हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
क्यों कम उम्र की महिलाएं हो रही हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार?

क्यों कम उम्र की महिलाएं हो रही हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार?

by रचना प्रियदर्शिनी
in ट्रेंडींग, विशेष, स्वास्थ्य
0

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के किसी अंग की कोशिकाएं अनियंत्रित और अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं और धीरे-धीरे वे दूसरे अंगों में फैलना शुरू कर देती हैं. आमतौर पर हम सभी के शरीर में कैंसर कोशिकाएं मौजूद रहती हैं, जो कि उपयुक्त कारण या वातावरण मिलने पर शरीर पर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देती हैं और शरीर के उक्त अंग की सामान्य प्रक्रिया बाधित करने लगती हैं. महिलाओं में स्तन, गर्भाश्य ग्रीवा और अंडाशय का कैंसर सर्वाधिक सामान्य है, जबकि पुरुषों में फेफड़ा, मुंह तथा प्रोस्टेट कैंसर के मामले अधिक पाये जाते हैं. अपोलो हॉस्पिटल, मुंबई की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष-2020 में भारत में करीब 14 लाख लोग कैंसर से पीड़ित थे. वर्ष-2025 तक यह संख्या बढ़ कर 15.7 लाख होने का अनुमान है.

ग्लोबोकन-2020 (Global Cancer Obsevatory) के आकलन के अनुसार भारतीयों में होनेवाले कैंसर के कुल मामलों का 13.5% मामला ब्रेस्ट कैंसर का है और कैंसर के कारण होनवाली कुल मौतों में इसकी हिस्सेदारी 10.6% है. पिछले करीब डेढ़ दशक में कि 25 या उससे कम उम्र की भारतीय महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महामारी विज्ञान संबंधी आंकड़ों (epidemiological data)की मानें, तो एक लाख की महिला आबादी में 25 से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. एक अनुमान के अनुसार प्रति एक लाख महिलाओं में से 13 महिलाओं की मौत का कारण ब्रेस्ट कैंसर है. वर्ष-2020 में दुनिया भर में करीब 20 लाख से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पायी गयीं.
दरअसल ब्रेस्ट कैंसर के आनुवांशिक कारक और पारिवारिक इतिहास (BRCA1 तथा BRCA2 जीन की प्राप्ति) इस संख्या को और भी बढ़ा सकती है. कारण कि ये दोनों ही कारक मानव नियंत्रण से बाहर है. लेकिन कई सारे अन्य अध्ययन कैंसर की उत्पति के कुछ अन्य कारकों की ओर भी हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं, जैसे कि- मोटापा, निम्न स्तरीय जीवनशैली, धूम्रपान और मदिरा सेवन आदि. पोस्ट मेनोपॉज अवधि (मासिक चक्र समाप्ति के बाद का समय) में निम्न स्तरीय जीवनशैली और अत्यधिक शारीरिक वजन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे में इजाफा कर सकती है. ऐसा न हो, तो इसके लिए निम्नांकित बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

– शरीर में जलन या सूजन को न करें इग्नोर
शरीर में अगर कहीं किसी तरह का सूजन या जलन हो, तो उसे इग्नोर न करें. हो सकता है कि यह किसी गंभीर बीमारी का अलार्म हो. दरअसल हमारा शरीर हमारे स्वास्थ्य के प्रति हमें आगाह करने के लिए विभिन्न तरीके के डिफेंस मैकेनिज्म अपनाता है. जब हमारे शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन होता है या शरीर के अंदरुनी हिस्से में कुछ असामान्य घटित होता है, तो हमारी सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर में जलन उत्पन्न करके उन रोगाणुओं को तटस्थ या निष्प्रभावित करने का प्रयास करती हैं. विभिन्न अध्ययनों द्वारा यह पता चला कि कई बार ऐसे सूजन या जलन गंभीर बीमारियों जैसे कि ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं, इसलिए इन्हें इग्नोर करने के बजाय किसी अच्छे डॉक्टर से दिखाएं.

