“समाज, राष्ट्र एवं धर्म के लिए अच्छा क्या है और सही-गलत क्या है? इसका निष्कर्ष निकालकर मतदान किया जाना चाहिए। कौन सी राजनैतिक पार्टी देशहित का विचार कर रही है, यह सोच जन-सामान्य में, मतदाताओं में विकसित होनी आवश्यक है। ऐसा होने पर ही लोकतंत्र में राष्ट्रीय, धार्मिक, सामाजिक और भारत के विकास की सोच रखने वाली सरकार बनेगी। इस दृष्टि से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में १०० प्रतिशत मतदान करें और अपने राज्य में सही सरकार लाए, यही समय की मांग है।”
हमारे लोकतंत्र में देश के प्रत्येक नागरिक को मतदान का मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। लोकतंत्र में बहाल किए हुए अधिकारों के संदर्भ में हम जब सोचते हैं तो देश में चुनाव के समय मतदाताओं का जागृत रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपने राष्ट्र, धर्म और समाज के प्रति कर्तव्यों को समझकर मतदान करने के लिए बाहर निकले।
आज हमारे देश में जो भी समस्या है, उसके पीछे मतदाताओं द्वारा अपने चुनाव अधिकार का सही प्रयोग न करना भी सबसे बड़ा कारण हो सकता है। बहुसंख्यक हिंदू मतदान के लिए पूरी संख्या से बाहर नहीं निकलते। समाज का एक वर्ग जिहाद का भाव मन में रखकर वोटिंग करता है, इस वोट जिहाद को हमें पहचान कर मतदान करना चाहिए है, लेकिन पढ़े-लिखे वर्ग में भी मतदान टालने की प्रवृत्ति बड़ी मात्रा में है, जो ठीक नहीं है। यह प्रवृत्ति हमारे आने वाले भविष्य को राष्ट्रीय, राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और कई तरह से संकट में ले जाने में सहायक होती है। इसलिए समाज के सभी वर्गों को मतदान के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।
समाज, राष्ट्र एवं धर्म के लिए अच्छा क्या है और सही-गलत क्या है? इसका निष्कर्ष निकालकर मतदान किया जाना चाहिए। कौन सी राजनैतिक पार्टी देशहित का विचार कर रही है, यह सोच जन-सामान्य में, मतदाताओं में विकसित होनी आवश्यक है। ऐसा होने पर ही लोकतंत्र में राष्ट्रीय, धार्मिक, सामाजिक और भारत के विकास की सोच रखने वाली सरकार बनेगी। इस दृष्टि से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में १०० प्रतिशत मतदान करें और अपने राज्य में सही सरकार लाए, यही समय की मांग है।
अब प्रश्न यह है कि भाजपा ही क्यों चुनकर आनी चाहिए, उत्तर यह है कि गत कुछ वर्षों में व्यक्तिगत स्वार्थ की राजनीति करने वाले क्षेत्रीय राजनैतिक पार्टियों की संख्या बड़ी मात्रा में बढ़ी है। आज दुर्भाग्य यह है कि राष्ट्रीय राजनैतिक सोच रखनेवाले राजनैतिक दलों का अभाव है। उनके स्वार्थ के कारण देश और समाज दुर्बल होता जा रहा है। कई विपक्षी पार्टियां सत्ता के लोभ में आकर और भाजपा एवं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए इंडी गठबंधन में शामिल हुई है। अपनी विचारधारा को त्यागकर राष्ट्र विरोधी विचारधारा का समर्थन कर रही है। राष्ट्रीय, आध्यात्मिक एवं राज्य की विकास के मुद्दों पर राष्ट्र विरोधी शक्तियों के हां में हां कर रहे हैं। उसमें कांग्रेस के संदर्भ में हम अनुभव करते हैं कि उसकी विचारधारा-नीति पूर्ण रूप से हिंदू व देश विरोधी बन चुकी है।
