राष्ट्र को जोड़े रखने में मंदिरों की प्रमुख भूमिका है
– मा. भैया जी जोशी
(अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, रा. स्व. संघ )
हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘मंदिर: राष्ट्र के ऊर्जा केंद्र’ ग्रंथ एवं मध्य प्रदेश विशेषांक का लोकार्पण समारोह रा. स्व. संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैया जी जोशी के हाथों मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में किया गया। इस दौरान मंच पर भानपुरा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज के सानिध्य में प्रमुख अतिथि के रूप में प्रसिद्ध उद्योगपति विनोद अग्रवाल एवं रामसुंदर झा समेत हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर व कार्यकारी सम्पादक पल्लवी अनवेकर उपस्थित थी।
प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित मा भैया जी जोशी ने अपने वक्तव्य में कहां कि हिंदी विवेक का कार्य एक मिशन है और इस मिशन को लेकर हिंदी विवेक का कार्य पूरे देश भर में चलता है। लोकतंत्र में सरकार या शासन नहीं अपितु लोक जागरण ही केंद्र बिंदु है, इसलिए लोकतंत्र को स्वस्थ व सुरक्षित रखने हेतु लोक जागरण करना आवश्यक है और यह कार्य हिंदी विवेक सतत करता आ रहा है। हमें जागरूक समाज का निर्माण करना होगा, जिन्हें सभी विषयों की जानकारी हो, तभी वे चुनौतियों का सामना कर पाएंगे। समाज को परिपूर्ण बनाने में साहित्य का बहुत बड़ा योगदान होता है। हिंदी विवेक के १५ वर्षों की साहित्यिक यात्रा सराहनीय रही है। भारत धार्मिक व मंदिरों का देश है और राष्ट्र को जोड़े रखने में मंदिरों की प्रमुख भूमिका है। इसलिए आदिशंकराचार्य ने भी देश के चारों कोनों में चार धाम की स्थापना की। वर्तमान में मंदिरों की कथा और उसकी व्यथा को जानना आवश्यक है तभी हम मंदिर से जुड़ी चुनौतियों का समाधान कर पाएंगे। ‘हम एक है’ यह भाव मंदिरों से हमें मिलता है।
इसके बाद स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि समाज को चार पुरुषार्थ ‘धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष’ की प्राप्ति की दिशा में सदैव अग्रसर रहना चाहिए। वित्त (धन) का उपयोग धर्म हित में विवेक बुद्धि से करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा, इतिहास, भाषा, धर्म, राष्ट्र हित में बिना अवसर गंवाए कार्य करने का आह्वान समाज एवं सरकार से किया।
इस दौरान प्रसिद्ध उद्योगपति रामसुंदर झा जी, रा. स्व. संघ मालवा प्रांत के कार्यवाह विनीत नवाद्ये जी, अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल जी को भैया जी जोशी के हाथों पुरस्कार देकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने अपनी प्रस्तावना में हिंदी विवेक के सफल १५ वर्षों की यात्रा पर संक्षेप में प्रकाश डाला और मंदिर ग्रंथ के महत्व एवं प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रकट किए।
यह आयोजन इंदौर के लालबाग स्थित हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के मेला परिसर में शुक्रवार दि. 29 नवम्बर 2024 की शाम को किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन हिंदी विवेक की कार्यकारी सम्पादक पल्लवी अनवेकर ने किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग एवं योगदान देनेवाले सभी का आभार जताया। वंदेमातरम् गीत के उपरांत कार्यक्रम का समापन किया गया।