– अपने डायट का रखें खास ख्याल
ज्यादातर महिलाएं अपने पूरे परिवार के डायट का विशेष ख्याल रखती हैं, लेकिन बात जब अपने डायट की आती हैं, तो ‘कुछ भी’ खाकर पेट भर लेती हैं. ऐसा न करें, क्योंकि अनहेल्दी डायट्री हैबिट्स ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न कारकों में से एक है. जब आपके शरीर में बाहरी संक्रमणों/रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता कमजोर रहेगी, तो आप किसी भी हाल में खुद को बीमार होने से नहीं रोक पायेंगी. पश्चिमी जीवनशैली का अंधाधुंध अनुसरण के कारण हाल के वर्षों में भारतीय महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि आनुवांशिक तथा वंशानुगत कारक भले ही हमारे नियंत्रण में नहीं हों, लेकिन एक स्वस्थ जीवनशैली का अनुसरण तो हमारे अपने हाथ में है. अपने खान-पान और जीवन जीने के तरीकों को थोड़ा-सा बदलाव करके हम अपने शरीर को कई तरह की रोग-व्याधियों से बचा सकते हैं. अपने भोजन में प्रोसेस्ड मीट, ट्रांस फैट, आर्टिफिशियल प्रेजरवेटिव्स तथा चीनी का प्रयोग कम-से-कम करें. ये सारे प्रो-इंफ्लेमेट्री फूड आइटम्स हैं. इनके बजाय अपने भोजन में फलों, हरी-पत्तेदार सब्जियों, बीजों तथा साबुत अनाजों का उपयोग अधिक-से-अधिक करें. कारण, इनमें पर्याप्त मात्रा में फ्लेवोनॉयड्स, कैरोटेनॉयड्स, फाइबर्स तथा विटामिन्स होते हैं.

– शारीरिक असक्रियता का भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
कई चिकित्सकीय अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि हमारी कम होती शारीरिक सक्रियता और ब्रेस्ट कैंसर में गहरा संबंध है. हालांकि वैज्ञानिक इस संबद्धता के वास्तविक कारणों को जानने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, बावजूद इसके विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि असक्रिय जीवनशैली की वजह से हमारे शरीर में मौजदू विभिन्न प्रकार के हॉरमोन्स के विभिन्न स्तरों में असंतुलन पैदा हो जाता है, जिसके चलते कई तरह के बीमारियों से ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है. मोटापा, इंसुलिन का निचला स्तर, अत्यधिक स्क्रीन टाइम (मोबाइल फोन/टीवी/कंप्यूटर पर एक्टिव रहने का समय), जंक फूड हैबिट अथवा बिंज वॉचिंग आदि इस समस्या को हद से ज्यादा बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

– समय-समय पर स्वास्थ्य जांच है जरूरी
समय रहते ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाये, तो इसका निदान और उपचार- दोनों ही संभव है, लेकिन सवाल यहां यह उठता है कि समय रहते आखिर पता कैसे चले? इसके लिए जरूरी है समय-समय अपने स्वास्थ्य की जांच कराना. खास तौर से 35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओ को ही अपने स्वास्थ्य की सालाना नियमित जांच कराना चाहिए. कारण, इस उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में एक बार फिर से (प्यूबर्टी के बाद) कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके बारे में जागरूक रहना बेहद जरूरी है. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में पता जानकारी हासिल करें, जिससे कि शुरुआती लक्षणों की जांच अपने स्तर पर आप खुद भी कर सकें. आपको अपने ब्रेस्ट में यदि किसी भी तरह की असामान्यता महसूस होती हो, तो बिना किसी देरी के हेल्थ केयर एक्सपर्ट से कसंल्ट करें.

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp

रचना प्रियदर्शिनी

Next Post
कैरियर की चाह में न दें ब्रेस्ट कैंसर को न्यौता

कैरियर की चाह में न दें ब्रेस्ट कैंसर को न्यौता

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

3