कभी स्वातंत्र्यवीर सावरकर को अपशब्द कहना और औरंगजेब को अपना भाई कहना। वोट जिहाद के माध्यम से देश विघातक शक्ति निर्माण करने में सहायक वातावरण निर्माण करना, राजनैतिक स्वार्थ के लिए अराष्ट्रीय समझौते करना, यह कांग्रेस का चरित्र बना है। कांग्रेस के गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी इन राजनीतिक पार्टियों के चिंतन में दोष है। शरद पवार की नीति समाज को जातियों में तोड़कर समाज में खाई निर्माण करने की रही है। वे समाज में खाई निर्माण कर संघर्ष का मार्ग अपनाना चाहते हैं। इस प्रकार के गृह युध्द की सोच रखनेवाले, राष्ट्र-धर्म एवं समाज विरोधी गतिविधियों पर चलनेवाली यह पार्टियां क्या भारत देश और समाज के हित की बात कर पाएंगे? यह संभव नहीं। बाहरी शक्तियों का समर्थन करनेवाले इन पार्टियों से इस देश को और हमारे भविष्य को भी गंभीर खतरा है। ऐसे राजनैतिक पार्टियों पर विश्वास कर उनके हाथ में हमारे राज्य सरकार की बागडोर सौंपना यह उचित नहीं होगा।
आज इस पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी राष्ट्र संवर्धन की, हिंदूहित की सही सोच लेकर काम कर रही है। निकट भविष्य में सही सोच लेकर राज्य और देश चलाना है तो आज भारतीय जनता पार्टी से बेहतर कोई पार्टी नहीं है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र देश में ऐसी राजनैतिक पार्टी है जो देशहित और हिंदुओं के हित में खुलकर मुखर है। इसलिए हमें भाजपा और भाजपा से युति किए हुए पार्टियों को सहयोग करना आवश्यक है। भाजपा राष्ट्र, हिंदू और समाज हित के विचारों पर ही चलती है। देश में विकास, सुशासन और सुरक्षा हेतु वर्तमान परिस्थिति में भाजपा का कोई विकल्प नहीं है।
आज आवश्यकता है सभी स्तरों पर मतदाताओं के विवेक का जागरण करने की। भारतीय समाज को कुंठित एवं भ्रमित भावनाओं से बाहर आकर अपना तेजस्वी आत्मविश्वास जगाना चाहिए। वोटिंग बूथ में जाकर किसे वोट देना और किसे नहीं ? इसका विवेक समाज के अंदर जगाने की आवश्यकता है। समाज की जागृत अवस्था ही राष्ट्र विरोधी विचारधारा के नेता एवं पार्टियों को देश विरोधी मानसिकता से बाहर ला सकता है।
देश और समाज में जो हम राष्ट्र विरोधी और समाज को तोड़ने वाली राजनीतिक गतिविधियों को सहयोग करने वाले पार्टियों को देखते हैं तो इस स्थिति के लिए कोई बाहरी शक्ति जिम्मेदार है, केवल ऐसी बात नहीं है। इस स्थिति के लिए हम भारतीय मतदाता भी जिम्मेदार हैं क्योंकि हम हमेशा जाति, भाषा, प्रांत के नाम पर बंटे रहे, जिसका लाभ उन्होंने उठाया। इसलिए अब हमें इससे बाहर निकलकर और देश विरोधी शक्तियों द्वारा निर्माण किए हुए भ्रमजाल एवं नकारात्मक स्थिति से उपर उठकर सदैव जागरूक रहना होगा। इसलिए प्रत्येक चुनाव में राष्ट्रहित में मतदान करना आवश्यक है।
क्षणिक लाभ-हानि को छोड़कर, भ्रमित अवस्था से बाहर निकल कर, 200 -500 रुपए के लालच में न आकर हम सही जगह मतदान करेंगे तो देश और धर्म के संदर्भ में हमारा भविष्य ठीक होगा। “वोट जिहाद” में राष्ट्र विघातक उद्देश्य छुपा हुआ है। इस नापाक इरादे को हम सभी मिलकर अपने मतों से नाकामयाब कर सकते हैं। आने वाले भविष्य में अपने धर्म और देश के उज्जवल भविष्य के संदर्भ में अपनी सोच जागृत रखकर मतदान करना आवश्यक है।
हम ऐक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। इस चुनाव में अपनी स्व-क्षमता को पहचान कर, स्वयं और समाज के सामान्य जनों की सुप्तशक्ति को जागृत कर मतदान करना आवश्यक है। राष्ट्र हितों का जागरण, संवर्धन एवं संरक्षण करने वाले राजनीतिक पार्टियों को इस चुनाव में अवसर देने की जरूरत है।
चुनाव में मतदान करते समय हमारा राष्ट्र भाव जागृत होगा तो हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा। चलो इस चुनाव में राष्ट्रीय विचारधाराओं से जुड़े हुए पार्टियों को अवसर देने के लिए संविधान द्वारा हमें दिए हुए मौलिक अधिकारों का उपयोग करते हैं।