या इस प्रकार का भाषण जो भारतीय जनमानस को अपमानित कर सनातन परम्परा को कलुषित करता है, ऐसे अक्षम्य अपराध के बाद भी राहुल गांधी का दोषी होना पर्याप्त नहीं है? यह देश सहनशील है तो इसकी वजह हिंदू ही हैैं। इनके इंडी गठबंधन के साथी तो हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और बीमारी जैसी शब्दों से कर चुके हैं, फिर भी यदि कोई धैर्यवान है तो वह हिंदू ही हैैं।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी यदि राजनीति से प्रेरित होकर राहुल गांधी की वकालत करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब हमारी ऋषि परम्परा को भी एक दिन कलंकित होते हुए हमें देखना पड़े। हिंदू हिंसक होते हैं, अत्याचारी होते हैं, हिंदू नरसंहार करते हैं, हिंदू विधर्मी और विश्वासघाती होते हैं, हिंदू अन्य धर्मों से द्वेष रखता है, यहां तक कि महाभारत और रामायण के चरित्रों पर प्रश्न चिन्ह लगाना और उन्हें मनगढ़ंत कहकर गलत ठहराना इस प्रकार का दुष्प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से असंख्य लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। इस प्रकार के राहुल गांधी के भाषण की निंदा पूरे देश भर में हो रही है।

हिन्दू, हिन्दुत्व और हिन्दूवादः क्या है RSS और गांधीवादियों का नज़रिया? - BBC News हिंदी

प्रधान मंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को सहिष्णुता का संदेश दिया था और यदि आज भारत में लोकतंत्र परम्परा और सहिष्णुता स्थापित है तो उसकी वजह भी देश का बहुसंख्यक हिंदू समाज ही है। भारतीय राष्ट्रीयता का आधार ही हिंदुत्व है। हिंदुत्व चाहे विवेकानंद का हो या गांधी का वह सौहार्द व बंधुत्व का परिचायक है और धर्मों के सम्बंध में ऐसी प्रतिक्रिया उच्च पद पर बैठे जनप्रतिनिधियों द्वारा उचित नहीं है। हिंदुत्व कोई जीवाश्म नहीं है और न ही कोई मृत प्रायः जीव है। वह आज भी एक विशाल हृदय वाला महासागर है, जो सभी धर्मों का समन्वित स्वरूप है। उसके पास उपनिषद और गीता के श्रेष्ठ तत्व ज्ञान है। हिंदुत्व तो आत्मस्वत सर्वभूतेषु अर्थात विषमता मुक्त व्यवहार करते हुए सबको अपने समान अनुभव करने वाली जीवन शैली है। जो हिंदू है वह ‘सर्वे भवंतु सुखिन:’ सबके सुख की बात करता है। हिंदू जो सदैव – संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। देवा भागं यथा पूर्वे संजानाना उपासते॥

Bangladesh violence: Vishva Hindu Parishad calls for nationwide protest against attack on Hindus

को साधते हुए अपने ध्येय की ओर बढ़ता हो, वह हिंदुत्व हिंसक और नफरत फैलाने वाला कैसे हो सकता है?, किंतु राजनैतिक स्वार्थ के लिए हिंदुत्व का ऐसा भ्रामक दुष्प्रचार करने वाले लोगों को धर्मं शरणं गच्छामि होने की आवश्यकता है।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का निरस्त होना, नागरिकता संशोधन अधिनियम, आंतरिक और बाह्य सुरक्षा कवच के साथ चहुं ओर से विकास की कहानी लिखते नए भारत में तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पुनर्स्थापित होने से विपक्ष में खलबली मची हुई है। जिसके परिणामस्वरुप बौखलाए विपक्ष के नेता भ्रमित करनेवाले बेबुनियादी भाषण संसद में दे रहे हैं।

हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने का षड्यंत्र ही विपक्ष का चरित्र और स्वभाव बन गया है, जो आए दिन भारतीयता को लहूलुहान और खंडित करने का प्रयत्न करते रहते हैं। हिंदू तो भारत का मूल और राष्ट्र का अस्तित्व है। हिंदुत्व का परित्याग करके भारतीय राष्ट्रीयता जीवित नहीं रह सकती। अतः संविधान-संविधान जपने वाले नेताजी संविधान में उल्लेखित सर्व धर्म समभाव, बंधुता और सहिष्णुता की बात करते हुए, अपने बयान के लिए राहुल गांधी को विश्व भर के करोड़ों लोगों से इस अक्षम्य अपराध के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

 

 

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Tags: #hindu #india #rss #world #sanatan

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