हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result

अधिकतम अक्षय ऊर्जा निर्माण करने वाले राज्य

by अच्युत राइलकर
in पर्यावरण, पर्यावरण विशेषांक -२०१७, सामाजिक
0

आजकल तेल से तैयार की हुई ऊर्जा का ऑटो चलाने के लिए और कोयले से निर्माण की हुई ऊर्जा का अन्य कामों में इस्तेमाल हो रहा है। तेल और कोयला दोनों का उगम अहरित है और ये पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ते हैं। इसीलिए दुनिया में हरित ऊर्जा देने वाले उगमों की बहुत आवश्यकता है।
ऊर्जा कैसे निर्माण होती है इसके बारे में आम जनता नहीं जानती। ऊर्जा के विभिन्न रूप होते हैं। नीचे दिए हुए परिच्छेद में इसकी जानकारी दी गई है। ऊर्जा के उगम हरित या अहरित और क्षय या अक्षय प्रकार के हैं। अक्षय ऊर्जा का मतलब है कि जिस स्रोत से ऊर्जा निर्माण होती हैं वह कायम रहता है। सौर या पवन ऊर्जा अक्षय प्रकार की है। कोयले से ऊर्जा बनती है लेकिन कोयला खतम हो सकता है इसलिए कोयले को ऊर्जा क्षय स्रोत माना जाता है।
भारत सरकार ने अक्षय और हरित ऊर्जा के निर्माण को प्राधान्य दिया है। इसी संकल्प का पालन करने में भारत के सभी राज्य जुटे हुए हैं। इस ऊर्जा-निर्माण के लिए कई साधनों की जरूरत होती है। इसमें भूमि, मशीनरी और अत्यधिक धन की आवश्यकता है। विभिन्न राज्यों में अक्षय ऊर्जा का कितना निर्माण हुआ और कौन सा राज्य इस निर्माण में अग्रणी है इसकी जानकारी तालिका में दी जा रही है।

अक्षय ऊर्जा निर्मिति के बारे में कुछ राज्यों की अधिक जानकारी-

तमिलनाडु –

इस राज्य ने सितंबर २०१६ तक सब से ज्यादा सौर ऊर्जा का निर्माण किया हैं। ६४८ मेगावॉट की ऊर्जा निर्मिति के बाद यह क्षमता २१०० मेगावॉट बन जाएगी और २१ प्रतिशत होगी। यह राज्य पवन ऊर्जा निर्मिति क्षेत्र में भी सब से आगे है और ७९ प्रतिशत हैं।

राजस्थान

यह राज्य सौर ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में अधिक प्रगति कर सकता है, क्योंकि संभार तालाब से अल्ट्रॉ मेगा ग्रीन कॉन्सेंट्रेटेड सोलर पॉवर प्रकल्प चार खंडों में ४००० मेगावॉट क्षमतावाली सौर ऊर्जा बनेगी, २०१६ के पहले भाग में १००० मेगावॉट निर्माण होगा। संभार तालाब की सौर ऊर्जा निर्मिति ७ सालों में पूरी हो सकती है और यह निर्मिति सारी दुनिया में अग्रगण्य होगी ऐसा कहा जाता है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी इस प्रकल्प को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं, और इसके लिए विदेशी ७००० करोड़ रुपए की निधि का इस्तेमाल किया जाएगा।

गुजरात

यह वह राज्य है जिसका नाम सौर ऊर्जा निर्माण के क्षेत्र में पहले स्थान पर जा सकता है। यह बात विविध परिस्थितियों पर निर्भर है, जैसे कि इस राज्य की उजाड़ भूमि में सौर ऊर्जा बनाने की शक्ति छिपी है। इस राज्य में एक विशिष्ट प्रकार से सौर ऊर्जा का निर्माण किया जा रहा है। चंद्रासन क्षेत्र के नजदीक नर्मदा कैनल की शाखा पर सौर पॅनेल से ऊर्जा बनाई जा रही है। बिठाए गए सौर पॅनेल से पानी के वाष्पीकरण को रोका गया है, साल में ९०००० लिटर पानी की बचत हो रही है।

महाराष्ट्र

-पवन ऊर्जा निर्माण में यह राज्य में तमिलनाडु के बाद दूसरे स्थान पर आता है। राज्य में पवन ऊर्जा बनाने वाली पचास कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
मध्यप्रदेश – इस राज्य में ‘वेलस्पन’ नामक बड़ा सौर प्रकल्प है। यह प्रकल्प ११०० करोड़ रुपए का है और ३०५ हेक्टेयर क्षेत्र की भूमि पर भगवानपुर में १३० मेगावॉट क्षमता का बना है। बिजली यूनिट का सेवा दर रु ८.०५ है। दूसरा सौर प्रकल्प ७५० मेगावॉट क्षमता का रींवा जिले में बन रहा है। यह प्रकल्प जब पूरा होगा तब विश्व का सब से बड़ा प्रकल्प होगा।

आंध्र प्रदेश –

अनंतपुर जिले के कादिरी मे अल्ट्रा सौर ऊर्जा प्रकल्प के लिए १००० मेगावॉट क्षमता बनाने के लिए (२५० मेगावॉट चार खंड में) एपी ट्रान्स कंपनी ने एनटीपीसी के साथ समझोता किया हैं।

अक्षय ऊर्जा के बारे में अतिरिक्त जानकारी –

अक्षय ऊर्जा के बहुत सारे उगम स्थान हैं। इसमे हायड्रो-इलेक्ट्रिक, जिओथर्मल, पवन, सौर, समुंदर का ज्वार-भाटा और लहरें तथा बायोमास इत्यादि विविध स्रोत हैं।
बहुत सारे उगम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कारण से सूरज पर ही निर्भर होते हैं। पवन, हायड्रो-इलेक्ट्रिक सूरज पर अप्रत्यक्ष रीति से निर्भर हैं, पवन ऊर्जा तेजी से चलने वाली हवा से मिलती है, और तेज हवा समुंदर किनारों से नजदीक ज्यादा प्राप्त है। समुंदर का ज्वार-भाटा और लहरें ये ग्रेव्हिटी ऊर्जा पर निर्भर है। सौर ऊर्जा प्रत्यक्ष रूप से पाई जाती है, इसमें आईना, बॉयलर या फोटोव्होल्टेक सेल, ज्यादा क्षेत्र की भूमि और इमारत की छतों की जरूरत होती है। एक मेगावॉट सौर ऊर्जा बनाने के लिए अनुमानत: ६ एकड़ या २.४ हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ती है। बायोमास उगम की ऊर्जा के लिए पेड़ या वनस्पति के ज्वलन का इस्तेमाल होता है। जिओथर्मल उगम पृथ्वी के अंदर की थर्मल हलचल पर निर्भित है।
वविध राज्यों की अक्टूबर २०१६ तक की अक्षय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता
(सभी आंकडे गायगा वॉट में है)
राज्य का नाम पवन ऊर्जा सौर ऊर्जा पवन और सौर मिलाके

तमिलनाडु ७.६८ १.५६ ९.२४
राजस्थान ४.१२ १.२९ ५.४१
गुजरात ४.२३ १.१४ ५.३७
महाराष्ट्र ४.६६ ०.३९ ५.०५
कर्नाटक ३.०८ ०.२९ ३.३७
मध्यप्रदेश २.२९ ०.८१ ३.१०
आंध्र प्रदेश १.८७ ०.९५ २.८२

हायड्रो-इलेक्ट्रिक उगम से ७४ प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन होता है। दूसरे स्थान पर पवन ऊर्जा का हिस्सा २० से २५ प्रतिशत है। बचे हुए सभी उगमों का हिस्सा १० से १५ प्रतिशत रहेगा। जिसमें सौर ३%, बायोमास ८% और जिओ थर्मल १% से २% हो सकता है। लेकिन जिओथर्मल और बायोमास हरित ऊर्जा के साधन नहीं हैं।
विशेषज्ञों द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत संशोधन हो रहा है और ऊपर दिए हुए आंकड़े भविष्य में बदल सकते हैं। विश्व में अधिकतम अक्षय ऊर्जा बनाने वाले पहले पांच देश हैं- चीन, यूनायटेड स्टेट्स, ब्राजील, रूस और भारत।
भारत ने २०२२ तक १०० गायगा वॉट हरित अक्षय ऊर्जा बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमे ४० गायगा वॉट रुफटॉप सौर और पवन ऊर्जा को भी गिना जाएगा।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: biodivercityecofriendlyforestgogreenhindi vivekhindi vivek magazinehomesaveearthtraveltravelblogtravelblogger

अच्युत राइलकर

Next Post

ई-कचरा निर्मूलन तथा पुनर्प्रयोग

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

- Select Visibility -

    No Result
    View All Result
    • परिचय
    • संपादकीय
    • पूर्वांक
    • ग्रंथ
    • पुस्तक
    • संघ
    • देश-विदेश
    • पर्यावरण
    • संपर्क
    • पंजीकरण

    © 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

    0